रायपुर। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर के
विद्यालयों से साल 2021-22 में स्वच्छ विद्यालयों का चयन करने की प्रक्रिया
शुरू कर दी है। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों में
कोरोना से बचने के लिए जो स्कूल बेहतर उपाय कर रहे हैं उनको इसके लिए 15
अंक का प्रविधान किया गया है। स्कूलों में स्वच्छ पेयजल, शौचालय,
साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था, कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय व अन्य
रखरखाव की व्यवस्था को मापदंड बनाकर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद बेहतर
परफार्मेंस वाले स्कूलों को सितारे (स्टार रेटिंग) से नवाजा जाएगा। स्वच्छ
विद्यालय की दावेदारी में देशभर में पहले स्थान पर 99.12 प्रतिशत से गोवा,
दूसरे स्थान पर 99.8 प्रतिशत से झारखंड और तीसरे पायदान पर 97.74 प्रतिशत
से छत्तीसगढ शामिल है। इन जिलों से शत-प्रतिशत विद्यालय शामिल: दंतेवाड़ा,
जशपुर, बीजापुर, नारायणपुर, रायगढ़, कोरबा, बस्तर, गरियाबंद, कांकेर,
कवर्धा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और सुकमा शामिल हैं।
रायपुर। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर के
विद्यालयों से साल 2021-22 में स्वच्छ विद्यालयों का चयन करने की प्रक्रिया
शुरू कर दी है। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों में
कोरोना से बचने के लिए जो स्कूल बेहतर उपाय कर रहे हैं उनको इसके लिए 15
अंक का प्रविधान किया गया है। स्कूलों में स्वच्छ पेयजल, शौचालय,
साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था, कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय व अन्य
रखरखाव की व्यवस्था को मापदंड बनाकर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद बेहतर
परफार्मेंस वाले स्कूलों को सितारे (स्टार रेटिंग) से नवाजा जाएगा। स्वच्छ
विद्यालय की दावेदारी में देशभर में पहले स्थान पर 99.12 प्रतिशत से गोवा,
दूसरे स्थान पर 99.8 प्रतिशत से झारखंड और तीसरे पायदान पर 97.74 प्रतिशत
से छत्तीसगढ शामिल है। इन जिलों से शत-प्रतिशत विद्यालय शामिल: दंतेवाड़ा,
जशपुर, बीजापुर, नारायणपुर, रायगढ़, कोरबा, बस्तर, गरियाबंद, कांकेर,
कवर्धा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और सुकमा शामिल हैं।