मामला सरगुजा जिले के सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष
2011-12 एवं 2012-13 में प्राथमिक शाला/ माध्यमिक शाला भवनों में
विद्युतीकरण के कार्यों में फर्जी बिल वाउचर लगाकर करोड़ों रुपए की शासकीय
राशि के गबन करने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध किए जाने का है।
उक्त
मामले में डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दिनांक
3/11/2022 को एक परिवाद धारा 156(3) के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
अंबिकापुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था
कि वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं
माध्यमिक शाला में कुल 1005 शालाओं में विद्युतीकरण कार्य हेतु 30,000
प्रतिशाला के मान से रुपए 3,01,50,000/- (तीन करोड़ एक लाख पचास हजार
मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गई थी शालाओं में बिना विद्युतीकरण कार्य किए
राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया है तथा पूर्णता प्रमाण भी
जारी किया जा चुका है।
उक्त कार्यों के संबंध में एक शिकायत
कमिश्नर सरगुजा के समक्ष किया गया था जिसके आधार पर एक जांच दल का गठन करने
का आदेश दिया गया था उक्त जांच दल के द्वारा प्राप्त शिकायत के संबंध में
विधिवत जांच किया गया तथा दिनांक 2/5/2015 को जांच कर जांच प्रतिवेदन
प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय रायपुर को भेजा गया
उक्त जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया कि 1)अनुबंध क्रमांक 303/डी.
एल./ 2012-13 के तहत माध्यमिक शाला डीएल 2012-13 के तहत 7 नग माध्यमिक शाला
2) अनुबंध क्रमांक 304/डी.एल./ 2012-13 के तहत 8 नग माध्यमिक शाला
3)अनुबंध 328/डी.एल./2012-13 के तहत 4 नग माध्यमिक शाला एवं 10 नग प्राथमिक
शाला 4) अनुबंध क्रमांक 329/डी.एल./2012-13 के तहत 9 नग माध्यमिक एवं 6 नग
प्राथमिक शाला 5) अनुबंध क्रमांक 337/डी.एल. 2012-13 के तहत 8 नग माध्यमिक
शाला 6) अनुबंध क्रमांक 340/डी.एल. 2012-13 के तहत 14 प्राथमिक शाला 7)
अनुबंध क्रमांक 339/डी.एल. 2012-13 के तहत 14 प्राथमिक शाला 8) अनुबंध
क्रमांक 264/डी.एल/2012-13 के तहत 14 नग प्राथमिक शाला का स्थल परीक्षण कर
वहां पदस्थ प्रधान पाठकों का बयान दर्ज किया गया है। निरीक्षण के दौरान
उक्त शाला में विद्युतीकरण का कार्य नहीं होना पाया गया है। उपरोक्त
विद्युतीकरण कार्य हेतु कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग(वि./यां) को
कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया था जिसके द्वारा ठेके के माध्यम से कार्य
संपादित होना बताया जाकर संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। इस तरह
बिना कार्य के भुगतान होना बताया गया है।
उपरोक्त सभी कार्यों का
फर्जी मूल्यांकन तथा मेज़रमेंट अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा किया गया और
उपरोक्त कार्य के करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान भी फर्जी दस्तावेज के
आधार पर तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री एच एल शर्मा मूल पद सहायक
अभियंता एवं एसडीओ रीता सेन तथा सब इंजीनियर रूपाली सिन्हा एवं सीमा साहू
के द्वारा किया गया जो कि जांच प्रतिवेदन से प्रमाणित है।
अधिकारी
एवं ठेकेदार के द्वारा शासकीय राशि का गबन करने के लिए दस्तावेजों में कूट
रचना की गई और फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि आहरण किया गया जो कि
साफ तौर पर एक आपराधिक कृत्य है।
एच एल शर्मा सहायक अभियंता के पद पर
मूल रूप से पदस्थ थे लेकिन उनके द्वारा एवं अन्य अधिकारियों एवं ठेकेदार
