बिमारी ने बढ़ाई स्वास्थ्य विभाग की चिंता, हजार के पार पहुंची मरीजों की संख्या:

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अंबिकापुर:  सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद सरगुज़ा
जिले में टीबी के मरीजो की संख्या में कमी के बजाय तेजी से इजाफा हो रहा है
जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। गंभीर बात ये की जिले में
मरीजो की संख्या 1643 पहुच गई है। बढ़ते मरीजो की संख्या में बच्चे भी शामिल
है ओर छाती के अलावा टीबी का इन्फ़ेक्सन दूसरे अंगों में भी दिख रहा है।


टीबी के मुफ्त इलाज के साथ ही मरीजो को पर्याप्त सुविधा के साथ इलाज की
व्यवस्था दी गई है ताकि टीबी के मरीजो की संख्या में कमी लाई जा सके। मगर
सरगुज़ा जिले में जो आंकड़े सामने आए हैं उसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा
दी है। आलम ये है कि टीबी के मरीजो की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही
है। टीबी विभाग के द्वारा कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि
जिले में टीबी के मरीजो की संख्या घटने के बजाय बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग इस
लिए भी बेहद चिंतित है क्योंकि टीबी का इन्फ़ेक्सन मरीजो में छाती के अलावा
दूसरे अंगों में भी हो रहा है, जिससे करीब 8 लोगों की जान भी जा चुकी है।


स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ी


स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नज़र डालें तो टीबी मरीजो में बुजुर्गों के
साथ ही बच्चें भी संक्रमित हो रहे है जिसने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें
बढ़ा दी है। टीबी के मरीजो के लिए सवास्थ विभाग ने डोर टू डोर जाकर इलाज की
व्यवस्था शुरू की है ताकि मरीजो की संख्या में कमी लाई जा सके। टीबी विभाग
के डॉक्टरों की माने तो कई ऐसे मरीज है जिनमे दवाओं का असर भी नही हो रहा
है, यही कारण है कि टीबी विभाग मरीजो को समय पर दवाओं का सेवन करने के साथ
ही स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जागरूकता फैला रहा है।




टीबी विभाग बहरहाल मुफ्त इलाज के साथ ही टीबी के मरीजो को राशि भी
स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध कराई जाती है मगर इसके बाद भी टीबी के मरीजो की
संख्या में इलाजा गंभीर चिंता की बात है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि
विभाग के कवायद के साथ ही मरीजो को जागरूक किया जाए ताकि मरीजो को टीबी
मुक्त कर जिला टीबी मुक्त बनाया जा सके।


अंबिकापुर:  सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद सरगुज़ा
जिले में टीबी के मरीजो की संख्या में कमी के बजाय तेजी से इजाफा हो रहा है
जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। गंभीर बात ये की जिले में
मरीजो की संख्या 1643 पहुच गई है। बढ़ते मरीजो की संख्या में बच्चे भी शामिल
है ओर छाती के अलावा टीबी का इन्फ़ेक्सन दूसरे अंगों में भी दिख रहा है।


टीबी के मुफ्त इलाज के साथ ही मरीजो को पर्याप्त सुविधा के साथ इलाज की
व्यवस्था दी गई है ताकि टीबी के मरीजो की संख्या में कमी लाई जा सके। मगर
सरगुज़ा जिले में जो आंकड़े सामने आए हैं उसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा
दी है। आलम ये है कि टीबी के मरीजो की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही
है। टीबी विभाग के द्वारा कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि
जिले में टीबी के मरीजो की संख्या घटने के बजाय बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग इस
लिए भी बेहद चिंतित है क्योंकि टीबी का इन्फ़ेक्सन मरीजो में छाती के अलावा
दूसरे अंगों में भी हो रहा है, जिससे करीब 8 लोगों की जान भी जा चुकी है।


स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ी


स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नज़र डालें तो टीबी मरीजो में बुजुर्गों के
साथ ही बच्चें भी संक्रमित हो रहे है जिसने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें
बढ़ा दी है। टीबी के मरीजो के लिए सवास्थ विभाग ने डोर टू डोर जाकर इलाज की
व्यवस्था शुरू की है ताकि मरीजो की संख्या में कमी लाई जा सके। टीबी विभाग
के डॉक्टरों की माने तो कई ऐसे मरीज है जिनमे दवाओं का असर भी नही हो रहा
है, यही कारण है कि टीबी विभाग मरीजो को समय पर दवाओं का सेवन करने के साथ
ही स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जागरूकता फैला रहा है।




टीबी विभाग बहरहाल मुफ्त इलाज के साथ ही टीबी के मरीजो को राशि भी
स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध कराई जाती है मगर इसके बाद भी टीबी के मरीजो की
संख्या में इलाजा गंभीर चिंता की बात है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि
विभाग के कवायद के साथ ही मरीजो को जागरूक किया जाए ताकि मरीजो को टीबी
मुक्त कर जिला टीबी मुक्त बनाया जा सके।


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