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सिंधी समाज की परम्परागत पूज्य पंचायतें सरकारों का संगठनात्मक ढांचा व कार्य प्रणाली अपनायें : साईं मसंद:

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 रायपुर। पूज्य झूलेलाल सिंधी पंचायत सड्डू द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी के 80वें शहादत दिवस के अवसर पर विधान सभा रोड सड्डू के प्ले होम स्कूल के सभागार में देश व समाज के हित में सिन्धी समाज की संभावित भूमिका विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में विश्व सिन्धु सेवा संगम, अखिल भारतीय सिन्धु सभा, छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत आदि संगठनां के रायपुर निवासी वरिष्ठ पदाधिकारियों को मार्गदर्शन हेतु  प्रमुख वक्ताओं के रूप में आमंत्रित किया गया।

          परिचर्चा की अध्यक्षता देश के पूज्यपाद शंकराचार्यों व अन्य महान सन्तों के सहयोग से भारत को पुन: विश्वगुुरु बनाने की दस वर्षों से मुहिम चला रहे सिन्धी समुदाय के वरिष्ठ विचारक संत, मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश पूज्यपाद साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने की। अपने अध्यक्षीय मार्गदर्शन में पूज्यपाद साईं  मसन्द साहिब ने भारत की सिन्धी समुदाय की परम्परागत पूज्य पंचायतों को बदलते समय के अनुरूप अपने में प्रगतिशील बदलाव लाकर पूज्य सिन्धी पंचायतों का संगठनात्मक ढांचा व कार्य प्रणाली केन्द्र व राज्य सरकारों जैसा अपनाने का परामर्श दिया।

          उपरोक्त संदर्भ में उन्होंने अपने निवास क्षेत्र की पूज्य झूलेलाल सिन्धी पंचायत सड्डू में लाये जा रहे क्रान्तिकारी बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि पूज्य पंचायत के संविधान में लिखित उद्देश्य के हर बिन्दु पर सतत् कार्यवाही होते रहने के लिए उसके पदाधिकारी व कार्यकारिणी समिति के साथ-साथ अब प्रथक रूप से महिला समिति व युवा समिति के अलावा करीब 8 अन्य आवश्यक सेवा समितियां भी गठित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकारों के हर मंत्री को कोई न कोई विभाग अवश्य आबंटित रहता है, उसी तरह इस पूज्य पंचायत में हर-एक उपाध्यक्षों को एक-एक सेवा समिति का प्रभार सौंपने 8 उपाध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। इस में 4 महिलाओं को और 4 पुरुषों को उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संभवत: भारत की किसी पूज्य सिन्धी पंचायत में ये वरिष्ठ पद महिलाओं को पहलीबार दिये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत का यह बड़ा पद बुज़ुर्गों के अलावा 25 वर्ष से अधिक आयु वाले सक्रिय युवा वर्ग को भी दिया जा रहा है।

          परिचर्चा में विश्व सिन्धु सेवा संगम के रायपुर निवासी अंतर्राष्ट्रीय डायरेक्टर अमित जीवन ने बताया कि वे एक फेडरेशन बनाकर भारत की पूज्य सिन्धी पंचायतों व समाजसेवी संगठनों को एक सूत्र में संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें विश्व सिन्धु सेवा संगम एवं कुछ अन्य बड़े संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त है। अखिल भारतीय सिन्धु सभा की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष चेतन तारवाणी, विश्व सिन्धु सेवा संगम के प्रदेश अध्यक्ष डी. आर. वाधवाणी, विभिन्न नगरों में सेवाकार्य कर रही सिन्धी समाज की महिलाओं की संस्था "सुहिणी सोच" की संस्थापक मनीषा तारवाणी, कांग्रेस पार्टी के युवातुर्क प्रवक्ता अजय गंगवाणी तथा प्ले होम स्कूल का संचालन कर रही गायत्री शिक्षण संस्थान के निदेशक श्री मुकेश जैलवाल ने भी सम्बोधित कर अपने अनुभव व विचारों से लाभान्वित किया।

