इंदौर। इंदौर से फिर एक मिशाल पेश करने वाली खबर सामने आई है।
यहांएक व्यवसायी की ब्रेन डेथ के बाद परिजन ने उनका दिल, लिवर और दोनों
किडनियां डोनेट कर कई लोगों को ‘नई जिंदगियां’ दी। इसके लिए सोमवार को तीन
ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। इसके तहत दिल सुबह 9.30 प्लेन से पुणे पहुंचाया
गया, जो वहां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक भारतीय सैनिक को
ट्रांसप्लांट होगा। वहीं लिवर विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट को
और एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में व दूसरी किडनी चोइथराम में एडमिट पेशेंट
को ट्रांसप्लांट की जा रही है। यह शहर में 48वां ग्रीन कॉरिडोर बना था।
दरअसल, उज्जैन के शुभल पैलेस निवासी आलू-प्याज व्यवसायी प्रदीप आसवानी का
20 जनवरी को एक्सीडेंट हो गया था। परिजन उन्हें संजीवन हॉस्पिटल में भर्ती
कराया। लेकिन हालत गंभीर होने पर उनको इंदौर रेफर कर दिया गया। लेकिन इलाज
के दौरान रविवार को डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण कर ब्रेन डेथ घोषित कर
दिया। इस पर मुस्कान ग्रुप से सेवादार ने आसवानी परिवार से संपर्क कर उनसे
अंगदान को लेकर काउंसलिंग की। इसके बाद परिवार अंगदान करने के लिए राजी हो
गया। परिजन ने कहा कि अगर उनके अंगों से दूसरों को नई जिंदगी मिलती है तो
उन्हें इससे बड़ा कुछ और नहीं हो सकता। इस पर फिर ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट की
तैयारियां की गई।
सोमवार सुबह एक ग्रीन कॉरिडोर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट, दूसरा
चोइथराम हॉस्पिटल के लिए और तीसरा बॉम्बे हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर
बनाए गए। इसके पहले रविवार रात को पुणे से स्पेशल प्लेन से भारतीय सेना के
AICTC हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन कर्नल. डॉ. सौरभ सिंह समेत 8 सदस्यीय टीम
इंदौर पहुंची। सोमवार को तीनों कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीआईएसएफ और
एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय कर ऑर्गन्स पहुंचाए गए, जहां ट्रांसप्लांट की
प्रोसेस शुरू हो गई।
इंदौर। इंदौर से फिर एक मिशाल पेश करने वाली खबर सामने आई है।
यहांएक व्यवसायी की ब्रेन डेथ के बाद परिजन ने उनका दिल, लिवर और दोनों
किडनियां डोनेट कर कई लोगों को ‘नई जिंदगियां’ दी। इसके लिए सोमवार को तीन
ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। इसके तहत दिल सुबह 9.30 प्लेन से पुणे पहुंचाया
गया, जो वहां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक भारतीय सैनिक को
ट्रांसप्लांट होगा। वहीं लिवर विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट को
और एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में व दूसरी किडनी चोइथराम में एडमिट पेशेंट
को ट्रांसप्लांट की जा रही है। यह शहर में 48वां ग्रीन कॉरिडोर बना था।
दरअसल, उज्जैन के शुभल पैलेस निवासी आलू-प्याज व्यवसायी प्रदीप आसवानी का
20 जनवरी को एक्सीडेंट हो गया था। परिजन उन्हें संजीवन हॉस्पिटल में भर्ती
कराया। लेकिन हालत गंभीर होने पर उनको इंदौर रेफर कर दिया गया। लेकिन इलाज
के दौरान रविवार को डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण कर ब्रेन डेथ घोषित कर
दिया। इस पर मुस्कान ग्रुप से सेवादार ने आसवानी परिवार से संपर्क कर उनसे
अंगदान को लेकर काउंसलिंग की। इसके बाद परिवार अंगदान करने के लिए राजी हो
गया। परिजन ने कहा कि अगर उनके अंगों से दूसरों को नई जिंदगी मिलती है तो
उन्हें इससे बड़ा कुछ और नहीं हो सकता। इस पर फिर ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट की
तैयारियां की गई।
सोमवार सुबह एक ग्रीन कॉरिडोर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट, दूसरा
चोइथराम हॉस्पिटल के लिए और तीसरा बॉम्बे हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर
बनाए गए। इसके पहले रविवार रात को पुणे से स्पेशल प्लेन से भारतीय सेना के
AICTC हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन कर्नल. डॉ. सौरभ सिंह समेत 8 सदस्यीय टीम
इंदौर पहुंची। सोमवार को तीनों कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीआईएसएफ और
एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय कर ऑर्गन्स पहुंचाए गए, जहां ट्रांसप्लांट की
प्रोसेस शुरू हो गई।