असल सोने को ई-गोल्ड में कैसे बदले, डिजिटल गोल्ड के क्या हैं फायदे, क्या नहीं लगेगा टैक्स…:

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सोना निवेश और बचत का पारंपरिक माध्यम रहा है. पहले के जमाने में लोग
सोने के गहनों में पैसा लगाते थे. आज भी भारतीय घरों में गहनों के रूप में
सोने का बहुत बड़ा भंडार है. अब बदले हुए समय में सोने में निवेश का स्वरूप
भी बदल गया है. नई पीढ़ी के लोगों के साथ-साथ कई जानकार अब गोल्ड ज्वेलरी
यानी फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड में निवेश को तरजीह दे रहे हैं. ऐसे
लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अब सरकार ने भी एक तरीका तैयार किया है.

डिजिटल गोल्ड के ये फायदे


सबसे पहले बात करते हैं डिजिटल गोल्ड में निवेश के फायदों की. अगर आप
पारंपरिक तरीके से फिजिकल गोल्ड में निवेश करते हैं तो इसके कई नुकसान हैं.
इन्हें अपने पास रखने से सुरक्षा का डर रहता है, वहीं बैंक लॉकर में रखने
पर पैसे खर्च होते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जब आप इन्हें कैश कराने
भी जाते हैं तो भी आपको पूरी रकम नहीं मिलती है. डिजिटल गोल्ड के मामले में
ये सारी झंझट नहीं होती और कुछ ही मिनटों में इन्हें कैश करना भी संभव है.


ऐसे में नहीं लगेगा टैक्स


अब हम आपको एक ऐसा तरीका बताते हैं, जिसके इस्तेमाल से आप आसानी से
फिजिकल गोल्ड को डिजिटल गोल्ड में बदल सकते हैं और ऐसा करने के लिए आपको
किसी तरह का टैक्स भी नहीं देना होगा. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
ने बजट 2023 में एक प्रस्ताव रखा है. इसके तहत फिजिकल गोल्ड को
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) यानी ई-गोल्ड में बदलने पर टैक्स नहीं
लगेगा. इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर भी कोई
टैक्स नहीं लगेगा.




ई-गोल्ड क्या है?


इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद एक प्रकार की रसीद है, जो सोने का मूल्य रखती
है. शेयरों की तरह ई-गोल्ड में डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है. शेयरों की
तरह, वे आपके डीमैट खाते में जमा होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार
करते हैं. डीमैट खाते में रखे ई-गोल्ड को जरूरत के समय फिजिकल गोल्ड में
बदला जा सकता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने अक्टूबर 2022 में ईजीआर लॉन्च
किया.


असली सोने को ई-गोल्ड में कैसे बदलें?


निवेशक सोने को नामित वितरण केंद्र पर जमा करके ई-सोने में परिवर्तित कर
सकता है. सोना देने के बाद डिपॉजिटरी रसीद डीमैट खाते में जमा कर दी जाती
है. तब इसका कारोबार किया जा सकता है. मतलब आप चाहें तो इसे स्टॉक एक्सचेंज
पर बेच सकते हैं. खैर, इसी तरह ईजीआर निवेशक को भौतिक सोना प्राप्त करने
के लिए डिपॉजिटरी से अनुरोध करना पड़ता है. वॉलेट प्रबंधक ईजीआर को गोल्ड
में परिवर्तित करता है और इसे वॉल्ट सेंटर से प्राप्त किया जा सकता है.


सोना निवेश और बचत का पारंपरिक माध्यम रहा है. पहले के जमाने में लोग
सोने के गहनों में पैसा लगाते थे. आज भी भारतीय घरों में गहनों के रूप में
सोने का बहुत बड़ा भंडार है. अब बदले हुए समय में सोने में निवेश का स्वरूप
भी बदल गया है. नई पीढ़ी के लोगों के साथ-साथ कई जानकार अब गोल्ड ज्वेलरी
यानी फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड में निवेश को तरजीह दे रहे हैं. ऐसे
लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अब सरकार ने भी एक तरीका तैयार किया है.

डिजिटल गोल्ड के ये फायदे


सबसे पहले बात करते हैं डिजिटल गोल्ड में निवेश के फायदों की. अगर आप
पारंपरिक तरीके से फिजिकल गोल्ड में निवेश करते हैं तो इसके कई नुकसान हैं.
इन्हें अपने पास रखने से सुरक्षा का डर रहता है, वहीं बैंक लॉकर में रखने
पर पैसे खर्च होते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जब आप इन्हें कैश कराने
भी जाते हैं तो भी आपको पूरी रकम नहीं मिलती है. डिजिटल गोल्ड के मामले में
ये सारी झंझट नहीं होती और कुछ ही मिनटों में इन्हें कैश करना भी संभव है.


ऐसे में नहीं लगेगा टैक्स


अब हम आपको एक ऐसा तरीका बताते हैं, जिसके इस्तेमाल से आप आसानी से
फिजिकल गोल्ड को डिजिटल गोल्ड में बदल सकते हैं और ऐसा करने के लिए आपको
किसी तरह का टैक्स भी नहीं देना होगा. दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
ने बजट 2023 में एक प्रस्ताव रखा है. इसके तहत फिजिकल गोल्ड को
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) यानी ई-गोल्ड में बदलने पर टैक्स नहीं
लगेगा. इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर भी कोई
टैक्स नहीं लगेगा.




ई-गोल्ड क्या है?


इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद एक प्रकार की रसीद है, जो सोने का मूल्य रखती
है. शेयरों की तरह ई-गोल्ड में डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है. शेयरों की
तरह, वे आपके डीमैट खाते में जमा होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार
करते हैं. डीमैट खाते में रखे ई-गोल्ड को जरूरत के समय फिजिकल गोल्ड में
बदला जा सकता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने अक्टूबर 2022 में ईजीआर लॉन्च
किया.


असली सोने को ई-गोल्ड में कैसे बदलें?


निवेशक सोने को नामित वितरण केंद्र पर जमा करके ई-सोने में परिवर्तित कर
सकता है. सोना देने के बाद डिपॉजिटरी रसीद डीमैट खाते में जमा कर दी जाती
है. तब इसका कारोबार किया जा सकता है. मतलब आप चाहें तो इसे स्टॉक एक्सचेंज
पर बेच सकते हैं. खैर, इसी तरह ईजीआर निवेशक को भौतिक सोना प्राप्त करने
के लिए डिपॉजिटरी से अनुरोध करना पड़ता है. वॉलेट प्रबंधक ईजीआर को गोल्ड
में परिवर्तित करता है और इसे वॉल्ट सेंटर से प्राप्त किया जा सकता है.


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