Health and Family post authorJournalist खबरीलाल LAST UPDATED ON:Monday ,January 16,2023

बड़ी बीमारी का हो सकता है संकेत, पैरों में लगातार होने वाले दर्द को ना करें इग्नोर:

post



पैरों में दर्द होना एक बेहद आम समस्या है. यह थकान, कमजोरी, बहुत अधिक शारीरिक श्रम, नसों, मांसपेशियों, जोड़ों में खिंचाव-दबाव या किसी बीमारी की वजह से हो सकता है. अगर आपको पैरों में लगातार दर्द हो रहा है और आपको इसके पीछे की वजह पता नहीं है तो आपके लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है. वास्तव में पैरों में दर्द कभी भी किसी को भी हो सकता है. यहां हम आपको पैरों में दर्द की छह बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो अकसर लगातार होने वाले पैरों के दर्द के पीछे होती हैं. अगर आपको भी पैरों का दर्द इनमें एक बीमारी की वजह से भी होता है तो आपको इस पर तुरंत गंभीर हो जाने की जरूरत है. 

गठिया :: आर्थराइटिस गठिया यानी आर्थराइटिस में हड्डियों के जोड़ों में भयंकर दर्द होता है. यह मुख्य रूप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट (Synovial Joint) की सूजन है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूट-फूट शुरू हो जाती है. साथ ही जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगती है. यह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन बीमारियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो आपकी हड्डियों या जोड़ों को प्रभावित करती हैं. इससे आपके जोड़ों और उसके आसपास के हिस्से में दर्द और सूजन हो सकती है. यहां तक कि ये आपके लिए चलने-फिरने जैसे रोजमर्रा के कामों को करना भी मुश्किल कर देती है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, हालांकि अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जैसे व्यायाम और स्वस्थ आहार खाने से इससे आपको मदद मिल सकती है।

इलेक्ट्रोलाइट्स का लो लेवल :: इलेक्ट्रोलाइट आपके शरीर को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे शरीर के लिए जरूरी प्राकृतिक तत्व होते हैं.  जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है. इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं. शरीर में इनका असंतुलन गंभीर बीमारियों को दावत देता है.

इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से पैरों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्याएं भी होती हैं. इसके अलावा दस्त, कब्ज, भ्रम, सुस्ती, मतली और सुन्नता जैसी समस्याएं शामिल हैं. इसके अलावा इस कंडीशन में व्यक्ति की कई बार हार्ट बीट अनियमित और तेज होने लगती है. 

सायटिका :: सायटिका नस आपकी पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और आपके नितंबों और दोनों पैरों तक जाती है. इसमें होने वाले दर्द को ही सायटिका कहते हैं. जब ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी किसी बीमारी की वजह से पैदा हुई बोन स्पुर (हड्डियों के किनारे विकसित होने वाली हड्डी) आपके साइटिका तंत्रिका पर दबाव डालती है तब आपको दर्द होता है. पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता इसके सबसे आम लक्षण हैं.

पेरिफेरल न्यूरोपैथी :: पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक कंडीशन है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर मौजूद नसों में नुकसान पहुंचने की वजह से होती है. पेरिफेरल (परिधीय) तंत्रिकाओं

का उपयोग मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संदेश भेजने और ले जाने के लिए किया जाता है. मधुमेह सहित परिधीय न्यूरोपैथी के कई कारण हैं. यह पैर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें सुन्न या कमजोर बना सकता है.

टेंडोनाइटिस ::  टेंडोनाइटिस कंडीशन में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक में सूजन आ जाती है. मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतक जिसे टेंडन कहा जाता

है, उसमें सूजन या जलन को टेंडोनाइटिस कहा जाता है. हालांकि यह आपके शरीर के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है जहां टेंडन किसी मांसपेशी और हड्डी को जोड़ती है जिसकी वजह से आपके पैरों में भी दर्द हो सकता है.

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस :: डीप वेन थ्रॉम्बोसिस बीमारी को वीनस थ्रॉम्बोसिस के रूप में भी जाना जाता है.  DVT एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं जो आपके खून के प्रवाह (Bloof Flow) को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते हैं. यह आमतौर पर टांगों या बाहों में बनते हैं. लेकिन जब लोअर बॉडी में यह ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं तो शरीर के निचले हिस्से

में खून पहुंचना कम या कई बार बंद हो जाता है जिससे तेज दर्द उठता है. यही वजह है कि डीवीटी से पीड़ित लोगों को अक्सर टांगों में सूजन या दर्द का अनुभव होता है.





