डीएनए हिंदी: डायबिटीज में लो ग्लाइसेमिक
इंडेक्स और हाई रफेज से भरे फूड्स
खाने चाहिए. जिन फूड्स में प्रोटीन अधिक होता है उसे खाने हाई
ब्लड शुगर में जरूरी है. जब फूड्स अमीनो एसिड
और प्रोटीन से भरे होते हैं तो ये अग्नाशय की कोशिकाओं को अधिक
इंसुलिन प्रोडक्शन के लिए उसकाते हैं और इससे ब्लड
में इंसुलिन शुगर को संतुलित करता है.
असल में अग्न्याशय ही इंसुलिन को ब्लड में छोड़ने का काम करता है. हर
खाने के बाद जब ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ती है तो अग्नायश्य ही
इंसुलिन को छोड़ता है और शुगर की मात्रा कंट्रोल होती है. जब इंसुलिन
एक्टिवेट नहीं होता या कम निकलता है, तभी डायबिटीज की समस्या शुरू होती
है.
तो यहां आपको आज कुछ ऐसे प्राकृतिक इंसुलिन बनने वाले फूड्स के बारे में बताएंगे जो डायबिटीज के
मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं. शोध बताते हैं कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन
(Plant Based Protein) प्राकृतिक इंसुलिन लेवल को बढ़ाने के लिए फायदेमंद
होते हैं. प्लांट बेस्ड प्रोटीन कई स्रोतों से आते हैं, जिनमें सेम, मसूर,
मटर, नट और टोफू शामिल हैं.
Natural Insulin बनाने वाले फूड्स
पत्ता गोभी -पत्तागोभी फाइबर में रिच और कैलोरी कम
होती है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है और यही कारण है कि ये
हाई ब्लड शुगर को तेजी से कम करती है. इसके अलावा पत्तागोभी में
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक तत्व भी होते
हैं जो इसे डायबिटीज़ के मरीजों के लिए दवा की तरह काम करते हैं. 2008 में
एक शोध चूहों पर किया गया था और पाया गया कि जिन चूहों को 60 दिन तक
पत्तागोभी खिलाई गई उनका ब्लड शुगर लेवल तेजी से नीचे आ गया था. ब्लड शुगर
लेवल को कंट्रोल में रखने के साथ-साथ ये किडनी को भी फायदा पहुंचाते हैं.
भिंडी -फाइबर का पावरहाउस है भिंडी. ये ब्लड शुगर लेवल
को कंट्रोल रखने में बहुत कारगर है. ये इंसुलिन को एक्टिवेट ही नहीं
करती, बल्कि इसका प्रोडक्शन भी बढ़ा देती है. यही नहीं भिंडी के बीज में
मौजूद अल्फा-ग्लूकोसिडेज़ इनहिबिटर स्टार्च को ग्लूकोज में बदलने से रोकते
हैं. आप चाहें तो भिंडी की फलियों को काटकर रात में पानी में भिगो दें और
सुबह उठकर उसके पानी को पी लें.
करेला- करेला ब्लड शुगर में दवा का काम करता है. ये
अग्न्याशय को उत्तेजित करने का काम करता है. इसमें चारैनटिन, विसीन और एक
पॉलीपेप्टाइड-पी जैसे तत्व होते हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में
कारगर होते हैं. करेले को किसी भी रूप में खाया जा सकता है. इसका रस पीएं
या सब्जी खाएं. अगर आप करेले के रस में 1 बड़ा चम्मच आंवला का रस मिलाकर
पी लें तों इंसुलिन का स्राव नेचुरली बढ़ता है.
मेथी बीज- मेथी में ट्राइगोनेलाइन होता है, जो ब्लड
शुगर लेवल को कम तेजी से कम करता है. गर्म पानी में भिगोए हुए मेथी के
दानों को आप सुबह जरूर खाएं.
करक्यूमिन- हल्दी का अर्क फॉस्फोडिएस्टरेज़ गतिविधि को रोककर इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है.
निकालने में दालचीनी भी बहुत काम करता है. इसे किसी भी रूप में खाने में
शामिल करना शुरू कर दें.
