केंद्र ने दिया 3 करोड़ 80 लाख क्विंटल चावल उसमे से 1 करोड़ 50 लाख क्विंटल चावल गायब:

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रायपुर। पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत
ने सोमवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि केंद्र से आए चावल में
राज्य की कांग्रेस सरकार ने 5 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर दिया है
एवं 1 करोड़ 50 लाख क्विंटल चावल गायब है। मूणत ने बताया कि वर्ष 2022 में
गरीबी रेखा जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्डो की संख्या 63 लाख
73 हजार 834 है एवं इनमें कुल सदस्य 2 करोड़ 33 लाख 18 हजार 751 है। केंद्र
सरकार द्वारा कोविड महामारी के चलते गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति माह प्रति सदस्य 5 किग्रा, अतिरिक्त
चावल की व्यवस्था कराई गई जो कि माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक नियमित
रूप से प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में निवासरत् गरीब
परिवारों के लिए 11 लाख 53 हजार 380 क्विंटल प्रति माह चावल राज्य सरकार को
आबंटित किया गया। इस प्रकार अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक कुल 33 माह तक
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार को
3,80,61,540 क्विंटल ( 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल) चांवल का
अतिरिक्त आबंटन दिया गया। राज्य सरकार द्वारा माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर
2022 तक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत
2,29,80,711 क्विंटल (2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल) चावल का वितरण
किया गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत भेजे गए अतिरिक्त चावल में
राज्य सरकार ने 1,50,80,829 क्विंटल (1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल)
चावल का वितरण नहीं किया।
वर्तमान में चावल का बाजार मूल्य 3,400 प्रति
क्विंटल है इस अनुसार अवितरित चांवल 1,50,80,829 क्विंटल (1 करोड़ 50 लाख
80 हजार 829 क्विंटल लगभग) का बाजार मूल्य लगभग 5,127,48,18600 रूपये (5
हजार 127 करोड़ रूपये लगभग) है। इस हिसाब से लगभग 5,127,48,18600 रूपये
(लगभग 5 हजार 127 करोड़ रूपये लगभग ) का राज्य सरकार द्वारा घोटाला किया
गया है।
श्री मूणत ने कहा केंद्र सरकार ने राशन वितरण में फर्जीवाड़ा
रुकवाने के लिए ऑनलाइन पीओएस मशीन लोगों के आधार लिंक और थंब इंप्रेशन को
जरूरी किया हुआ है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में गरीबों के अनाज की
कालाबाजारी की की गई है। राज्य सरकार ने अपने पीडीएस सिस्टम के माध्यम से
केंद्र से मिलने वाले चावल को बांटने में हेरफेर की है,क्योंकि केंद्र और
राज्य के आंकड़ों में मिलान नहीं हो पा रहा है। एक अहम सवाल यह भी है कि
भूपेश बघेल सरकार ने कोरोनाकाल, में वितरित चावल का ऑडिट भी नही करवाया है
इससे संदेह प्रबल हो जाता है कि राज्य शासन के संरक्षण में बड़े पैमाने पर
चावल घोटाला किया गया है।


रायपुर। पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत
ने सोमवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि केंद्र से आए चावल में
राज्य की कांग्रेस सरकार ने 5 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर दिया है
एवं 1 करोड़ 50 लाख क्विंटल चावल गायब है। मूणत ने बताया कि वर्ष 2022 में
गरीबी रेखा जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्डो की संख्या 63 लाख
73 हजार 834 है एवं इनमें कुल सदस्य 2 करोड़ 33 लाख 18 हजार 751 है। केंद्र
सरकार द्वारा कोविड महामारी के चलते गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति माह प्रति सदस्य 5 किग्रा, अतिरिक्त
चावल की व्यवस्था कराई गई जो कि माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक नियमित
रूप से प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में निवासरत् गरीब
परिवारों के लिए 11 लाख 53 हजार 380 क्विंटल प्रति माह चावल राज्य सरकार को
आबंटित किया गया। इस प्रकार अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक कुल 33 माह तक
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार को
3,80,61,540 क्विंटल ( 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल) चांवल का
अतिरिक्त आबंटन दिया गया। राज्य सरकार द्वारा माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर
2022 तक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत
2,29,80,711 क्विंटल (2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल) चावल का वितरण
किया गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत भेजे गए अतिरिक्त चावल में
राज्य सरकार ने 1,50,80,829 क्विंटल (1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल)
चावल का वितरण नहीं किया।
वर्तमान में चावल का बाजार मूल्य 3,400 प्रति
क्विंटल है इस अनुसार अवितरित चांवल 1,50,80,829 क्विंटल (1 करोड़ 50 लाख
80 हजार 829 क्विंटल लगभग) का बाजार मूल्य लगभग 5,127,48,18600 रूपये (5
हजार 127 करोड़ रूपये लगभग) है। इस हिसाब से लगभग 5,127,48,18600 रूपये
(लगभग 5 हजार 127 करोड़ रूपये लगभग ) का राज्य सरकार द्वारा घोटाला किया
गया है।
श्री मूणत ने कहा केंद्र सरकार ने राशन वितरण में फर्जीवाड़ा
रुकवाने के लिए ऑनलाइन पीओएस मशीन लोगों के आधार लिंक और थंब इंप्रेशन को
जरूरी किया हुआ है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में गरीबों के अनाज की
कालाबाजारी की की गई है। राज्य सरकार ने अपने पीडीएस सिस्टम के माध्यम से
केंद्र से मिलने वाले चावल को बांटने में हेरफेर की है,क्योंकि केंद्र और
राज्य के आंकड़ों में मिलान नहीं हो पा रहा है। एक अहम सवाल यह भी है कि
भूपेश बघेल सरकार ने कोरोनाकाल, में वितरित चावल का ऑडिट भी नही करवाया है
इससे संदेह प्रबल हो जाता है कि राज्य शासन के संरक्षण में बड़े पैमाने पर
चावल घोटाला किया गया है।


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