श्रमिक परिवार की महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए दी जा रही आर्थिक मदद:

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रायपुर, श्रमिक परिवार में जच्चे और बच्चे की देखभाल की राह अब आसान हो गई है।
गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलीवरी और शिशुओं को पोषक आहार की व्यवस्था
करने में छत्तीसगढ़ सरकार की मिनीमाता महतारी जतन योजना मददगार साबित हो रही
है। इस योजना में श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को 20 हजार रूपये तक
की आर्थिक सहायता दी जाती है।



सुकमा जिले में मिनीमाता महतारी जतन योजना जनवरी 2018 से दिसंबर 2022 तक
जिले में 703 हितग्राही को इसका लाभ मिला है। इस योजना की हितग्राही
श्रीमती मेहरूनिशा ने बताया कि मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत हमें 20
हजार रुपए मिले जिससे हमें बहुत खुशी हुई। प्राप्त राशि को हमने बच्चे के
भविष्य के लिए बैंक में एफडी करा दिया है। सुकमा की निवासी हितग्राही
श्रीमती प्रियंका हलधर ने बताया कि बच्चे के जन्म के कुछ ही दिनों बाद
हमारे अकाउंट में पैसा जमा हो गया। गर्भवती माताओं को बच्चे के जन्म के
पश्चात बच्चे और मां दोनों का स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
कई परिवारों में आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण समय पर पोषण आहार न
मिलने से बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस योजना
से हमें आर्थिक सहायता मिलने से बच्चें और मां के स्वास्थ्य की देखभाल
अच्छे से हो जाती है। यकीनन यह योजना हमारे लिए बहुत ही मददगार साबित हो
रही है। 


रायपुर, श्रमिक परिवार में जच्चे और बच्चे की देखभाल की राह अब आसान हो गई है।
गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलीवरी और शिशुओं को पोषक आहार की व्यवस्था
करने में छत्तीसगढ़ सरकार की मिनीमाता महतारी जतन योजना मददगार साबित हो रही
है। इस योजना में श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को 20 हजार रूपये तक
की आर्थिक सहायता दी जाती है।



सुकमा जिले में मिनीमाता महतारी जतन योजना जनवरी 2018 से दिसंबर 2022 तक
जिले में 703 हितग्राही को इसका लाभ मिला है। इस योजना की हितग्राही
श्रीमती मेहरूनिशा ने बताया कि मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत हमें 20
हजार रुपए मिले जिससे हमें बहुत खुशी हुई। प्राप्त राशि को हमने बच्चे के
भविष्य के लिए बैंक में एफडी करा दिया है। सुकमा की निवासी हितग्राही
श्रीमती प्रियंका हलधर ने बताया कि बच्चे के जन्म के कुछ ही दिनों बाद
हमारे अकाउंट में पैसा जमा हो गया। गर्भवती माताओं को बच्चे के जन्म के
पश्चात बच्चे और मां दोनों का स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
कई परिवारों में आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण समय पर पोषण आहार न
मिलने से बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस योजना
से हमें आर्थिक सहायता मिलने से बच्चें और मां के स्वास्थ्य की देखभाल
अच्छे से हो जाती है। यकीनन यह योजना हमारे लिए बहुत ही मददगार साबित हो
रही है। 


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