के साथ मिलकर संयुक्त रूप से मिलीभगत कर सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक
एवं माध्यमिक शाला में विद्युतीकरण कार्य हेतु कुल 1005 शालाओं के लिए
आवंटित राशि 3,01,50,000/- रुपए का फर्जी देयक तैयार किया गया और शासन को
करोड़ों रुपए का क्षति पहुंचाया गया एवं बिना कार्य किए कार्य पूर्ण होना
बताकर अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार को राशि का भुगतान किया गया जो कि साफ
तरीके से धोखाधड़ी, चीटिंग एवं फर्जीवाड़ा प्रमाणित है।
डी०के० सोनी
अधिवक्ता के द्वारा उपरोक्त दस्तावेजों के आधार पर अधिकारी एवं ठेकेदार के
विरुद्ध दिनांक 19/9/2022 को कोतवाली अंबिकापुर में कूट रचित दस्तावेजों के
आधार पर शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में अपराध अंतर्गत धारा 409,
419, 420, 467, 468, 471 भा०द०वि० के तहत पंजीबद्ध किए जाने का आवेदन
प्रस्तुत किया गया था लेकिन कोई अपराध दर्ज नही किया गया जिसके बाद दिनाक
29/9/22को पुलिस अधीक्षक सरगुजा के समक्ष भी आवेदन देकर प्रथम सूचना पत्र
दर्ज किए जाने का निवेदन किया गया लेकिन करोड़ो के घोटाला करने वालो के
विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके बाद दिनाक 3/11/22को धारा
156(3)दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर के
न्यायालय में परिवाद पेश किया गया जिसमे दिनाक 30/11/22को प्रकरण में
सुनवाई करते हुए प्रस्तुत आवेदन धारा 156(3) का स्वीकार करते हुए, दिनाक
1/12/22को थाना अंबिकापुर कोतवाली को ज्ञापन भेजकर उक्त मामले मे संबंधित
अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन
धारा 173के तहत पेश करने का आदेश दिया है।
जिसके आधार पर कोतवाली
थाना अंबिकापुर के द्वारा दिनाक 13/12/22 को अपराध क्रमांक 1050/2022
अंतर्गत धारा 409,420, 120बी भारतीय दण्ड संहिता के तहत एच एल शर्मा
कार्यपालन अभियंता, रीता सेन सब इंजीनियर, रूपाली सिन्हा सब इंजीनियर, सीमा
साहू सब इंजीनियर, तथा ठेकेदार गणपति कंट्रकशन, और निशिकांत त्रिपाठी के
विरुद्ध पंजीबद्ध कर मामले में विवेचना प्रारंभ कर दिया गया है,।
मामला सरगुजा जिले के सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष
2011-12 एवं 2012-13 में प्राथमिक शाला/ माध्यमिक शाला भवनों में
विद्युतीकरण के कार्यों में फर्जी बिल वाउचर लगाकर करोड़ों रुपए की शासकीय
राशि के गबन करने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध किए जाने का है।
उक्त
मामले में डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दिनांक
3/11/2022 को एक परिवाद धारा 156(3) के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
अंबिकापुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था
कि वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं
माध्यमिक शाला में कुल 1005 शालाओं में विद्युतीकरण कार्य हेतु 30,000
प्रतिशाला के मान से रुपए 3,01,50,000/- (तीन करोड़ एक लाख पचास हजार
मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गई थी शालाओं में बिना विद्युतीकरण कार्य किए
राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया है तथा पूर्णता प्रमाण भी
जारी किया जा चुका है।
उक्त कार्यों के संबंध में एक शिकायत
कमिश्नर सरगुजा के समक्ष किया गया था जिसके आधार पर एक जांच दल का गठन करने
का आदेश दिया गया था उक्त जांच दल के द्वारा प्राप्त शिकायत के संबंध में
विधिवत जांच किया गया तथा दिनांक 2/5/2015 को जांच कर जांच प्रतिवेदन
प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय रायपुर को भेजा गया
उक्त जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया कि 1)अनुबंध क्रमांक 303/डी.
