एक शादी ऐसी भी जहां 101 पौधों के साथ विदा हुई दुल्हन, जानिए पूरा मामला:

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक पहल मिशाल बनकर उभर रहा है। शादियों में जहां
दुल्हन को मोटर कार और दान दहेज दिया जाता है। वहीं कोरबा में एक विवाह
समारोह ऐसा भी संपन्न हुआ । जहां दुल्हन को 101 पौधों के साथ विदा किया
गया। साथ ही बारातियों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर फलदार और छायादार पौधे
भेंट किया गया। वहीं 201 पौधे ग्राम तरदा में दुल्हन निशा और दूल्हा
स्वतंत्र के नाम लगाया जा रहा है। इसके अलावा ‘वृक्ष सेवा विश्व सेवा’
अभियान के तहत 1 लाख पौधे चरामेति फाउंडेशन की ओर से लगाया जाएगा। शादियों में
दहेज के तौर पर मिलने वाले दान दहेज के चर्चे तो आप बहुत सुने होंगे,
लेकिन दहेज के साथ पौधे दहेज में देना और वो भी एक नहीं दो नहीं बल्कि 101
पौध दहेज में दिया गया हो। दरअसल हम बात कर रहे हैं कोरबा जिले के एक छोटे
से गांव दीपका निवासी चंद्रभूषण महतो परिवार का। जहां ये प्रचलन है की बेटी
की शादी में दहेज़ के साथ पौधे दिया जाता है। विगत 2 दिसंबर को चंद्रभूषण
महतो औऱ भुवनेश्वरी महतो के द्वितीय पुत्री निशा का विवाह बालको निवासी
भागवत जायसवाल पुत्र . स्वतंत्र जायसवाल से साथ संपन्न हुआ। जिसे अन्य
सामग्रियों के साथ भाई प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए , जिसमें
विभिन्न फलदार, छायादार पौधे शामिल है।





दुल्हन के
भाई प्रशांत महतो ने बताया कि इस विचार की उत्पत्ति के पीछे कई कारण है,
जिसमें से प्रमुख जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संतुलन के प्रति भावनात्मक
रूप से लोगों को जोड़ने की कोशिश और वैवाहिक समारोह में महंगे खर्चीले
अनुपयोगी गिफ्टों को रोकने की कोशिश है कोई भी गिफ्ट सामान या तो कई घरों
में घूमते रहता है या फिर कुछ समय में अनुपयोगी हो जाता है लेकिन शिद्दत से
लगाया एक वृक्ष सैकडों सालों तक कॉर्बनडाई ऑक्साइड अवशोषित कर ऑक्सिजन
उत्सर्जित करता रहेगा।


रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक पहल मिशाल बनकर उभर रहा है। शादियों में जहां
दुल्हन को मोटर कार और दान दहेज दिया जाता है। वहीं कोरबा में एक विवाह
समारोह ऐसा भी संपन्न हुआ । जहां दुल्हन को 101 पौधों के साथ विदा किया
गया। साथ ही बारातियों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर फलदार और छायादार पौधे
भेंट किया गया। वहीं 201 पौधे ग्राम तरदा में दुल्हन निशा और दूल्हा
स्वतंत्र के नाम लगाया जा रहा है। इसके अलावा ‘वृक्ष सेवा विश्व सेवा’
अभियान के तहत 1 लाख पौधे चरामेति फाउंडेशन की ओर से लगाया जाएगा। शादियों में
दहेज के तौर पर मिलने वाले दान दहेज के चर्चे तो आप बहुत सुने होंगे,
लेकिन दहेज के साथ पौधे दहेज में देना और वो भी एक नहीं दो नहीं बल्कि 101
पौध दहेज में दिया गया हो। दरअसल हम बात कर रहे हैं कोरबा जिले के एक छोटे
से गांव दीपका निवासी चंद्रभूषण महतो परिवार का। जहां ये प्रचलन है की बेटी
की शादी में दहेज़ के साथ पौधे दिया जाता है। विगत 2 दिसंबर को चंद्रभूषण
महतो औऱ भुवनेश्वरी महतो के द्वितीय पुत्री निशा का विवाह बालको निवासी
भागवत जायसवाल पुत्र . स्वतंत्र जायसवाल से साथ संपन्न हुआ। जिसे अन्य
सामग्रियों के साथ भाई प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए , जिसमें
विभिन्न फलदार, छायादार पौधे शामिल है।





दुल्हन के
भाई प्रशांत महतो ने बताया कि इस विचार की उत्पत्ति के पीछे कई कारण है,
जिसमें से प्रमुख जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संतुलन के प्रति भावनात्मक
रूप से लोगों को जोड़ने की कोशिश और वैवाहिक समारोह में महंगे खर्चीले
अनुपयोगी गिफ्टों को रोकने की कोशिश है कोई भी गिफ्ट सामान या तो कई घरों
में घूमते रहता है या फिर कुछ समय में अनुपयोगी हो जाता है लेकिन शिद्दत से
लगाया एक वृक्ष सैकडों सालों तक कॉर्बनडाई ऑक्साइड अवशोषित कर ऑक्सिजन
उत्सर्जित करता रहेगा।


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