रायपुर । छत्तीसगढ़ में हर साल पांच सितंबर
को मिलने वाले राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार
विवादों में आ गया है। राष्ट्रपति सम्मान नहीं पाने वाले शिक्षकों को अधिक
और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को कम अंक देने पर यह बखेड़ा खडा हुआ
है। राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत रायपुर के शासकीय नवीन प्राइमरी
स्कूल केशिक्षक उत्तम कुमार देवांगन ने मामले की शिकायत राज्यपाल,
मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव से की है। मामले में लोक
शिक्षण संचालनालय ने जांच करने केलिए निर्देश दिए हैं। उत्तम देवांगन ने
शिकायती पत्र में लिखा है कि चार साल से राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए
आवेदन कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग केअधिकारियों की मिलीभगत केकारण
योग्यता होने केबाद भी उनका नाम पुरस्कार की सूची से हटाया जा रहा है।
है कि शाला विकास की कंडिका में उत्तम देवांगन को सबसे कम 15 में से एक
अंक मिला है। जबकि शाला विकास केलिए उन्होंने अपनी सैलरी से चार कक्षाओं को
स्मार्ट क्लासरूम में बदला है। कंप्यूटर सेट भी जन सहयोग से बधाों को
उपलब्ध कराया है। इसी के चलते उत्तम देवांगन को साल 2016 में राष्ट्रपति
द्वारा राष्ट्रीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पुरस्कार से नवाजा जा चुका
है। इसी तरह राष्ट्रीय आइसीटी अवार्ड और मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण
पुरस्कार प्रमाण पत्र पर उन्हें 10 में से चार अंक मिले हैं, जबकि इसी
बिंदु पर राष्ट्रपति सम्मान नहीं पाने वाले शिक्षकों को तो पांच नंबर दिया
गया है।
रायपुर । छत्तीसगढ़ में हर साल पांच सितंबर
को मिलने वाले राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार
विवादों में आ गया है। राष्ट्रपति सम्मान नहीं पाने वाले शिक्षकों को अधिक
और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को कम अंक देने पर यह बखेड़ा खडा हुआ
है। राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत रायपुर के शासकीय नवीन प्राइमरी
स्कूल केशिक्षक उत्तम कुमार देवांगन ने मामले की शिकायत राज्यपाल,
मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव से की है। मामले में लोक
शिक्षण संचालनालय ने जांच करने केलिए निर्देश दिए हैं। उत्तम देवांगन ने
शिकायती पत्र में लिखा है कि चार साल से राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए
आवेदन कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग केअधिकारियों की मिलीभगत केकारण
योग्यता होने केबाद भी उनका नाम पुरस्कार की सूची से हटाया जा रहा है।
है कि शाला विकास की कंडिका में उत्तम देवांगन को सबसे कम 15 में से एक
अंक मिला है। जबकि शाला विकास केलिए उन्होंने अपनी सैलरी से चार कक्षाओं को
स्मार्ट क्लासरूम में बदला है। कंप्यूटर सेट भी जन सहयोग से बधाों को
उपलब्ध कराया है। इसी के चलते उत्तम देवांगन को साल 2016 में राष्ट्रपति
द्वारा राष्ट्रीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पुरस्कार से नवाजा जा चुका
है। इसी तरह राष्ट्रीय आइसीटी अवार्ड और मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण
पुरस्कार प्रमाण पत्र पर उन्हें 10 में से चार अंक मिले हैं, जबकि इसी
बिंदु पर राष्ट्रपति सम्मान नहीं पाने वाले शिक्षकों को तो पांच नंबर दिया
गया है।