कोरबा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांकी कोयला खदान बंद होने के बाद खनन प्रभावित मड़वाढोढ़ा, पुरैना और बांकी गांव की बस्तियों में पेयजल आपूर्ति बंद किये जाने की कड़ी निंदा की है और पूर्व की तरह पाइप लाइन और बोरवेल के माध्यम से जल आपूर्ति जारी रखने की मांग की है। इस संबंध में कोरबा महाप्रबंधक को दिए गए एक ज्ञापन में माकपा ने 24 फरवरी को कोयला परिवहन रोकने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, श्रवण कुमार, हीरा सिंह, जगदीश कंवर, लक्ष्मीराम बघेल, सी आर चौहान, अजित कंवर आदि शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति की जिम्मेदारी एसईसीएल की है। जब खनन कार्य चल रहा था, तब एसईसीएल के पानी से बारहों महीने इन गांवों के तालाब भरे रहते थे और किसान दोहरी फसल के साथ सब्जी उगा कर अपना जीवन यापन करते थे। लेकिन अब जल आपूर्ति बंद होने से बढ़ती गर्मी के साथ निस्तारी का संकट बढ़ रहा है और मवेशियों के लिए भी पानी का इंतजाम करना कठिन हो जाएगा।
माकपा नेता झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही अब एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से मुकर रहा है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है।
जल नहीं, तो परिवहन नहीं,माकपा पार्षद राजकुमारी
माकपा की मोंगरा वार्ड पार्षद राजकुमारी कंवर ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल ग्रामीणों को नगर निगम का पानी खरीदने को मजबूर कर रहा है, जिसका माकपा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित गांवों को पूर्व की तरह निःशुल्क जल आपूर्ति की जाए। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को ग्रामीण 'जल नहीं, तो परिवहन नहीं' के नारे के साथ बांकी की मुख्य सड़क को जाम करके कोयला आपूर्ति ठप्प करेंगे।
कोरबा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांकी कोयला खदान बंद होने के बाद खनन प्रभावित मड़वाढोढ़ा, पुरैना और बांकी गांव की बस्तियों में पेयजल आपूर्ति बंद किये जाने की कड़ी निंदा की है और पूर्व की तरह पाइप लाइन और बोरवेल के माध्यम से जल आपूर्ति जारी रखने की मांग की है। इस संबंध में कोरबा महाप्रबंधक को दिए गए एक ज्ञापन में माकपा ने 24 फरवरी को कोयला परिवहन रोकने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, श्रवण कुमार, हीरा सिंह, जगदीश कंवर, लक्ष्मीराम बघेल, सी आर चौहान, अजित कंवर आदि शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति की जिम्मेदारी एसईसीएल की है। जब खनन कार्य चल रहा था, तब एसईसीएल के पानी से बारहों महीने इन गांवों के तालाब भरे रहते थे और किसान दोहरी फसल के साथ सब्जी उगा कर अपना जीवन यापन करते थे। लेकिन अब जल आपूर्ति बंद होने से बढ़ती गर्मी के साथ निस्तारी का संकट बढ़ रहा है और मवेशियों के लिए भी पानी का इंतजाम करना कठिन हो जाएगा।
माकपा नेता झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही अब एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से मुकर रहा है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है।
जल नहीं, तो परिवहन नहीं,माकपा पार्षद राजकुमारी
माकपा की मोंगरा वार्ड पार्षद राजकुमारी कंवर ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल ग्रामीणों को नगर निगम का पानी खरीदने को मजबूर कर रहा है, जिसका माकपा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित गांवों को पूर्व की तरह निःशुल्क जल आपूर्ति की जाए। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को ग्रामीण 'जल नहीं, तो परिवहन नहीं' के नारे के साथ बांकी की मुख्य सड़क को जाम करके कोयला आपूर्ति ठप्प करेंगे।