News Raipur :: जल संसाधन विभाग में 84 पदों पर प्रभारी अधिकारी की पदस्थापना 12 अधिकारी के पास दोहरे प्रभार :

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1. बृजमोहन ने उठाया प्रभारी अधिकारियों के पदस्थापना का मामला । 2. मंत्री ने स्वीकारा, नियमित अधिकारी है,  उसके बाद प्रभारी अधिकारी की पदस्थापना की गई है । 3.  जलसंसाधन विभाग में वरिष्ठों के ऊपर कनिष्ठ कार्यरत है ।

रायपुर /25 जुलाई/ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जल संसाधन विभाग में प्रभारी अधिकारियों की बड़े पैमाने पर  पदस्थापना का मामला उठाते पूछा कि  प्रदेश में मुख्य अभियंता/ अधीक्षण अभियंता/ कार्यपालन अभियंता/अनुविभागीय अधिकारी के पद पर कितने प्रभारी अधिकारी कार्यरत है, पदवार बतावे? क्या जिन पदों पर प्रभारी अधिकारी पदस्थ किये गये हैं, उन पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध नहीं है? तो प्रभारी अधिकारियों के पदस्थ करने का औचित्य क्या है? विभाग में नियमित अधीक्षण अभियन्ता को हटाकर उनके स्थान पर सेवा निवृत्त अधीक्षण अभियंता को संविदा नियुक्ति देकर पदस्थ किया गया है, यदि हाँ तो क्यों? क्या कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर प्रभारी अधिकारी बनाकर पदस्थ किया गया है, तो क्या यह सामान्य प्रशासन के नियमों/निर्देशो के विरूद्ध नहीं है।जल संसाधन मंत्री ने बताया की प्रभारी अधिकारी के रूप में 84 अधिकारी कार्यरत है। कार्यरत् प्रभारी अधिकारियों में मुख्य अभियंता 04, अधीक्षण अभियंता 04, कार्यपालन अभियंता 15 अनुविभागीय अधिकारी 61, 02 अधीक्षण अभियंता प्रभारी मुख्य अभियंता पद के दोहरे प्रभार एवं 01 सहायक अभियंता प्रभारी कार्यपालन अभियंता पद के दोहरे प्रभार में है। 09 उप अभियंता प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पद के दोहरे एवं दो से अधिक पदों के प्रभार में है। मुख्य अभियंता के पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध नहीं है।जलसंसाधन मंत्री ने अपने उत्तर में स्वीकार किया कि अन्य पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध है परन्तु प्रशासनिक दृष्टि लम्बी सेवा अवधि तकनीकी अनुभव व जनप्रतिनिधियों के मांग को दृष्टिगत रखते हुए नियमित पदस्थापना नहीं होने फलस्वरूप प्रभारी अधिकारियों को पदस्थ किया गया है। जल संसाधन मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि विभाग में वरिष्ठ के ऊपर कनिष्ठ लोगो को बिठाया गया है। लम्बी सेवा अवधि/तकनीकी अनुभव तथा प्रशासनिक दृष्टि से कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारी बनाकर पदस्थ किया।


1. बृजमोहन ने उठाया प्रभारी अधिकारियों के पदस्थापना का मामला । 2. मंत्री ने स्वीकारा, नियमित अधिकारी है,  उसके बाद प्रभारी अधिकारी की पदस्थापना की गई है । 3.  जलसंसाधन विभाग में वरिष्ठों के ऊपर कनिष्ठ कार्यरत है ।

रायपुर /25 जुलाई/ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जल संसाधन विभाग में प्रभारी अधिकारियों की बड़े पैमाने पर  पदस्थापना का मामला उठाते पूछा कि  प्रदेश में मुख्य अभियंता/ अधीक्षण अभियंता/ कार्यपालन अभियंता/अनुविभागीय अधिकारी के पद पर कितने प्रभारी अधिकारी कार्यरत है, पदवार बतावे? क्या जिन पदों पर प्रभारी अधिकारी पदस्थ किये गये हैं, उन पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध नहीं है? तो प्रभारी अधिकारियों के पदस्थ करने का औचित्य क्या है? विभाग में नियमित अधीक्षण अभियन्ता को हटाकर उनके स्थान पर सेवा निवृत्त अधीक्षण अभियंता को संविदा नियुक्ति देकर पदस्थ किया गया है, यदि हाँ तो क्यों? क्या कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर प्रभारी अधिकारी बनाकर पदस्थ किया गया है, तो क्या यह सामान्य प्रशासन के नियमों/निर्देशो के विरूद्ध नहीं है।जल संसाधन मंत्री ने बताया की प्रभारी अधिकारी के रूप में 84 अधिकारी कार्यरत है। कार्यरत् प्रभारी अधिकारियों में मुख्य अभियंता 04, अधीक्षण अभियंता 04, कार्यपालन अभियंता 15 अनुविभागीय अधिकारी 61, 02 अधीक्षण अभियंता प्रभारी मुख्य अभियंता पद के दोहरे प्रभार एवं 01 सहायक अभियंता प्रभारी कार्यपालन अभियंता पद के दोहरे प्रभार में है। 09 उप अभियंता प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पद के दोहरे एवं दो से अधिक पदों के प्रभार में है। मुख्य अभियंता के पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध नहीं है।जलसंसाधन मंत्री ने अपने उत्तर में स्वीकार किया कि अन्य पदों पर नियमित अधिकारी उपलब्ध है परन्तु प्रशासनिक दृष्टि लम्बी सेवा अवधि तकनीकी अनुभव व जनप्रतिनिधियों के मांग को दृष्टिगत रखते हुए नियमित पदस्थापना नहीं होने फलस्वरूप प्रभारी अधिकारियों को पदस्थ किया गया है। जल संसाधन मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि विभाग में वरिष्ठ के ऊपर कनिष्ठ लोगो को बिठाया गया है। लम्बी सेवा अवधि/तकनीकी अनुभव तथा प्रशासनिक दृष्टि से कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारी बनाकर पदस्थ किया।


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