रायपुर । घर में पत्नी, 21 साल की
बेटी, 18 साल का बेटा और डेढ़ लाख की नौकरी। एक एलआइसी अफसर का भरा-पूरा और
खुशहाल परिवार। लेकिन खुशहाली को ग्रहण तब लग गया, जब अफसर ने दूसरी शादी
रचा ली और पहली पत्नी और बच्चों को बेगाना कर दिया। परिवार की सारी खुशियां
छिन गईं। इतना ही नहीं, अब बच्चों को पिता और सौतेली मां से धमकी भी मिल
रही है। वजह यही है कि बच्चों ने मां की हिम्मत बढ़ाई और
मामले को राज्य महिला आयोग में पहुंचा दिया। आयोग ने दूसरी शादी करने वाले
पति को समझाया है और अगली पेशी में दूसरी पत्नी के साथ हाजिर होने के लिए
कहा है। बताया गया है कि दूसरी शादी पहली पत्नी से बगैर तलाक लिए कानून का
उल्लंघन कर की गई है। पिछले तीन साल से पहली पत्नी को धोखा देने का खेल चल
रहा था। आरोपित पति प्रदेश के एक जिले में एलआइसी के ब्रांच मैनेजर पद पर
पदस्थ हैं। दूसरी शादी करने बाद भी वह अपने दोनों बालिग बच्चों का खर्च
उठा रहे हैं। आरोप है कि दूसरी पत्नी ने मामले में हस्तक्षेप कर पहली पत्नी
और उनकी संतान को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। इससे
परेशान होकर मां के साथ बच्चों ने आयोग का दरवाजा खटखटाया। डेढ़
लाख रुपये वेतन पाने वाले अफसर को पहली सुनवाई में आयोग ने सख्त चेतावनी
दी है और अब दूसरी पत्नी के साथ दोबारा उपस्थित होने के निर्देश जारी किए
हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने बताया कि अनावेदक
पति ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि उसका पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ
है। दूसरी औरत से मंदिर
में उसकी माता-पिता की उपस्थिति में हिंदू रीति रिवाज से शादी की है। तीन
वर्ष से दूसरी औरत से अवैध संबंध होने के कारण सामाजिक अपमान को समाप्त
करने के लिए उससे दूसरा विवाह किया है। अनावेदक पति ने बताया कि वे अपने
वेतन से पहली पत्नी को जीवनयापन और आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति कर रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि 20 दिनों से वह अपने मायके में निवास कर रही हैं। अब
उनके पति और दूसरी औरत मेरे बच्चों को फोन पर धमकी देकर प्रताड़ित करते रहते
हैं। मंगलवार की सुनवाई में अनावेदिका दूसरी औरत अनुपस्थित रही। ऐसी दशा
में यह प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा गया।
रायपुर । घर में पत्नी, 21 साल की
बेटी, 18 साल का बेटा और डेढ़ लाख की नौकरी। एक एलआइसी अफसर का भरा-पूरा और
खुशहाल परिवार। लेकिन खुशहाली को ग्रहण तब लग गया, जब अफसर ने दूसरी शादी
रचा ली और पहली पत्नी और बच्चों को बेगाना कर दिया। परिवार की सारी खुशियां
छिन गईं। इतना ही नहीं, अब बच्चों को पिता और सौतेली मां से धमकी भी मिल
रही है। वजह यही है कि बच्चों ने मां की हिम्मत बढ़ाई और
मामले को राज्य महिला आयोग में पहुंचा दिया। आयोग ने दूसरी शादी करने वाले
पति को समझाया है और अगली पेशी में दूसरी पत्नी के साथ हाजिर होने के लिए
कहा है। बताया गया है कि दूसरी शादी पहली पत्नी से बगैर तलाक लिए कानून का
उल्लंघन कर की गई है। पिछले तीन साल से पहली पत्नी को धोखा देने का खेल चल
रहा था। आरोपित पति प्रदेश के एक जिले में एलआइसी के ब्रांच मैनेजर पद पर
पदस्थ हैं। दूसरी शादी करने बाद भी वह अपने दोनों बालिग बच्चों का खर्च
उठा रहे हैं। आरोप है कि दूसरी पत्नी ने मामले में हस्तक्षेप कर पहली पत्नी
और उनकी संतान को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। इससे
परेशान होकर मां के साथ बच्चों ने आयोग का दरवाजा खटखटाया। डेढ़
लाख रुपये वेतन पाने वाले अफसर को पहली सुनवाई में आयोग ने सख्त चेतावनी
दी है और अब दूसरी पत्नी के साथ दोबारा उपस्थित होने के निर्देश जारी किए
हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने बताया कि अनावेदक
पति ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि उसका पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ
है। दूसरी औरत से मंदिर
में उसकी माता-पिता की उपस्थिति में हिंदू रीति रिवाज से शादी की है। तीन
वर्ष से दूसरी औरत से अवैध संबंध होने के कारण सामाजिक अपमान को समाप्त
करने के लिए उससे दूसरा विवाह किया है। अनावेदक पति ने बताया कि वे अपने
वेतन से पहली पत्नी को जीवनयापन और आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति कर रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि 20 दिनों से वह अपने मायके में निवास कर रही हैं। अब
उनके पति और दूसरी औरत मेरे बच्चों को फोन पर धमकी देकर प्रताड़ित करते रहते
हैं। मंगलवार की सुनवाई में अनावेदिका दूसरी औरत अनुपस्थित रही। ऐसी दशा
में यह प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा गया।