सरकार भयमुक्त एवं विधिसम्मत शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध:

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नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को दिलाई जा चुकी है मुकदमों से मुक्ति



बीते वर्ष 555 नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में मिली बड़ी सफलता, इस दौरान 46 नक्सली हुए धराशायी

छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने लिखा एनआईए के महानिदेशक को पत्र

बस्तर में हुई तीन जनप्रतिनिधि की हत्या की जांच का किया अनुरोध



रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार भयमुक्त एवं
विधिसम्मत शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने
अपराध पर लगाम लगाए जाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के
संवेदनशील रवैये के साथ नक्सलवादियों के आत्मसमर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस
की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि विकास,विश्वास और सुरक्षा की रणनीति
के कारण ही प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है।


प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में
पिछले चार वर्षों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे
हैं। राज्य सरकार द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण के कार्य किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण,
आवश्यक  प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है।

बीते वर्ष सरकार के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर
और छत्तीसगढ़ पुलिस के संवेदनशील व्यवहार के कारण 555 नक्सलवादियों ने
आत्मसमर्पण किया है जो एक बड़ी  सफलता है। इसी दौरान 46 नक्सलवादियों की
पुलिस मुठभेड़ में मौत भी हुई  है। बीते चार वर्षों में नक्सल पीड़ित
क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति दिलाई जा चुकी है
जो सरकार की आदिवासियों के हित में दूरदर्शी सोच और पुलिस की संवेदनशीलता
से संभव हो पाया है।  

बस्तर को लेकर चार वर्ष पहले तक देश में कई भ्रांतियां थीं। लेकिन इन चार
वर्षों में सरकार ने सुरक्षा और विश्वास को लेकर कार्य किया है। इस दौरान
बस्तर क्षेत्र में विकास के कार्य हुए हैं। इस दौरान नक्सल प्रभावित
क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया, नए अस्पताल
खोले गए, ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
कराई गयीं। प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं। नक्सल प्रभावित
क्षेत्रों में किसानों को  वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और
आदिवासियों को उनकी  जमीनें वापस कराई गई है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने एनआईए के
महानिदेशक को पत्र लिखकर बस्तर में हुई तीन जनप्रतिनिधि की हत्या की जांच
की मांग की है। श्री जुनेजा ने कहा है कि माओवादियों का इलाका लगातार सिकुड़
रहा है, केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस के प्रयास से विगत वर्षों में
नक्सली उन्मूलन में सफलता मिली है और इससे नक्सली बौखलाहट में
जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।


नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को दिलाई जा चुकी है मुकदमों से मुक्ति



बीते वर्ष 555 नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में मिली बड़ी सफलता, इस दौरान 46 नक्सली हुए धराशायी

छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने लिखा एनआईए के महानिदेशक को पत्र

बस्तर में हुई तीन जनप्रतिनिधि की हत्या की जांच का किया अनुरोध



रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार भयमुक्त एवं
विधिसम्मत शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने
अपराध पर लगाम लगाए जाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के
संवेदनशील रवैये के साथ नक्सलवादियों के आत्मसमर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस
की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि विकास,विश्वास और सुरक्षा की रणनीति
के कारण ही प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है।


प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में
पिछले चार वर्षों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे
हैं। राज्य सरकार द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण के कार्य किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण,
आवश्यक  प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है।

बीते वर्ष सरकार के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर
और छत्तीसगढ़ पुलिस के संवेदनशील व्यवहार के कारण 555 नक्सलवादियों ने
आत्मसमर्पण किया है जो एक बड़ी  सफलता है। इसी दौरान 46 नक्सलवादियों की
पुलिस मुठभेड़ में मौत भी हुई  है। बीते चार वर्षों में नक्सल पीड़ित
क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति दिलाई जा चुकी है
जो सरकार की आदिवासियों के हित में दूरदर्शी सोच और पुलिस की संवेदनशीलता
से संभव हो पाया है।  

बस्तर को लेकर चार वर्ष पहले तक देश में कई भ्रांतियां थीं। लेकिन इन चार
वर्षों में सरकार ने सुरक्षा और विश्वास को लेकर कार्य किया है। इस दौरान
बस्तर क्षेत्र में विकास के कार्य हुए हैं। इस दौरान नक्सल प्रभावित
क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया, नए अस्पताल
खोले गए, ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
कराई गयीं। प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं। नक्सल प्रभावित
क्षेत्रों में किसानों को  वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और
आदिवासियों को उनकी  जमीनें वापस कराई गई है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने एनआईए के
महानिदेशक को पत्र लिखकर बस्तर में हुई तीन जनप्रतिनिधि की हत्या की जांच
की मांग की है। श्री जुनेजा ने कहा है कि माओवादियों का इलाका लगातार सिकुड़
रहा है, केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस के प्रयास से विगत वर्षों में
नक्सली उन्मूलन में सफलता मिली है और इससे नक्सली बौखलाहट में
जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।


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