घर के मंदिर में तुलसी के पत्ते रखने के हैं 4 जरूरी नियम:

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तुलसी की पवित्रता के कारण ही इसे पूजनीय माना गया
है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है. इसके अलावा तुलसी  का संबंध भगवान
विष्णु से भी माना गया है. कह जाता है कि जहां तुलसी लगी
होती है, वहां नराकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. आमतौर सभी हिंदू
घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है. पूजा के दौरान तुलसी के
पत्तों  को तोड़कर घर के पूजा मंदिर में रखा जाता है. पूजा
मंदिर में तुलसी के पत्ते रखने के खास नियम बताए गए हैं.
तुलसी को घर के पूजा मंदिमें रखते समय कुछ बातों का विशेष
ध्यान रखना चाहिए. क्यों को तुलसी का अपमान मां लक्ष्मी का अनादर माना जाता
है.

घर के पूजा मंदिर में कितनी तुलसी की पत्तियां रखनी चाहिए

धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, घर के पूजा मंदिर में 2 तुलसी की पत्ती भी
रख सकते हैं. इसे भी शुभ माना गया है. लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से घर के
पूजा मंदिर में तुलसी की पत्तियां रखने के खास नियम हैं. घर के पूजा मंदिर
में हमेशा 7 तुलसी दल रखना शुभ माना गया है.

कितनी पुरानी तुलसी को घर के मंदिर में रखना है उचित

धार्मिक
मान्यता है कि तुलसी की पत्ती कितनी भी पुरानी क्यों ना
हो जाए, उसकी पवित्रता में कमी नहीं आती है. यानी तुलसी की पत्तियां ताजी हो या पुरानी, उसकी पवित्रता में कोई अंतर नहीं आता है.
हालांकि 15 दिनों तक आप तुलसी की पत्तियों को भगवान के पास रख सकते हैं. 15
दिनों के बाद आप इन्हें बदल दें. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि
अगर तुलसी की पत्तियां सूख गई हैं या टूट गई हैं तो उसे तुरंत ही मंदिर से
हटा दें. 

श्यामा या रामा कौन की तुलसी मंदिर में रखें

वैसे
तो तुलसी के कई प्रकार हैं, लेकिन घर के पूजा मंदिर में सिर्फ रामा या
श्यामा तुलसी ही रखी जाती है. इन्हें रखते वक्त इस
बात का भी ध्यान रखें कि अगर इसमें कीड़े लग गए हैं, या कटे-फटे हैं तो
उन्हें ना रखें. 

किन्हें अर्पित की जाती हैं तुलसी की पत्तियां

धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, तुलसी की पत्तियां विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण को
अर्पित की जाती हैं. इनके अलावा मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को भी तुलसी
चढ़ाई जाती है. लेकिन भगवान शिव और गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है.


तुलसी की पवित्रता के कारण ही इसे पूजनीय माना गया
है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है. इसके अलावा तुलसी  का संबंध भगवान
विष्णु से भी माना गया है. कह जाता है कि जहां तुलसी लगी
होती है, वहां नराकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. आमतौर सभी हिंदू
घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है. पूजा के दौरान तुलसी के
पत्तों  को तोड़कर घर के पूजा मंदिर में रखा जाता है. पूजा
मंदिर में तुलसी के पत्ते रखने के खास नियम बताए गए हैं.
तुलसी को घर के पूजा मंदिमें रखते समय कुछ बातों का विशेष
ध्यान रखना चाहिए. क्यों को तुलसी का अपमान मां लक्ष्मी का अनादर माना जाता
है.

घर के पूजा मंदिर में कितनी तुलसी की पत्तियां रखनी चाहिए

धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, घर के पूजा मंदिर में 2 तुलसी की पत्ती भी
रख सकते हैं. इसे भी शुभ माना गया है. लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से घर के
पूजा मंदिर में तुलसी की पत्तियां रखने के खास नियम हैं. घर के पूजा मंदिर
में हमेशा 7 तुलसी दल रखना शुभ माना गया है.

कितनी पुरानी तुलसी को घर के मंदिर में रखना है उचित

धार्मिक
मान्यता है कि तुलसी की पत्ती कितनी भी पुरानी क्यों ना
हो जाए, उसकी पवित्रता में कमी नहीं आती है. यानी तुलसी की पत्तियां ताजी हो या पुरानी, उसकी पवित्रता में कोई अंतर नहीं आता है.
हालांकि 15 दिनों तक आप तुलसी की पत्तियों को भगवान के पास रख सकते हैं. 15
दिनों के बाद आप इन्हें बदल दें. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि
अगर तुलसी की पत्तियां सूख गई हैं या टूट गई हैं तो उसे तुरंत ही मंदिर से
हटा दें. 

श्यामा या रामा कौन की तुलसी मंदिर में रखें

वैसे
तो तुलसी के कई प्रकार हैं, लेकिन घर के पूजा मंदिर में सिर्फ रामा या
श्यामा तुलसी ही रखी जाती है. इन्हें रखते वक्त इस
बात का भी ध्यान रखें कि अगर इसमें कीड़े लग गए हैं, या कटे-फटे हैं तो
उन्हें ना रखें. 

किन्हें अर्पित की जाती हैं तुलसी की पत्तियां

धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार, तुलसी की पत्तियां विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण को
अर्पित की जाती हैं. इनके अलावा मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को भी तुलसी
चढ़ाई जाती है. लेकिन भगवान शिव और गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है.


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