          कार्यक्रम के आरंभ में मंचस्थ अतिथियों एवं पूज पंचायत के वरिष्ठजन द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी, भारतमाता एवं भगवान झूलेलाल जी के चित्रों के सम्मक्ष ज्योतिप्रज्वलन होने के पश्चात कार्यक्रम व्यवस्था एवं महिला समिति की संयोजक ने परिचर्चा के विषय पर प्रकाश डाला और अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण किया। महिला समिति की सह-संयोजक शिक्षाविद नेहा थावराणी ने अतिथियों के सम्मान हेतु एक-दो दिन में सूख जाने वाले गुलदस्तों के स्थान पर रोज ताज़े उगने वाले सुंदर मौसमी फूलों के छोटे पौधे दिये जाने की व्यवस्था कर पूज्य पंचायत में अतिथियों के सम्मान की एक आदर्श व प्रगतिशील  परम्परा की नींव रखी।

महिला समिति की वरिष्ठ सह-संयोजक पुष्पा रायचन्दाणी, रिया तलरेजा, युवा समिति के संयोजक रोहित थावराणी, सह-संयोजक कैलाश दुलाणी, प्रकाश माखीजा, पूज्य पंचायत के वरिष्ठ सदस्य मनोहरलाल रायचन्दाणी, संजय खूबचन्दाणी, राजेश कृष्णाणी, अजय हसीजा, नानकराम अंदाणी, ललित तलरेजा, शिव पंजवाणी, योगी पंजवाणी आदि कार्यक्रम की सफलता के प्रमुख आधार स्तंभ रहे। परिचर्चा का समापन पूज्य पंचायत के वरिष्ठ सदस्य नगर के विख्यात गायक भरत माखीजा द्वारा "ऐ मेरे वतन के लोगो" देशभक्ति पूर्ण गीत के मधुर गायन से सम्पन्न हुआ। परिचर्चा समाप्ति के पश्चात कार्यक्रम स्थल के पास बनी नगर निगम की सब्जी बजार जाकर दुकानदारों, श्रमिकों व आम लोगों को अमर शहीद हेमू कालाणी की स्मृति में बनवाया गया प्रसाद वितरण किया गया।


 रायपुर। पूज्य झूलेलाल सिंधी पंचायत सड्डू द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी के 80वें शहादत दिवस के अवसर पर विधान सभा रोड सड्डू के प्ले होम स्कूल के सभागार में देश व समाज के हित में सिन्धी समाज की संभावित भूमिका विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में विश्व सिन्धु सेवा संगम, अखिल भारतीय सिन्धु सभा, छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत आदि संगठनां के रायपुर निवासी वरिष्ठ पदाधिकारियों को मार्गदर्शन हेतु  प्रमुख वक्ताओं के रूप में आमंत्रित किया गया।

          परिचर्चा की अध्यक्षता देश के पूज्यपाद शंकराचार्यों व अन्य महान सन्तों के सहयोग से भारत को पुन: विश्वगुुरु बनाने की दस वर्षों से मुहिम चला रहे सिन्धी समुदाय के वरिष्ठ विचारक संत, मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश पूज्यपाद साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने की। अपने अध्यक्षीय मार्गदर्शन में पूज्यपाद साईं  मसन्द साहिब ने भारत की सिन्धी समुदाय की परम्परागत पूज्य पंचायतों को बदलते समय के अनुरूप अपने में प्रगतिशील बदलाव लाकर पूज्य सिन्धी पंचायतों का संगठनात्मक ढांचा व कार्य प्रणाली केन्द्र व राज्य सरकारों जैसा अपनाने का परामर्श दिया।

