कमिश्नर के आदेश से 15 दिनों से बंद पड़ी हैं दुकानें..वेतन के लाले पड़े:

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रायपुर. वीआईपी रोड के फुण्डहर चौक में स्थित तीन-चार दुकानों में
विगत 15 दिनों से ताला पड़ा है. नगर निगम कमिश्नर के आदेश के बाद सील हुई
दुकानें अब तक नही खुल सकी हैं नतीजन दो दर्जन से अधिक परिवारों को
रोजीरोटी के लाले पड़ गए हैं. 

सूत्रों के मुताबिक
इतने दिनों से बंद पड़ी दुकानों के कारण यहां पर काम करने वाले बेरोजगार
युवा अब दूसरे रोजगार की तलाश में हैं. इस बार उनका 15 दिन का वेतन मिलने
से रहा. कुल मिलाकर लाखों का नुकसान इन रोजगारधारकों को उठाना पड़ा है.
जबकि दुकान मालिक भाग्य को कोसते बैठे हैं. इनमें साहू जलपान गृह, रेडीमेड
कपड़े की दुकान, मोबाइल शॉप तथा ग्वाला स्वीटस की दुकानें शामिल हैं. 

उधर
नगर निगम का झोन आफिस इन दुकानों की सील कब तक खुलवा पाएगा, अधिकारी कुछ
भी बताने में असमर्थ हैं. सभी इसे नगर निगम कमिश्नर के आदेश का पालन बता
रहे हैं. जानते चलें कि विगत 13 दिसंबर को नगर निगम कमिश्नर के आदेश से इन
दुकानों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई थी तथा दुकानों को सील कर दिया था
लेकिन आज 15 दिन गुजरने के बाद भी इन दुकानदारों का ताला नही खुल सका.
दुकानों के अंदर लाखों का माल पड़ा है, ग्वाला ​स्वीटस का भी सामान पूरा
बरबाद हो गया है जबकि अन्य दुकानों की बिक्री ना होने से उन्हें आर्थिक
नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

दूसरी ओर बंद पड़ी दुकानों के संचालकों ने
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के सामने कई बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी
दुकानें खुलवाने की पहल नही की है. ऐसा लग रहा है कि किसी अधिकारी के इगो
का खामियाजा छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. इससे सरकार के खिलाफ
भी गुस्सा बढ़ रहा है.


रायपुर. वीआईपी रोड के फुण्डहर चौक में स्थित तीन-चार दुकानों में
विगत 15 दिनों से ताला पड़ा है. नगर निगम कमिश्नर के आदेश के बाद सील हुई
दुकानें अब तक नही खुल सकी हैं नतीजन दो दर्जन से अधिक परिवारों को
रोजीरोटी के लाले पड़ गए हैं. 

सूत्रों के मुताबिक
इतने दिनों से बंद पड़ी दुकानों के कारण यहां पर काम करने वाले बेरोजगार
युवा अब दूसरे रोजगार की तलाश में हैं. इस बार उनका 15 दिन का वेतन मिलने
से रहा. कुल मिलाकर लाखों का नुकसान इन रोजगारधारकों को उठाना पड़ा है.
जबकि दुकान मालिक भाग्य को कोसते बैठे हैं. इनमें साहू जलपान गृह, रेडीमेड
कपड़े की दुकान, मोबाइल शॉप तथा ग्वाला स्वीटस की दुकानें शामिल हैं. 

उधर
नगर निगम का झोन आफिस इन दुकानों की सील कब तक खुलवा पाएगा, अधिकारी कुछ
भी बताने में असमर्थ हैं. सभी इसे नगर निगम कमिश्नर के आदेश का पालन बता
रहे हैं. जानते चलें कि विगत 13 दिसंबर को नगर निगम कमिश्नर के आदेश से इन
दुकानों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई थी तथा दुकानों को सील कर दिया था
लेकिन आज 15 दिन गुजरने के बाद भी इन दुकानदारों का ताला नही खुल सका.
दुकानों के अंदर लाखों का माल पड़ा है, ग्वाला ​स्वीटस का भी सामान पूरा
बरबाद हो गया है जबकि अन्य दुकानों की बिक्री ना होने से उन्हें आर्थिक
नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

दूसरी ओर बंद पड़ी दुकानों के संचालकों ने
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के सामने कई बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी
दुकानें खुलवाने की पहल नही की है. ऐसा लग रहा है कि किसी अधिकारी के इगो
का खामियाजा छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. इससे सरकार के खिलाफ
भी गुस्सा बढ़ रहा है.


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