दिवालिया और बेहाल भूपेश सरकार के पास विकास के लिये पैसे नहीं हैं इसलिए
सरकार छद्म छत्तीसगढिया वाद की बात कर राजनीति करना चाहती है। मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल के केवल गेड़ी चढने से, ट्रेक्टर चलाने से और त्यौहार मनाने से
छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान का छद्म आवरण बना है लेकिन प्रदेश का वास्तविक
स्वाभिमान जब होगा जब उत्सव गाँवों में मनाये जाएँ और गाँव गरीब किसान सुखी
हो। उन्हें मूलभूत सुविधाऐ मिले। छत्तीसगढ़ का वास्तविक विकास भारतीय जनता
पार्टी के शासन काल में हुआ है। भाजपा ने राज्य को विकसित राज्य की सूची
में ला खड़ा किया था।
अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के
गो-मूत्र खरीदी की घोषणा भी इसी छद्म छत्तीसगढ़िया वाद का हिस्सा है।
सरकार 5-7 करोड़ का गोबर खरीदती है और 25 करोड़ विज्ञापन में खर्च कर देती
है। ऐसा ही इस खरीदी में भी होगा। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना में
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि 1 प्रतिशत काँग्रेसियो के पास 90 प्रतिशत पैसा
जाता है, जबकि 90 प्रतिशत लोगों के पास 10 प्रतिशत पैसा जा रहा है।
अग्रवाल ने 10 वी 12 वी क्लास के छात्रों को हेलीकाप्टर की यात्रा कराने
की घोषणा पर कहा कि अच्छी बात है लेकिन ज्यादा अच्छा होता कि छात्रों को
लेपटाप व सायकिल दे देते जो उनके लिये ज्यादा उपयोगी है। उन्होंने कहा कि
हमारे समय में लडकियों को सायकिल दी गई थी और लड़को को भी सायकिल देने की
योजना थी। श्री अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार मजदूरों के 600 करोड़ खाने वाली
सरकार है इन पैसों से मजदूरों की 22 तरह की योजनाएं चलती थीं जिसमें
मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी दिया जाता था। आज सारी योजनाएं बंद
हैं।
घोषणा कर रही है जिसमें खर्च कुछ न करना पड़े। लोग छद्म छत्तीसगढ़िया वाद
को समझ गए हैं इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग सड़कों
पर हैं। ओबीसी वर्ग भी बस्तर में आंदोलन कर रहा है। मुख्यमंत्री की सभाओं
से भीड़ भाग रही है। जनता इस क्रूर सरकार को 2023 में सबक सिखाने का मन बना
चुकी है।
दिवालिया और बेहाल भूपेश सरकार के पास विकास के लिये पैसे नहीं हैं इसलिए
सरकार छद्म छत्तीसगढिया वाद की बात कर राजनीति करना चाहती है। मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल के केवल गेड़ी चढने से, ट्रेक्टर चलाने से और त्यौहार मनाने से
छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान का छद्म आवरण बना है लेकिन प्रदेश का वास्तविक
स्वाभिमान जब होगा जब उत्सव गाँवों में मनाये जाएँ और गाँव गरीब किसान सुखी
हो। उन्हें मूलभूत सुविधाऐ मिले। छत्तीसगढ़ का वास्तविक विकास भारतीय जनता
पार्टी के शासन काल में हुआ है। भाजपा ने राज्य को विकसित राज्य की सूची
में ला खड़ा किया था।
अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के
गो-मूत्र खरीदी की घोषणा भी इसी छद्म छत्तीसगढ़िया वाद का हिस्सा है।
सरकार 5-7 करोड़ का गोबर खरीदती है और 25 करोड़ विज्ञापन में खर्च कर देती
है। ऐसा ही इस खरीदी में भी होगा। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना में
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि 1 प्रतिशत काँग्रेसियो के पास 90 प्रतिशत पैसा
जाता है, जबकि 90 प्रतिशत लोगों के पास 10 प्रतिशत पैसा जा रहा है।
अग्रवाल ने 10 वी 12 वी क्लास के छात्रों को हेलीकाप्टर की यात्रा कराने
की घोषणा पर कहा कि अच्छी बात है लेकिन ज्यादा अच्छा होता कि छात्रों को
लेपटाप व सायकिल दे देते जो उनके लिये ज्यादा उपयोगी है। उन्होंने कहा कि
हमारे समय में लडकियों को सायकिल दी गई थी और लड़को को भी सायकिल देने की
योजना थी। श्री अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार मजदूरों के 600 करोड़ खाने वाली
सरकार है इन पैसों से मजदूरों की 22 तरह की योजनाएं चलती थीं जिसमें
मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी दिया जाता था। आज सारी योजनाएं बंद
हैं।
घोषणा कर रही है जिसमें खर्च कुछ न करना पड़े। लोग छद्म छत्तीसगढ़िया वाद
को समझ गए हैं इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग सड़कों
पर हैं। ओबीसी वर्ग भी बस्तर में आंदोलन कर रहा है। मुख्यमंत्री की सभाओं
से भीड़ भाग रही है। जनता इस क्रूर सरकार को 2023 में सबक सिखाने का मन बना
चुकी है।