रायपुर : छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक नगरी सिरपुर को केंद्र सरकार के
महत्वाकांक्षी 'प्रसाद योजना" में शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने कार्ययोजना बना ली है। जल्द ही केंद्र सरकार को
प्रस्ताव भेजा जाएगा। अभी तक प्रदेश में डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी
दरबार ही इस योजना में शामिल है। जहां इस समय 44.33 करोड़ रुपये में यहां
सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। यहां की खास बात यह है कि मां
बम्लेश्वरी मंदिर से लगी तीन पहाड़ियों के बीचों-बीच श्रीयंत्र की आकृति
बनाई जा रही है, जो देखने में आकर्षक है। इसके अलावा यहां श्रद्धालुओं के
लिए रोप-वे आदि काम किए जा रहे हैं।
सिरपुर का इसलिए बनाया प्रस्ताव
देश
में सिरपुर को विशेष पुरातत्व सामग्री के लिए जाना जाता है। यहां
7वीं-8वीं शताब्दी का लक्ष्मण मंदिर समेत बौद्ध दर्शनीय कई मूर्तियां खुदाई
में प्राप्त हुई है, जिसको देखने के लिए यहां हर रोज 1,500 से 2,000 लोग
पहुंचाते है। छुट्टी के दिन इनकी संख्या दो से तीन गुना हो जाती है। यही
कारण है कि सिरपुर को प्रसाद योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार
किया है।
यदि शामिल होते है तो कई तरह की सुविधाएं
सिरपुर
यदि प्रसाद योजना में शामिल हो जाता है तो यहां अभी की तुलना में कई तरह
की सुविधाएं बढ़ जाएगी। पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि सिरपुर,
महानदी के किनारे है। ऐसे में यहां नदी को विकसित कर बोटिंग की सुविधा,
पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय रिसार्ट, आवाजाही के टैक्सियों आदि का विस्तार
कर सुविधाएं बढ़ाई जा सकती है, जिससे पर्यटक और आकर्षित होंगे।
क्या है प्रसाद योजना
भारत
सरकार ने पर्यटन
मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी।
प्रसाद योजना का पूर्ण रूप 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन
अभियान" है। इसका उद्देश्य एक संपूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान करने
के लिए तीर्थ स्थलों को प्राथमिकता, नियोजित तरीके से एकीकृत करना है। वहीं
प्रसाद योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और संवर्धन का
मार्ग प्रशस्त करना है। स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और भोजन इत्यादि
को बढ़ावा योजना। धार्मिक स्थलों का आधारभूत संरचना का विकास करना है।
पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ के प्रबंध संचालक अनिल साहू ने कहा, सिरपुर को प्रसाद
योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। ये प्रस्ताव केंद्र
सरकार को भेजा जाएगा। यहां पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं देने का प्लान
है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक नगरी सिरपुर को केंद्र सरकार के
महत्वाकांक्षी 'प्रसाद योजना" में शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने कार्ययोजना बना ली है। जल्द ही केंद्र सरकार को
प्रस्ताव भेजा जाएगा। अभी तक प्रदेश में डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी
दरबार ही इस योजना में शामिल है। जहां इस समय 44.33 करोड़ रुपये में यहां
सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है। यहां की खास बात यह है कि मां
बम्लेश्वरी मंदिर से लगी तीन पहाड़ियों के बीचों-बीच श्रीयंत्र की आकृति
बनाई जा रही है, जो देखने में आकर्षक है। इसके अलावा यहां श्रद्धालुओं के
लिए रोप-वे आदि काम किए जा रहे हैं।
सिरपुर का इसलिए बनाया प्रस्ताव
देश
में सिरपुर को विशेष पुरातत्व सामग्री के लिए जाना जाता है। यहां
7वीं-8वीं शताब्दी का लक्ष्मण मंदिर समेत बौद्ध दर्शनीय कई मूर्तियां खुदाई
में प्राप्त हुई है, जिसको देखने के लिए यहां हर रोज 1,500 से 2,000 लोग
पहुंचाते है। छुट्टी के दिन इनकी संख्या दो से तीन गुना हो जाती है। यही
कारण है कि सिरपुर को प्रसाद योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार
किया है।
यदि शामिल होते है तो कई तरह की सुविधाएं
सिरपुर
यदि प्रसाद योजना में शामिल हो जाता है तो यहां अभी की तुलना में कई तरह
की सुविधाएं बढ़ जाएगी। पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि सिरपुर,
महानदी के किनारे है। ऐसे में यहां नदी को विकसित कर बोटिंग की सुविधा,
पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय रिसार्ट, आवाजाही के टैक्सियों आदि का विस्तार
कर सुविधाएं बढ़ाई जा सकती है, जिससे पर्यटक और आकर्षित होंगे।
क्या है प्रसाद योजना
भारत
सरकार ने पर्यटन
मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी।
प्रसाद योजना का पूर्ण रूप 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन
अभियान" है। इसका उद्देश्य एक संपूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान करने
के लिए तीर्थ स्थलों को प्राथमिकता, नियोजित तरीके से एकीकृत करना है। वहीं
प्रसाद योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और संवर्धन का
मार्ग प्रशस्त करना है। स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और भोजन इत्यादि
को बढ़ावा योजना। धार्मिक स्थलों का आधारभूत संरचना का विकास करना है।
पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ के प्रबंध संचालक अनिल साहू ने कहा, सिरपुर को प्रसाद
योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। ये प्रस्ताव केंद्र
सरकार को भेजा जाएगा। यहां पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं देने का प्लान
है।