स्कूल के क्लासरूम में लटका मिला प्रिंसिपल का शव:

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हमीरपुर. गुरुवार सुबह सरकारी प्राइमरी स्कूल का गेट
खुलते ही छात्रों और स्कूल स्टाफ की चीखें निकल गई. क्लास रूम में स्कूल के
प्रधानाचार्य का शव पंखे से लटका हुआ था. इस खौफनाक मंजर को देखकर हर कोई
सहम गया. पूरा मामला हमीरपुर जिले के सरीला ब्लॉक का है. उपरांखा गांव के सरकारी
कन्या प्राथमिक विद्यालय की है. गुरुवार सुबह स्कूल खुला तो प्रधानाचार्य
का शव क्लास रूम में लटकता मिला. वारदात की सूचना मिलते ही सीओ प्रमोद
कुमार व डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस
प्रथम दृष्टया इसे घरेलू कलह से तंग आकर सुसाइड का मामला मान रही है.


कंधौली गांव निवासी सुग्रीव श्रीवास (55) सरीला ब्लाक क्षेत्र के
उपरांखा गांव में 2012 से काम कर रहे थे और वर्तमान में वह प्रधानाचार्य के
पद पर तैनात थे. स्कूल के सहायक अध्यापक रविंद्र ने बताया कि
प्रधानाचार्य घरेलू समस्याओं को लेकर काफी परेशान थे और सोमवार को रो भी
रहे थे. उन्हें समझाया और वह फिर घर चले गए. मंगलवार ड्यूटी में आए, लेकिन
पूरे दिन उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की. पूरे दिन वह स्कूल की फील्ड में अकेले बैठे रहे. छुट्टी के बाद सभी घर
निकल गए तो शाम के उनके बेटे भानुप्रताप ने शिक्षा मित्र बलवान महेंद्र को
बताया कि पापा घर नहीं पहुंचे हैं और फोन भी रिसीव नहीं कर रहे हैं. काफी
 खोजबीन की गई पर उनका कहीं कोई पता नहीं चल सका. बुधवार सुबह स्कूल खुला
तो उनका शव पंखे से लटका हुआ मिला.


हमीरपुर. गुरुवार सुबह सरकारी प्राइमरी स्कूल का गेट
खुलते ही छात्रों और स्कूल स्टाफ की चीखें निकल गई. क्लास रूम में स्कूल के
प्रधानाचार्य का शव पंखे से लटका हुआ था. इस खौफनाक मंजर को देखकर हर कोई
सहम गया. पूरा मामला हमीरपुर जिले के सरीला ब्लॉक का है. उपरांखा गांव के सरकारी
कन्या प्राथमिक विद्यालय की है. गुरुवार सुबह स्कूल खुला तो प्रधानाचार्य
का शव क्लास रूम में लटकता मिला. वारदात की सूचना मिलते ही सीओ प्रमोद
कुमार व डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस
प्रथम दृष्टया इसे घरेलू कलह से तंग आकर सुसाइड का मामला मान रही है.


कंधौली गांव निवासी सुग्रीव श्रीवास (55) सरीला ब्लाक क्षेत्र के
उपरांखा गांव में 2012 से काम कर रहे थे और वर्तमान में वह प्रधानाचार्य के
पद पर तैनात थे. स्कूल के सहायक अध्यापक रविंद्र ने बताया कि
प्रधानाचार्य घरेलू समस्याओं को लेकर काफी परेशान थे और सोमवार को रो भी
रहे थे. उन्हें समझाया और वह फिर घर चले गए. मंगलवार ड्यूटी में आए, लेकिन
पूरे दिन उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की. पूरे दिन वह स्कूल की फील्ड में अकेले बैठे रहे. छुट्टी के बाद सभी घर
निकल गए तो शाम के उनके बेटे भानुप्रताप ने शिक्षा मित्र बलवान महेंद्र को
बताया कि पापा घर नहीं पहुंचे हैं और फोन भी रिसीव नहीं कर रहे हैं. काफी
 खोजबीन की गई पर उनका कहीं कोई पता नहीं चल सका. बुधवार सुबह स्कूल खुला
तो उनका शव पंखे से लटका हुआ मिला.


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