राज्य में प्रमाण पत्र
सत्यापन के क्रम में 137 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी और 87 के बारे में
कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. वहीं 13 पारा शिक्षकों पर आपराधिक मामले
दर्ज हैं. यहां बताते चलें कि राज्य के 61 हजार पारा शिक्षकों में से 53051
पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो गया है. वहीं
8154 शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका है.
जिलों
के द्वारा जमा रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में 395 ऐसे पारा शिक्षक हैं,
जिन पर अलग-अलग कारणों से कार्रवाई की गयी या इसकी प्रक्रिया चल रही है.
शिक्षा सचिव के रविकुमार के द्वारा बुधवार को की गयी समीक्षा बैठक इसकी
जानकारी दी गयी.
लातेहार में सबसे अधिक छह पर दर्ज है आपराधिक मुकदमा :
इस
मौके पर जिलावार प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समीक्षा की गयी. इनमें 106
पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया. उनकी
सेवा 31 दिसंबर के बाद स्वत: समाप्त हो गयी. 31 पारा शिक्षकों ने प्रमाण
पत्र मांगे जाने पर त्याग पत्र दे दिया.
ऐसे
में प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान राज्य भर में कुल 137 शिक्षकों ने नौकरी
छोड़ दी. राज्य में 13 ऐसे पारा शिक्षक भी हैं, जिन पर फिलहाल आपराधिक
मुकदमा चल रहा है. सभी शिक्षक फिलहाल निलंबित हैं. लातेहार में सबसे अधिक
छह व देवघर में दो शिक्षकों पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है.
89 पारा शिक्षकों की कोई जानकारी नहीं :
जिलों
द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार 20 ऐसे शिक्षक हैं, जो पिछले एक माह से
बिना अवकाश के विद्यालय नहीं आ रहे हैं. जिलों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के
अनुसार 89 ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनकी ई विद्या वाहिनी पोर्टल पर कोई जानकारी
उपलब्ध नहीं है. उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों के लिए ई
विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपना पंजीयन करना अनिवार्य है. शिक्षकों की ऑनलाइन
उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से ही बनायी जाती है.
गुमला में सबसे अधिक शिक्षकों की सेवा हुई समाप्त
जिलों द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार गुमला
जिला में सबसे अधिक 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई. इन शिक्षकों ने अपना
प्रमाण पत्र ही जमा नहीं किया, जबकि सबसे अधिक नौ शिक्षकों ने रामगढ़ में
त्याग पत्र दे दिया.
पलामू में सबसे अधिक शिक्षक गायब
पलामू में सबसे अधिक शिक्षक गायब हैं. पलामू में
ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर कुल 32 शिक्षकों ने अपनी जानकारी नहीं दी है. एक
शिक्षक पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है. सात शिक्षक बिना सूचना के विद्यालय
से गायब हैं.
गिरिडीह में सबसे अधिक 1557 का प्रमाण पत्र सत्यापन नहीं
गिरिडीह में सबसे अधिक 1557 शिक्षकों के प्रमाण
पत्र का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है, जबकि सबसे कम 35 शिक्षक पूर्वी सिंहभूम
जिला में हैं. राज्य में पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की अंतिम
तिथि 31 दिसंबर तक निर्धारित की गयी थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर
दिया गया है.
राज्य में प्रमाण पत्र
सत्यापन के क्रम में 137 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी और 87 के बारे में
कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. वहीं 13 पारा शिक्षकों पर आपराधिक मामले
दर्ज हैं. यहां बताते चलें कि राज्य के 61 हजार पारा शिक्षकों में से 53051
पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो गया है. वहीं
8154 शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका है.
जिलों
के द्वारा जमा रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में 395 ऐसे पारा शिक्षक हैं,
जिन पर अलग-अलग कारणों से कार्रवाई की गयी या इसकी प्रक्रिया चल रही है.
शिक्षा सचिव के रविकुमार के द्वारा बुधवार को की गयी समीक्षा बैठक इसकी
जानकारी दी गयी.
लातेहार में सबसे अधिक छह पर दर्ज है आपराधिक मुकदमा :
इस
मौके पर जिलावार प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समीक्षा की गयी. इनमें 106
पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया. उनकी
सेवा 31 दिसंबर के बाद स्वत: समाप्त हो गयी. 31 पारा शिक्षकों ने प्रमाण
पत्र मांगे जाने पर त्याग पत्र दे दिया.
ऐसे
में प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान राज्य भर में कुल 137 शिक्षकों ने नौकरी
छोड़ दी. राज्य में 13 ऐसे पारा शिक्षक भी हैं, जिन पर फिलहाल आपराधिक
मुकदमा चल रहा है. सभी शिक्षक फिलहाल निलंबित हैं. लातेहार में सबसे अधिक
छह व देवघर में दो शिक्षकों पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है.
89 पारा शिक्षकों की कोई जानकारी नहीं :
जिलों
द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार 20 ऐसे शिक्षक हैं, जो पिछले एक माह से
बिना अवकाश के विद्यालय नहीं आ रहे हैं. जिलों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के
अनुसार 89 ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनकी ई विद्या वाहिनी पोर्टल पर कोई जानकारी
उपलब्ध नहीं है. उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों के लिए ई
विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपना पंजीयन करना अनिवार्य है. शिक्षकों की ऑनलाइन
उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से ही बनायी जाती है.
गुमला में सबसे अधिक शिक्षकों की सेवा हुई समाप्त
जिलों द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार गुमला
जिला में सबसे अधिक 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई. इन शिक्षकों ने अपना
प्रमाण पत्र ही जमा नहीं किया, जबकि सबसे अधिक नौ शिक्षकों ने रामगढ़ में
त्याग पत्र दे दिया.
पलामू में सबसे अधिक शिक्षक गायब
पलामू में सबसे अधिक शिक्षक गायब हैं. पलामू में
ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर कुल 32 शिक्षकों ने अपनी जानकारी नहीं दी है. एक
शिक्षक पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है. सात शिक्षक बिना सूचना के विद्यालय
से गायब हैं.
गिरिडीह में सबसे अधिक 1557 का प्रमाण पत्र सत्यापन नहीं
गिरिडीह में सबसे अधिक 1557 शिक्षकों के प्रमाण
पत्र का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है, जबकि सबसे कम 35 शिक्षक पूर्वी सिंहभूम
जिला में हैं. राज्य में पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की अंतिम
तिथि 31 दिसंबर तक निर्धारित की गयी थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर
दिया गया है.