          उपरोक्त संदर्भ में उन्होंने अपने निवास क्षेत्र की पूज्य झूलेलाल सिन्धी पंचायत सड्डू में लाये जा रहे क्रान्तिकारी बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि पूज्य पंचायत के संविधान में लिखित उद्देश्य के हर बिन्दु पर सतत् कार्यवाही होते रहने के लिए उसके पदाधिकारी व कार्यकारिणी समिति के साथ-साथ अब प्रथक रूप से महिला समिति व युवा समिति के अलावा करीब 8 अन्य आवश्यक सेवा समितियां भी गठित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकारों के हर मंत्री को कोई न कोई विभाग अवश्य आबंटित रहता है, उसी तरह इस पूज्य पंचायत में हर-एक उपाध्यक्षों को एक-एक सेवा समिति का प्रभार सौंपने 8 उपाध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। इस में 4 महिलाओं को और 4 पुरुषों को उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संभवत: भारत की किसी पूज्य सिन्धी पंचायत में ये वरिष्ठ पद महिलाओं को पहलीबार दिये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत का यह बड़ा पद बुज़ुर्गों के अलावा 25 वर्ष से अधिक आयु वाले सक्रिय युवा वर्ग को भी दिया जा रहा है।

          परिचर्चा में विश्व सिन्धु सेवा संगम के रायपुर निवासी अंतर्राष्ट्रीय डायरेक्टर अमित जीवन ने बताया कि वे एक फेडरेशन बनाकर भारत की पूज्य सिन्धी पंचायतों व समाजसेवी संगठनों को एक सूत्र में संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें विश्व सिन्धु सेवा संगम एवं कुछ अन्य बड़े संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त है। अखिल भारतीय सिन्धु सभा की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष चेतन तारवाणी, विश्व सिन्धु सेवा संगम के प्रदेश अध्यक्ष डी. आर. वाधवाणी, विभिन्न नगरों में सेवाकार्य कर रही सिन्धी समाज की महिलाओं की संस्था "सुहिणी सोच" की संस्थापक मनीषा तारवाणी, कांग्रेस पार्टी के युवातुर्क प्रवक्ता अजय गंगवाणी तथा प्ले होम स्कूल का संचालन कर रही गायत्री शिक्षण संस्थान के निदेशक श्री मुकेश जैलवाल ने भी सम्बोधित कर अपने अनुभव व विचारों से लाभान्वित किया।

          कार्यक्रम के आरंभ में मंचस्थ अतिथियों एवं पूज पंचायत के वरिष्ठजन द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी, भारतमाता एवं भगवान झूलेलाल जी के चित्रों के सम्मक्ष ज्योतिप्रज्वलन होने के पश्चात कार्यक्रम व्यवस्था एवं महिला समिति की संयोजक ने परिचर्चा के विषय पर प्रकाश डाला और अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण किया। महिला समिति की सह-संयोजक शिक्षाविद नेहा थावराणी ने अतिथियों के सम्मान हेतु एक-दो दिन में सूख जाने वाले गुलदस्तों के स्थान पर रोज ताज़े उगने वाले सुंदर मौसमी फूलों के छोटे पौधे दिये जाने की व्यवस्था कर पूज्य पंचायत में अतिथियों के सम्मान की एक आदर्श व प्रगतिशील  परम्परा की नींव रखी।

महिला समिति की वरिष्ठ सह-संयोजक पुष्पा रायचन्दाणी, रिया तलरेजा, युवा समिति के संयोजक रोहित थावराणी, सह-संयोजक कैलाश दुलाणी, प्रकाश माखीजा, पूज्य पंचायत के वरिष्ठ सदस्य मनोहरलाल रायचन्दाणी, संजय खूबचन्दाणी, राजेश कृष्णाणी, अजय हसीजा, नानकराम अंदाणी, ललित तलरेजा, शिव पंजवाणी, योगी पंजवाणी आदि कार्यक्रम की सफलता के प्रमुख आधार स्तंभ रहे। परिचर्चा का समापन पूज्य पंचायत के वरिष्ठ सदस्य नगर के विख्यात गायक भरत माखीजा द्वारा "ऐ मेरे वतन के लोगो" देशभक्ति पूर्ण गीत के मधुर गायन से सम्पन्न हुआ। परिचर्चा समाप्ति के पश्चात कार्यक्रम स्थल के पास बनी नगर निगम की सब्जी बजार जाकर दुकानदारों, श्रमिकों व आम लोगों को अमर शहीद हेमू कालाणी की स्मृति में बनवाया गया प्रसाद वितरण किया गया।


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