पानी को देखकर एक अलग ही सुकून मिलता है। फिर चाहें समुद्र के किनारे
बैठ कर लहरों को देखना हो या, फिर बहते झरने को देखना हो। ये काफी
रिलेक्सिंग होता है। बारिश के मौसम में बीच पर जाना तो सही नहीं है लेकिन
आप इन दिनों वॉटरफॉल को घूमने के लिए जा सकते हैं। बारिश के मौसम में
वॉटरफॉल्स की सुदरता बढ़ जाती है। यहां हम बता रहे है महाराष्ट्र के
वॉटरफॉल्स-
महाराष्ट्र के वॉटरफॉल्स :-
1) चाइनामैन फॉल्स
महाबलेश्वर के शांत हिल स्टेशन है। ये झरना कार्वियाली रोड पर बसा
है और टाइगर पाथ रोड इस झरने तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है। सतारा
जिला, जिसमें चाइनामैन वॉटरफॉल है। यहां एक घना जंगल है जो मुख्य वॉटरफॉल
तक जाता है और यह नैचुरल सुंदरता में समाया हुआ है।
2) लिंगमाला वॉटफॉल
यह महाबलेश्वर के सबेस ज्यादा देखे जाने वाले हिल स्टेशन में से
एक है। यह यहां का सबसे फेमस और सबसे ज्यादा देखा जाने वाला झरना है। इन
झरनों का मुख्य स्रोत वेन्ना घाटी है, जहां से पानी 600 फीट की ऊंचाई से
गिरता है। इस जगह पर आपको खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। खूबसूरत
इंद्रधनुष देखने के लिए आप यहां जा सकते हैं।
3) कुन फॉल्स
ये झरने पुराने पुणे-मुंबई रास्ते पर हैं, ये लोनावाला और खंडाला
के जुड़वां हिल स्टेशनों के केंद्र में बसा है, जो महाराष्ट्र के सबसे फेमस
और सबसे ज्यादा देखे जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है। इन झरनों की
ऊंचाई 659 फीट है। इस कुन फॉल्स में पानी सफेद दूध के समान दिखता है।
मानसून के दौरान और बाद में इन झरनों का सबसे अच्छा नजारा देखा दा सकता है।
4) दूधसागर वॉटरफॉल
यहां का पानी दूध की तरह सफेद है और महाराष्ट्र की पूर्वी सीमा पर
गोवा और कर्नाटक को भी छूता है। झरने की ऊंचाई करीब 1020 फीट है। इन झरनों
को देखने आने वाले ज्यादातर पर्यटक महाराष्ट्र और आस पास के राज्यों से
हैं। गोवा आने वाले लोग इस वॉटरफॉल को घूमने जरूर जाते हैं।
5) धोबी वॉटरफॉल्स
है। इन झरनों की ऊंचाई करीब 450 फीट है और यह कोयना नदी में मिल जाती है।
यह झरना पेटिट रोड और ओल्ड महाबलेश्वर रोड के बीच कनेक्टिंग पॉइंट से बहुत
करीब है, क्योंकि यह इस पॉइंट से केवल 3 किमी दूर है। जुलाई और दिसंबर के
बीच इस महीने आप जा सकते हैं
पानी को देखकर एक अलग ही सुकून मिलता है। फिर चाहें समुद्र के किनारे
बैठ कर लहरों को देखना हो या, फिर बहते झरने को देखना हो। ये काफी
रिलेक्सिंग होता है। बारिश के मौसम में बीच पर जाना तो सही नहीं है लेकिन
आप इन दिनों वॉटरफॉल को घूमने के लिए जा सकते हैं। बारिश के मौसम में
वॉटरफॉल्स की सुदरता बढ़ जाती है। यहां हम बता रहे है महाराष्ट्र के
वॉटरफॉल्स-
महाराष्ट्र के वॉटरफॉल्स :-
1) चाइनामैन फॉल्स
महाबलेश्वर के शांत हिल स्टेशन है। ये झरना कार्वियाली रोड पर बसा
है और टाइगर पाथ रोड इस झरने तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है। सतारा
जिला, जिसमें चाइनामैन वॉटरफॉल है। यहां एक घना जंगल है जो मुख्य वॉटरफॉल
तक जाता है और यह नैचुरल सुंदरता में समाया हुआ है।
2) लिंगमाला वॉटफॉल
यह महाबलेश्वर के सबेस ज्यादा देखे जाने वाले हिल स्टेशन में से
एक है। यह यहां का सबसे फेमस और सबसे ज्यादा देखा जाने वाला झरना है। इन
झरनों का मुख्य स्रोत वेन्ना घाटी है, जहां से पानी 600 फीट की ऊंचाई से
गिरता है। इस जगह पर आपको खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। खूबसूरत
इंद्रधनुष देखने के लिए आप यहां जा सकते हैं।
3) कुन फॉल्स
ये झरने पुराने पुणे-मुंबई रास्ते पर हैं, ये लोनावाला और खंडाला
के जुड़वां हिल स्टेशनों के केंद्र में बसा है, जो महाराष्ट्र के सबसे फेमस
और सबसे ज्यादा देखे जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है। इन झरनों की
ऊंचाई 659 फीट है। इस कुन फॉल्स में पानी सफेद दूध के समान दिखता है।
मानसून के दौरान और बाद में इन झरनों का सबसे अच्छा नजारा देखा दा सकता है।
4) दूधसागर वॉटरफॉल
यहां का पानी दूध की तरह सफेद है और महाराष्ट्र की पूर्वी सीमा पर
गोवा और कर्नाटक को भी छूता है। झरने की ऊंचाई करीब 1020 फीट है। इन झरनों
को देखने आने वाले ज्यादातर पर्यटक महाराष्ट्र और आस पास के राज्यों से
हैं। गोवा आने वाले लोग इस वॉटरफॉल को घूमने जरूर जाते हैं।
5) धोबी वॉटरफॉल्स
है। इन झरनों की ऊंचाई करीब 450 फीट है और यह कोयना नदी में मिल जाती है।
यह झरना पेटिट रोड और ओल्ड महाबलेश्वर रोड के बीच कनेक्टिंग पॉइंट से बहुत
करीब है, क्योंकि यह इस पॉइंट से केवल 3 किमी दूर है। जुलाई और दिसंबर के
बीच इस महीने आप जा सकते हैं