आयुर्वेद के
अनुसार, खाने की इन चीजों को हैवी माना जाता है और इनका सेवन रोजाना नहीं
करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं उन 5 फूड्स के बारे में, जिन्हें आपको हर
दिन खाने से बचना चाहिए।
जो
लोग अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें आयुर्वेद के अनुसार
नियमित रूप से इन फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए, तो आइए आज आपको बताएंगे
इन्हीं के बारे में।
बीन्स: संस्कृत में इसे 'निष्पावा' कहा जाता है। यह भारी है, वात, पित्त
दोनों को बढ़ाता है और शुक्राणु के स्वास्थ्य के लिए खराब है और ये
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के लिए भी अच्छी नहीं होती।
रेड
मीट: बीफ, पोर्क और लैंब जैसे रेड मीट को पचाना भारी माना जाता है और ये
कब्ज पैदा कर सकता है। ज्यादा रेड मीट खाने से आंत के कैंसर का खतरा रहता
है।
सब्जियां: सूखी सब्जियां भारी और पचाने में मुश्किल मानी जाती हैं, इसके
अधिक मात्रा में सेवन करने पर वे वात को बढ़ा सकते हैं।
कच्ची
मूली: आयुर्वेद के अनुसार मूली एक औषधीय और गुणकारी सब्जी है, इसमें कफ को
संतुलित करने की भी क्षमता होती है। कच्ची मूली थायरॉइड फंक्शनिंग और
पोटेशियम के लेवल को प्रभावित कर सकती है!
किण्वित भोजन: किण्वित खाद्य पदार्थ अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं और जलन पैदा करते हैं और पित्त और रक्त विकार पैदा कर सकते हैं।
आयुर्वेद के
अनुसार, खाने की इन चीजों को हैवी माना जाता है और इनका सेवन रोजाना नहीं
करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं उन 5 फूड्स के बारे में, जिन्हें आपको हर
दिन खाने से बचना चाहिए।
जो
लोग अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें आयुर्वेद के अनुसार
नियमित रूप से इन फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए, तो आइए आज आपको बताएंगे
इन्हीं के बारे में।
बीन्स: संस्कृत में इसे 'निष्पावा' कहा जाता है। यह भारी है, वात, पित्त
दोनों को बढ़ाता है और शुक्राणु के स्वास्थ्य के लिए खराब है और ये
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के लिए भी अच्छी नहीं होती।
रेड
मीट: बीफ, पोर्क और लैंब जैसे रेड मीट को पचाना भारी माना जाता है और ये
कब्ज पैदा कर सकता है। ज्यादा रेड मीट खाने से आंत के कैंसर का खतरा रहता
है।
सब्जियां: सूखी सब्जियां भारी और पचाने में मुश्किल मानी जाती हैं, इसके
अधिक मात्रा में सेवन करने पर वे वात को बढ़ा सकते हैं।
कच्ची
मूली: आयुर्वेद के अनुसार मूली एक औषधीय और गुणकारी सब्जी है, इसमें कफ को
संतुलित करने की भी क्षमता होती है। कच्ची मूली थायरॉइड फंक्शनिंग और
पोटेशियम के लेवल को प्रभावित कर सकती है!
किण्वित भोजन: किण्वित खाद्य पदार्थ अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं और जलन पैदा करते हैं और पित्त और रक्त विकार पैदा कर सकते हैं।