पैरों में दर्द होना एक बेहद आम समस्या है. यह थकान, कमजोरी, बहुत अधिक शारीरिक श्रम, नसों, मांसपेशियों, जोड़ों में खिंचाव-दबाव या किसी बीमारी की वजह से हो सकता है. अगर आपको पैरों में लगातार दर्द हो रहा है और आपको इसके पीछे की वजह पता नहीं है तो आपके लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है. वास्तव में पैरों में दर्द कभी भी किसी को भी हो सकता है. यहां हम आपको पैरों में दर्द की छह बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो अकसर लगातार होने वाले पैरों के दर्द के पीछे होती हैं. अगर आपको भी पैरों का दर्द इनमें एक बीमारी की वजह से भी होता है तो आपको इस पर तुरंत गंभीर हो जाने की जरूरत है. 

गठिया :: आर्थराइटिस गठिया यानी आर्थराइटिस में हड्डियों के जोड़ों में भयंकर दर्द होता है. यह मुख्य रूप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट (Synovial Joint) की सूजन है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूट-फूट शुरू हो जाती है. साथ ही जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगती है. यह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन बीमारियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो आपकी हड्डियों या जोड़ों को प्रभावित करती हैं. इससे आपके जोड़ों और उसके आसपास के हिस्से में दर्द और सूजन हो सकती है. यहां तक कि ये आपके लिए चलने-फिरने जैसे रोजमर्रा के कामों को करना भी मुश्किल कर देती है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, हालांकि अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जैसे व्यायाम और स्वस्थ आहार खाने से इससे आपको मदद मिल सकती है।

इलेक्ट्रोलाइट्स का लो लेवल :: इलेक्ट्रोलाइट आपके शरीर को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे शरीर के लिए जरूरी प्राकृतिक तत्व होते हैं.  जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है. इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं. शरीर में इनका असंतुलन गंभीर बीमारियों को दावत देता है.

इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से पैरों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्याएं भी होती हैं. इसके अलावा दस्त, कब्ज, भ्रम, सुस्ती, मतली और सुन्नता जैसी समस्याएं शामिल हैं. इसके अलावा इस कंडीशन में व्यक्ति की कई बार हार्ट बीट अनियमित और तेज होने लगती है. 

सायटिका :: सायटिका नस आपकी पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और आपके नितंबों और दोनों पैरों तक जाती है. इसमें होने वाले दर्द को ही सायटिका कहते हैं. जब ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी किसी बीमारी की वजह से पैदा हुई बोन स्पुर (हड्डियों के किनारे विकसित होने वाली हड्डी) आपके साइटिका तंत्रिका पर दबाव डालती है तब आपको दर्द होता है. पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता इसके सबसे आम लक्षण हैं.

पेरिफेरल न्यूरोपैथी :: पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक कंडीशन है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर मौजूद नसों में नुकसान पहुंचने की वजह से होती है. पेरिफेरल (परिधीय) तंत्रिकाओं

का उपयोग मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संदेश भेजने और ले जाने के लिए किया जाता है. मधुमेह सहित परिधीय न्यूरोपैथी के कई कारण हैं. यह पैर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें सुन्न या कमजोर बना सकता है.

टेंडोनाइटिस ::  टेंडोनाइटिस कंडीशन में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक में सूजन आ जाती है. मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतक जिसे टेंडन कहा जाता

है, उसमें सूजन या जलन को टेंडोनाइटिस कहा जाता है. हालांकि यह आपके शरीर के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है जहां टेंडन किसी मांसपेशी और हड्डी को जोड़ती है जिसकी वजह से आपके पैरों में भी दर्द हो सकता है.

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस :: डीप वेन थ्रॉम्बोसिस बीमारी को वीनस थ्रॉम्बोसिस के रूप में भी जाना जाता है.  DVT एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं जो आपके खून के प्रवाह (Bloof Flow) को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते हैं. यह आमतौर पर टांगों या बाहों में बनते हैं. लेकिन जब लोअर बॉडी में यह ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं तो शरीर के निचले हिस्से

में खून पहुंचना कम या कई बार बंद हो जाता है जिससे तेज दर्द उठता है. यही वजह है कि डीवीटी से पीड़ित लोगों को अक्सर टांगों में सूजन या दर्द का अनुभव होता है.



...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...