भारत में बनेंगे 50 प्रतिशत iPhone, 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार …:

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दुनियाभर में लोग Apple iPhone के दिवाने हैं. ये इसी बात से
पता चलता है कि लोग इसे खरीदने के लिए रात-रात भर कंपनी स्टोर के बाहर खड़े
रहते हैं. इस फोन की टेक्नोलॉजी, प्राइवेसी, सिक्योरिटी और कैमरा क्वालिटी
ने लोगों को दीवाना बनाया हुआ है. अब बहुत जल्द वो वक्त आएगा जब दुनिया
में यही दीवानगी इंडिया में बने आईफोन फैलाएंगे. टाटा समूह भी भारत
में एप्पल आईफोन बनाने लिए ताइवान की एक कंपनी के कॉन्टैक्ट
में है. यह दोनों कंपनियों का जॉइंट वेंचर होगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट
के मुताबिक, टाटा भारत में आईफोन को असेंबल करने के लिए ऐपल की ताइवानी
सहयोगी कंपनी विस्ट्रॉ के साथ बातचीत कर रहा है.




साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में बताया गया है कि साल 2027 तक दुनिया के
हर दूसरे आईफोन (iPhones) का निर्माण भारत में हो सकता है. मौजूदा स्थिति
की बात करें, तो अभी 5 फीसदी से भी कम आईफोन भारत में बनते हैं. आंकड़े
बताते हैं कि एपल ने अप्रैल से दिसंबर के बीच भारत से 2.5 अरब डॉलर के
आईफोन एक्सपोर्ट किए हैं. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब दोगुना
है.


जेपी मॉर्गन ने इससे पहले अनुमान जताया था कि भारत साल 2025 तक दुनिया
के 25 फीसदी आईफोन असेंबल कर सकता है. परिपाटी को तोड़ते हुए एपल भारत में
अपने लेटेस्ट आईफोन मॉडल्स भी असेंबल करा रहा है. यह पीएम नरेंद्र मोदी के
मेक इन इंडिया कैंपेन की एक बड़ी जीत बताई जा रही
है.


iPhone को मिला Make In India का फायदा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब
बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत की थी. इसी का फायदा उठाते हुए
ऐप्पल इंक ने भारत में आईफोन की असेंबलिंग की है. कंपनी ने पिछले साल ही
भारत में अपनी असेंबलिंग शुरू की है.


भारत में मौजूद बड़ी और सस्ती वर्कफोर्स के साथ-साथ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा दी जा रही मदद से ऐप्पल को इंडिया में अपनी
असेंबलिंग करने में आसानी हुई है. ऐप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर फॉक्सकॉन ने
भी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है. कंपनी को मोदी सरकार की
PLI Scheme के तहत पहले साल में 3.6 अरब रुपए का लाभ मिला है.


दुनियाभर में लोग Apple iPhone के दिवाने हैं. ये इसी बात से
पता चलता है कि लोग इसे खरीदने के लिए रात-रात भर कंपनी स्टोर के बाहर खड़े
रहते हैं. इस फोन की टेक्नोलॉजी, प्राइवेसी, सिक्योरिटी और कैमरा क्वालिटी
ने लोगों को दीवाना बनाया हुआ है. अब बहुत जल्द वो वक्त आएगा जब दुनिया
में यही दीवानगी इंडिया में बने आईफोन फैलाएंगे. टाटा समूह भी भारत
में एप्पल आईफोन बनाने लिए ताइवान की एक कंपनी के कॉन्टैक्ट
में है. यह दोनों कंपनियों का जॉइंट वेंचर होगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट
के मुताबिक, टाटा भारत में आईफोन को असेंबल करने के लिए ऐपल की ताइवानी
सहयोगी कंपनी विस्ट्रॉ के साथ बातचीत कर रहा है.




साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में बताया गया है कि साल 2027 तक दुनिया के
हर दूसरे आईफोन (iPhones) का निर्माण भारत में हो सकता है. मौजूदा स्थिति
की बात करें, तो अभी 5 फीसदी से भी कम आईफोन भारत में बनते हैं. आंकड़े
बताते हैं कि एपल ने अप्रैल से दिसंबर के बीच भारत से 2.5 अरब डॉलर के
आईफोन एक्सपोर्ट किए हैं. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब दोगुना
है.


जेपी मॉर्गन ने इससे पहले अनुमान जताया था कि भारत साल 2025 तक दुनिया
के 25 फीसदी आईफोन असेंबल कर सकता है. परिपाटी को तोड़ते हुए एपल भारत में
अपने लेटेस्ट आईफोन मॉडल्स भी असेंबल करा रहा है. यह पीएम नरेंद्र मोदी के
मेक इन इंडिया कैंपेन की एक बड़ी जीत बताई जा रही
है.


iPhone को मिला Make In India का फायदा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब
बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत की थी. इसी का फायदा उठाते हुए
ऐप्पल इंक ने भारत में आईफोन की असेंबलिंग की है. कंपनी ने पिछले साल ही
भारत में अपनी असेंबलिंग शुरू की है.


भारत में मौजूद बड़ी और सस्ती वर्कफोर्स के साथ-साथ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा दी जा रही मदद से ऐप्पल को इंडिया में अपनी
असेंबलिंग करने में आसानी हुई है. ऐप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर फॉक्सकॉन ने
भी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है. कंपनी को मोदी सरकार की
PLI Scheme के तहत पहले साल में 3.6 अरब रुपए का लाभ मिला है.


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