अर्जुनदास वासवानी और अनिल नचरानी पर धोखाधड़ी और अवैध वसूली हेतु केस दर्ज, दोनों हो गए फरार:

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रायपुर। रवि भवन के प्रमोटर एंड बिल्डर पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर ब्लेकमेलिंग करने वाले दो कारोबारियों - अर्जुनदास वासवानी और अनिल नाचरानी के खिलाफ धोखाधड़ी और अवैध वसूली करने का अपराध दर्ज हुआ है आरोपियों के खिलाफ पीड़ित ने 5 साल पहले शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने उस समय अपराध दर्ज नहीं किया था। करीब तीन साल पहले पीड़ित ने कोर्ट में फरियाद दायर किया था। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

पुलिस के मुताबिक रविभवन के प्रमोटर एंड बिल्डर विमल जैन और उनके परिवार पर वर्ष 2017 में कारोबारी अर्जुनदास वासवानी और अनिल नचरानी ने ढाई करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने का झूठा अपराध दर्ज कराने के नाम पर विमल और उनके परिवार को धमकाते हुए 50 लाख की मांग करने लगे। पैसा मिलने पर ही केस वापस लेने की चेतावनी देने लगे। इससे परेशान होकर विमल जैन ने 50 लाख रुपए उन्हें दे दिया। इसके बाद भी आरोपियों की वसूली बंद नहीं हुई ।

आरोपी अर्जुनदास और अनिल नचरानी ने जयस्तंभ चौक पर विमल के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखकर पोस्टर लगवाया था। सोशल मीडिया में भी इसे वायरल किया था। परिवार वालों को भी वाट्सएप में धमकी भरे मेसेस करके पैसों की मांग किया करते थे। इससे तंग आकर विमल ने दोनों के खिलाफ गोलबाजार थाने में उसी साल शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने वर्ष 2020 में न्यायालय में परिवाद दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन दोनों को तलाशने पुलिस उनके ठिकानों पर तलाश में जुट गई है।


रायपुर। रवि भवन के प्रमोटर एंड बिल्डर पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर ब्लेकमेलिंग करने वाले दो कारोबारियों - अर्जुनदास वासवानी और अनिल नाचरानी के खिलाफ धोखाधड़ी और अवैध वसूली करने का अपराध दर्ज हुआ है आरोपियों के खिलाफ पीड़ित ने 5 साल पहले शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने उस समय अपराध दर्ज नहीं किया था। करीब तीन साल पहले पीड़ित ने कोर्ट में फरियाद दायर किया था। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

पुलिस के मुताबिक रविभवन के प्रमोटर एंड बिल्डर विमल जैन और उनके परिवार पर वर्ष 2017 में कारोबारी अर्जुनदास वासवानी और अनिल नचरानी ने ढाई करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने का झूठा अपराध दर्ज कराने के नाम पर विमल और उनके परिवार को धमकाते हुए 50 लाख की मांग करने लगे। पैसा मिलने पर ही केस वापस लेने की चेतावनी देने लगे। इससे परेशान होकर विमल जैन ने 50 लाख रुपए उन्हें दे दिया। इसके बाद भी आरोपियों की वसूली बंद नहीं हुई ।

आरोपी अर्जुनदास और अनिल नचरानी ने जयस्तंभ चौक पर विमल के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखकर पोस्टर लगवाया था। सोशल मीडिया में भी इसे वायरल किया था। परिवार वालों को भी वाट्सएप में धमकी भरे मेसेस करके पैसों की मांग किया करते थे। इससे तंग आकर विमल ने दोनों के खिलाफ गोलबाजार थाने में उसी साल शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित ने वर्ष 2020 में न्यायालय में परिवाद दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन दोनों को तलाशने पुलिस उनके ठिकानों पर तलाश में जुट गई है।


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