रायपुर । रायपुर-विशाखापट्टनम
मार्ग पर स्थित आरवीएच से लाखौली रेलवे स्टेशन तक दोहरीकरण का काम पूरा हो
गया है, लेकिन ट्रेन परिचालन के लिए यात्रियों को अभी इंतजार करना पड़ेगा,
क्योंकि एक पटरी से दूसरी पटरी को जोड़ने के लिए नान इंटरलाकिंग का काम अभी
बाकी है। नान इंटरलाकिंग के लिए रेलवे को ब्लाक लेना पड़ेगा। ब्लाक के
लिए रायपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अनुमति
मांगी थी, लेकिन बोर्ड ने हरी झंडी नहीं दी है। रेलवे सूत्रों की मानें तो
ब्लाक लेने पर इस रूट की कई ट्रेनों को रद करना पड़ सकता है। इस रूट पर
मालगाड़ी अधिक चलती हैं। रेलवे को अप्रैल, मई और जून में सबसे ज्यादा राजस्व
मिलता है, इसलिए बोर्ड ने अनुमति नहीं दी है। गौरतलब है कि रायपुर
से विशाखापट्टनम रूट पर एक दिन में करीब एक दर्जन से अधिक यात्री गाड़ी एवं
50 से अधिक मालगाड़ी गुजरती है। वर्तमान में ये सभी गाड़ियां एक ही लाइन होकर
गुजरती हैं, इसलिए अक्सर ट्रेनें विलंब से होकर चलती हैं। यात्रियों को इस
समस्या से निजात दिलाने के लिए रेलवे प्रशासन रायपुर से टिटलागढ़ तक
दोहरीकरण का काम कर रहा है।
रायपुर । रायपुर-विशाखापट्टनम
मार्ग पर स्थित आरवीएच से लाखौली रेलवे स्टेशन तक दोहरीकरण का काम पूरा हो
गया है, लेकिन ट्रेन परिचालन के लिए यात्रियों को अभी इंतजार करना पड़ेगा,
क्योंकि एक पटरी से दूसरी पटरी को जोड़ने के लिए नान इंटरलाकिंग का काम अभी
बाकी है। नान इंटरलाकिंग के लिए रेलवे को ब्लाक लेना पड़ेगा। ब्लाक के
लिए रायपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अनुमति
मांगी थी, लेकिन बोर्ड ने हरी झंडी नहीं दी है। रेलवे सूत्रों की मानें तो
ब्लाक लेने पर इस रूट की कई ट्रेनों को रद करना पड़ सकता है। इस रूट पर
मालगाड़ी अधिक चलती हैं। रेलवे को अप्रैल, मई और जून में सबसे ज्यादा राजस्व
मिलता है, इसलिए बोर्ड ने अनुमति नहीं दी है। गौरतलब है कि रायपुर
से विशाखापट्टनम रूट पर एक दिन में करीब एक दर्जन से अधिक यात्री गाड़ी एवं
50 से अधिक मालगाड़ी गुजरती है। वर्तमान में ये सभी गाड़ियां एक ही लाइन होकर
गुजरती हैं, इसलिए अक्सर ट्रेनें विलंब से होकर चलती हैं। यात्रियों को इस
समस्या से निजात दिलाने के लिए रेलवे प्रशासन रायपुर से टिटलागढ़ तक
दोहरीकरण का काम कर रहा है।