समलैंगिक शादी को मिला कानूनी दर्जा:

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वाशिंगटन, : अमेरिका में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिल
गई है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में अमेरिकी संसद द्वारा पारित
समलैंगिक विवाह संरक्षण विधेयक पर मंगलवार को दस्तखत कर दिए. मतलब अमेरिका
में अब समलैंगिक शादियां लीगल होंगी. गे मैरिज बिल पर हस्ताक्षर करने के
बाद जो बाइडेन ने ट्वीट किया और कहा, ‘आज काफी अच्छा दिन है. आज समानता की
दिशा में अमेरिका ने एक और कदम बढ़ाया है. यह कदम स्वतंत्रता और न्याय की
ओर न केवल कुछ लोगों के लिए, बल्कि सभी के लिए हैं. क्योंकि आज मैंने मैरिज
बिल पर हस्ताक्षर किया है.’ व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में जो बाइडेन ने कहा
कि यह कानून नफरत के सभी रूपों के खिलाफ एक झटका है और इसलिए यह कानून हर
एक अमेरिकी के लिए मायने रखता है.





‘द हिल अखबार’ के अनुसार नया अमेरिकी कानून समान लिंग वाले लोगों के बीच
विवाह को संघीय संरक्षण प्रदान करेगा. यह कानून अमेरिका के सभी राज्यों
में भी समलैंगिक विवाह करने वाले युगलों को मान्यता देगा और उनके अधिकारों
का संरक्षण करेगा. यह उन हजारों युगल के लिए राहत की बात है, जिन्होंने
2015 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद शादी रचाई है, जिसमें इन
विवाहों को वैध ठहराया गया था. लेकिन ये युगल फैसले को पलट दिये जाने की
आशंका के कारण चिंतित थे


वाशिंगटन, : अमेरिका में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिल
गई है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में अमेरिकी संसद द्वारा पारित
समलैंगिक विवाह संरक्षण विधेयक पर मंगलवार को दस्तखत कर दिए. मतलब अमेरिका
में अब समलैंगिक शादियां लीगल होंगी. गे मैरिज बिल पर हस्ताक्षर करने के
बाद जो बाइडेन ने ट्वीट किया और कहा, ‘आज काफी अच्छा दिन है. आज समानता की
दिशा में अमेरिका ने एक और कदम बढ़ाया है. यह कदम स्वतंत्रता और न्याय की
ओर न केवल कुछ लोगों के लिए, बल्कि सभी के लिए हैं. क्योंकि आज मैंने मैरिज
बिल पर हस्ताक्षर किया है.’ व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में जो बाइडेन ने कहा
कि यह कानून नफरत के सभी रूपों के खिलाफ एक झटका है और इसलिए यह कानून हर
एक अमेरिकी के लिए मायने रखता है.





‘द हिल अखबार’ के अनुसार नया अमेरिकी कानून समान लिंग वाले लोगों के बीच
विवाह को संघीय संरक्षण प्रदान करेगा. यह कानून अमेरिका के सभी राज्यों
में भी समलैंगिक विवाह करने वाले युगलों को मान्यता देगा और उनके अधिकारों
का संरक्षण करेगा. यह उन हजारों युगल के लिए राहत की बात है, जिन्होंने
2015 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद शादी रचाई है, जिसमें इन
विवाहों को वैध ठहराया गया था. लेकिन ये युगल फैसले को पलट दिये जाने की
आशंका के कारण चिंतित थे


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