News Raipur :: अवैध रूप से पान कर रहे हैं, चल रहा का चखना सेन्टर; आबकारी का उड़नदस्ता कर क्या रहा है ?:

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रायपुर शहर के साथ साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में शराब दुकान के क्षेत्र में अवैध चखना सेंटरों का परिचालन हो रहा है साथ ही मदिरा प्रेमी बिना किसी के डर से शराब दुकान के क्षेत्र में आराम से बैठकर जाम छलकाते हुए नजर आ रहे हैं। सवाल ये उठ रहा है कि आबकारी विभाग, आबकारी विभाग का उड़नदस्ता कर क्या रहे हैं ? जब दुकानें सरकारी हैं तो मदिरा प्रेमी वहीं बैठकर कैसे शराब का सेवन कर रहे हैं और कैसे और किसके संरक्षण में अवैध चखना सेंटरों का संचालन हो रहा है।

गुप्त सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार यह सब आबकारी विभाग के संरक्षण में हो रहा है जिसके एवज में..........। आबकारी विभाग को बताना चाहिए कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं ? किसी को तो इस बाबत जिम्मेदारी लेनी होगी। ये काम पुलिस का नहीं अपितु आबकारी विभाग के अधिकारियों , अफसरों का है।

ठंडे कमरे में बैठने से, आई फ़ोन इस्तेमाल करने से, ब्रांडेड कपड़े पहनने से खुशबूदार डीओ लगाने से कुछ नहीं होगा, फील्ड पर उतरकर इन सबको बंद करवाना होगा। यह सब अवैध कार्य कुछ हद तक क्राइम को बढ़ाने हेतु जिम्मेदार है। प्लेसमेंट कंपनी को दुकान संचालित करने देने तक को आखरी कार्य न समझा जाए अपितु अवैध कार्यों पर अंकुश लगाया जाए।


रायपुर शहर के साथ साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में शराब दुकान के क्षेत्र में अवैध चखना सेंटरों का परिचालन हो रहा है साथ ही मदिरा प्रेमी बिना किसी के डर से शराब दुकान के क्षेत्र में आराम से बैठकर जाम छलकाते हुए नजर आ रहे हैं। सवाल ये उठ रहा है कि आबकारी विभाग, आबकारी विभाग का उड़नदस्ता कर क्या रहे हैं ? जब दुकानें सरकारी हैं तो मदिरा प्रेमी वहीं बैठकर कैसे शराब का सेवन कर रहे हैं और कैसे और किसके संरक्षण में अवैध चखना सेंटरों का संचालन हो रहा है।

गुप्त सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार यह सब आबकारी विभाग के संरक्षण में हो रहा है जिसके एवज में..........। आबकारी विभाग को बताना चाहिए कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं ? किसी को तो इस बाबत जिम्मेदारी लेनी होगी। ये काम पुलिस का नहीं अपितु आबकारी विभाग के अधिकारियों , अफसरों का है।

ठंडे कमरे में बैठने से, आई फ़ोन इस्तेमाल करने से, ब्रांडेड कपड़े पहनने से खुशबूदार डीओ लगाने से कुछ नहीं होगा, फील्ड पर उतरकर इन सबको बंद करवाना होगा। यह सब अवैध कार्य कुछ हद तक क्राइम को बढ़ाने हेतु जिम्मेदार है। प्लेसमेंट कंपनी को दुकान संचालित करने देने तक को आखरी कार्य न समझा जाए अपितु अवैध कार्यों पर अंकुश लगाया जाए।


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