एल./ 2012-13 के तहत माध्यमिक शाला डीएल 2012-13 के तहत 7 नग माध्यमिक शाला
2) अनुबंध क्रमांक 304/डी.एल./ 2012-13 के तहत 8 नग माध्यमिक शाला
3)अनुबंध 328/डी.एल./2012-13 के तहत 4 नग माध्यमिक शाला एवं 10 नग प्राथमिक
शाला 4) अनुबंध क्रमांक 329/डी.एल./2012-13 के तहत 9 नग माध्यमिक एवं 6 नग
प्राथमिक शाला 5) अनुबंध क्रमांक 337/डी.एल. 2012-13 के तहत 8 नग माध्यमिक
शाला 6) अनुबंध क्रमांक 340/डी.एल. 2012-13 के तहत 14 प्राथमिक शाला 7)
अनुबंध क्रमांक 339/डी.एल. 2012-13 के तहत 14 प्राथमिक शाला 8) अनुबंध
क्रमांक 264/डी.एल/2012-13 के तहत 14 नग प्राथमिक शाला का स्थल परीक्षण कर
वहां पदस्थ प्रधान पाठकों का बयान दर्ज किया गया है। निरीक्षण के दौरान
उक्त शाला में विद्युतीकरण का कार्य नहीं होना पाया गया है। उपरोक्त
विद्युतीकरण कार्य हेतु कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग(वि./यां) को
कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया था जिसके द्वारा ठेके के माध्यम से कार्य
संपादित होना बताया जाकर संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। इस तरह
बिना कार्य के भुगतान होना बताया गया है।
उपरोक्त सभी कार्यों का
फर्जी मूल्यांकन तथा मेज़रमेंट अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा किया गया और
उपरोक्त कार्य के करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान भी फर्जी दस्तावेज के
आधार पर तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री एच एल शर्मा मूल पद सहायक
अभियंता एवं एसडीओ रीता सेन तथा सब इंजीनियर रूपाली सिन्हा एवं सीमा साहू
के द्वारा किया गया जो कि जांच प्रतिवेदन से प्रमाणित है।
अधिकारी
एवं ठेकेदार के द्वारा शासकीय राशि का गबन करने के लिए दस्तावेजों में कूट
रचना की गई और फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि आहरण किया गया जो कि
साफ तौर पर एक आपराधिक कृत्य है।
एच एल शर्मा सहायक अभियंता के पद पर
मूल रूप से पदस्थ थे लेकिन उनके द्वारा एवं अन्य अधिकारियों एवं ठेकेदार
के साथ मिलकर संयुक्त रूप से मिलीभगत कर सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक
एवं माध्यमिक शाला में विद्युतीकरण कार्य हेतु कुल 1005 शालाओं के लिए
आवंटित राशि 3,01,50,000/- रुपए का फर्जी देयक तैयार किया गया और शासन को
करोड़ों रुपए का क्षति पहुंचाया गया एवं बिना कार्य किए कार्य पूर्ण होना
बताकर अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार को राशि का भुगतान किया गया जो कि साफ
तरीके से धोखाधड़ी, चीटिंग एवं फर्जीवाड़ा प्रमाणित है।
डी०के० सोनी
अधिवक्ता के द्वारा उपरोक्त दस्तावेजों के आधार पर अधिकारी एवं ठेकेदार के
विरुद्ध दिनांक 19/9/2022 को कोतवाली अंबिकापुर में कूट रचित दस्तावेजों के
आधार पर शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में अपराध अंतर्गत धारा 409,
419, 420, 467, 468, 471 भा०द०वि० के तहत पंजीबद्ध किए जाने का आवेदन
प्रस्तुत किया गया था लेकिन कोई अपराध दर्ज नही किया गया जिसके बाद दिनाक
29/9/22को पुलिस अधीक्षक सरगुजा के समक्ष भी आवेदन देकर प्रथम सूचना पत्र
दर्ज किए जाने का निवेदन किया गया लेकिन करोड़ो के घोटाला करने वालो के
विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके बाद दिनाक 3/11/22को धारा
156(3)दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर के
न्यायालय में परिवाद पेश किया गया जिसमे दिनाक 30/11/22को प्रकरण में
सुनवाई करते हुए प्रस्तुत आवेदन धारा 156(3) का स्वीकार करते हुए, दिनाक
1/12/22को थाना अंबिकापुर कोतवाली को ज्ञापन भेजकर उक्त मामले मे संबंधित
अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन
धारा 173के तहत पेश करने का आदेश दिया है।
जिसके आधार पर कोतवाली
थाना अंबिकापुर के द्वारा दिनाक 13/12/22 को अपराध क्रमांक 1050/2022
अंतर्गत धारा 409,420, 120बी भारतीय दण्ड संहिता के तहत एच एल शर्मा
कार्यपालन अभियंता, रीता सेन सब इंजीनियर, रूपाली सिन्हा सब इंजीनियर, सीमा
साहू सब इंजीनियर, तथा ठेकेदार गणपति कंट्रकशन, और निशिकांत त्रिपाठी के
विरुद्ध पंजीबद्ध कर मामले में विवेचना प्रारंभ कर दिया गया है,।