डीएनए हिंदी: डायबिटीज में लो ग्लाइसेमिक
इंडेक्स और हाई रफेज से भरे फूड्स
खाने चाहिए. जिन फूड्स में प्रोटीन अधिक होता है उसे खाने हाई
ब्लड शुगर में जरूरी है. जब फूड्स अमीनो एसिड
और प्रोटीन से भरे होते हैं तो ये अग्नाशय की कोशिकाओं को अधिक
इंसुलिन प्रोडक्शन के लिए उसकाते हैं और इससे ब्लड
में इंसुलिन शुगर को संतुलित करता है.
असल में अग्न्याशय ही इंसुलिन को ब्लड में छोड़ने का काम करता है. हर
खाने के बाद जब ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ती है तो अग्नायश्य ही
इंसुलिन को छोड़ता है और शुगर की मात्रा कंट्रोल होती है. जब इंसुलिन
एक्टिवेट नहीं होता या कम निकलता है, तभी डायबिटीज की समस्या शुरू होती
है.
तो यहां आपको आज कुछ ऐसे प्राकृतिक इंसुलिन बनने वाले फूड्स के बारे में बताएंगे जो डायबिटीज के
मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं. शोध बताते हैं कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन
(Plant Based Protein) प्राकृतिक इंसुलिन लेवल को बढ़ाने के लिए फायदेमंद
होते हैं. प्लांट बेस्ड प्रोटीन कई स्रोतों से आते हैं, जिनमें सेम, मसूर,
मटर, नट और टोफू शामिल हैं.
Natural Insulin बनाने वाले फूड्स
पत्ता गोभी -पत्तागोभी फाइबर में रिच और कैलोरी कम
होती है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है और यही कारण है कि ये
हाई ब्लड शुगर को तेजी से कम करती है. इसके अलावा पत्तागोभी में
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक तत्व भी होते
हैं जो इसे डायबिटीज़ के मरीजों के लिए दवा की तरह काम करते हैं. 2008 में
एक शोध चूहों पर किया गया था और पाया गया कि जिन चूहों को 60 दिन तक
पत्तागोभी खिलाई गई उनका ब्लड शुगर लेवल तेजी से नीचे आ गया था. ब्लड शुगर
लेवल को कंट्रोल में रखने के साथ-साथ ये किडनी को भी फायदा पहुंचाते हैं.
भिंडी -फाइबर का पावरहाउस है भिंडी. ये ब्लड शुगर लेवल
को कंट्रोल रखने में बहुत कारगर है. ये इंसुलिन को एक्टिवेट ही नहीं
करती, बल्कि इसका प्रोडक्शन भी बढ़ा देती है. यही नहीं भिंडी के बीज में
मौजूद अल्फा-ग्लूकोसिडेज़ इनहिबिटर स्टार्च को ग्लूकोज में बदलने से रोकते
हैं. आप चाहें तो भिंडी की फलियों को काटकर रात में पानी में भिगो दें और
सुबह उठकर उसके पानी को पी लें.
करेला- करेला ब्लड शुगर में दवा का काम करता है. ये
अग्न्याशय को उत्तेजित करने का काम करता है. इसमें चारैनटिन, विसीन और एक
पॉलीपेप्टाइड-पी जैसे तत्व होते हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में
कारगर होते हैं. करेले को किसी भी रूप में खाया जा सकता है. इसका रस पीएं
या सब्जी खाएं. अगर आप करेले के रस में 1 बड़ा चम्मच आंवला का रस मिलाकर
पी लें तों इंसुलिन का स्राव नेचुरली बढ़ता है.
मेथी बीज- मेथी में ट्राइगोनेलाइन होता है, जो ब्लड
शुगर लेवल को कम तेजी से कम करता है. गर्म पानी में भिगोए हुए मेथी के
दानों को आप सुबह जरूर खाएं.
करक्यूमिन- हल्दी का अर्क फॉस्फोडिएस्टरेज़ गतिविधि को रोककर इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है.
निकालने में दालचीनी भी बहुत काम करता है. इसे किसी भी रूप में खाने में
शामिल करना शुरू कर दें.