देश में बच्चों के हेल्थ में दिये जाने सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को सर्टिफिकेशन करने वाली पहल है मुस्कान
शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा सर्टिफिकेट माना जाता है मुस्कान क्वालिटी सर्टिफिकेट
दुर्ग . बच्चों को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य प्रदान करने में दुर्ग जिला अस्पताल
तथा पाटन सीएचसी ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा
इसके लिए की गई पहल मुस्कान के अंतर्गत इन्हें क्वालिटी सर्टिफिकेट दिया
गया है। प्रदेश से दो ही अस्पतालों का चयन इसके लिए किया गया है। इस संबंध
में जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के शिशुरोग विभाग के एचओडी डा. रजनीश
मल्होत्रा ने बताया कि मुस्कान में एसएनसीयू, पीडियाट्रिक ओपीडी, एनआरसी
आदि देखा जाता है। इस दृष्टि से इन अस्पतालों में बेहतरीन सुविधाओं की वजह
से और क्वालिटी हेल्थ उपलब्ध कराने की वजह से मुस्कान क्वालिटी सर्टिफिकेट
के लिए चुना गया है। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि दुर्ग
अस्पताल को इसमें 97 प्रतिशत स्कोर मिला है। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू
में चौबीस घंटे सुविधा दी जाती है और विशेषज्ञ शिशु रोग विशेषज्ञ लगातार
बच्चों के हेल्थ की मानिटरिंग करते हैं। पाटन बीएमओ ने बताया कि मुस्कान
में क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए पेशेंट की संतुष्टि बहुत जरूरी होती है।
जिन बच्चों के अभिभावकों से बात की गई, उन्होंने इलाज के बारे में संतुष्टि
जाहिर की। यहां डाक्टर्स अभिभावकों को नियमित रूप से बच्चे के स्वास्थ्य
के बारे में बताते हैं जिससे अभिभावकों को तसल्ली होती है। डा. शर्मा ने
बताया कि हमर लैब की वजह से सभी प्रकार के टेस्ट निःशुल्क हैं जिससे बच्चों
के इलाज के लिए काफी सुविधा होती है। कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी की
सुविधा है। इस प्रकार छोटे बच्चों के लिए शासन ने इस अस्पताल में बड़ी अच्छी
सुविधा दी है। उन्होंने बताया कि एनआरसी में आक्यूपेंसी काफी अच्छी रहती
है और यहां बच्चों के पोषण का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाता है। उल्लेखनीय
है कि पाटन अस्पताल का स्कोर 84 प्रतिशत रहा। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल
दुर्ग में एसएनसीयू यूनिट स्थापित किये जाने से नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य
के लिए बहुत अच्छी सुविधा हो गई है। साथ ही ब्लड बैंक भी आरंभ होने से कई
तरह के जांच निःशुल्क किये जा रहे हैं। इस वजह से बच्चों के लिए
गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य तो सुनिश्चित किया ही जा रहा है खर्च में भी कमी
आई है। अस्पताल की इन उपलब्धियों के लिए कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र मीणा ने
अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी है। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.
जेपी मेश्राम और जीवनदीप समिति के सदस्य श्री दिलीप ठाकुर एवं अन्य सदस्यों
ने भी इसके लिए सराहा है।
चेन्नई और मोरबी के चिकित्सक आये थे मूल्यांकन के लिए- उल्लेखनीय है कि
मुस्कान पहल के अंतर्गत जांच 16 और 17 दिसंबर को हुई थी। इसमें राष्ट्रीय
संस्थान सिद्ध चेन्नई के डा. एनजे मुथुकुमार और डा. जयेश बी बोरसानिया
मोरवी अस्पताल से शामिल थे। इन्होंने जांच की और हर बिन्दु में दोनों
अस्पतालों को बहुत बेहतर पाया। पुरस्कृत होने पर अस्पताल प्रबंधन काफी
प्रसन्न है और आगे भी बेहतर करने के लिए इनका संकल्प मजबूत हुआ है।
देश में बच्चों के हेल्थ में दिये जाने सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को सर्टिफिकेशन करने वाली पहल है मुस्कान
शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा सर्टिफिकेट माना जाता है मुस्कान क्वालिटी सर्टिफिकेट
दुर्ग . बच्चों को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य प्रदान करने में दुर्ग जिला अस्पताल
तथा पाटन सीएचसी ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा
इसके लिए की गई पहल मुस्कान के अंतर्गत इन्हें क्वालिटी सर्टिफिकेट दिया
गया है। प्रदेश से दो ही अस्पतालों का चयन इसके लिए किया गया है। इस संबंध
में जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के शिशुरोग विभाग के एचओडी डा. रजनीश
मल्होत्रा ने बताया कि मुस्कान में एसएनसीयू, पीडियाट्रिक ओपीडी, एनआरसी
आदि देखा जाता है। इस दृष्टि से इन अस्पतालों में बेहतरीन सुविधाओं की वजह
से और क्वालिटी हेल्थ उपलब्ध कराने की वजह से मुस्कान क्वालिटी सर्टिफिकेट
के लिए चुना गया है। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि दुर्ग
अस्पताल को इसमें 97 प्रतिशत स्कोर मिला है। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू
में चौबीस घंटे सुविधा दी जाती है और विशेषज्ञ शिशु रोग विशेषज्ञ लगातार
बच्चों के हेल्थ की मानिटरिंग करते हैं। पाटन बीएमओ ने बताया कि मुस्कान
में क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए पेशेंट की संतुष्टि बहुत जरूरी होती है।
जिन बच्चों के अभिभावकों से बात की गई, उन्होंने इलाज के बारे में संतुष्टि
जाहिर की। यहां डाक्टर्स अभिभावकों को नियमित रूप से बच्चे के स्वास्थ्य
के बारे में बताते हैं जिससे अभिभावकों को तसल्ली होती है। डा. शर्मा ने
बताया कि हमर लैब की वजह से सभी प्रकार के टेस्ट निःशुल्क हैं जिससे बच्चों
के इलाज के लिए काफी सुविधा होती है। कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी की
सुविधा है। इस प्रकार छोटे बच्चों के लिए शासन ने इस अस्पताल में बड़ी अच्छी
सुविधा दी है। उन्होंने बताया कि एनआरसी में आक्यूपेंसी काफी अच्छी रहती
है और यहां बच्चों के पोषण का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाता है। उल्लेखनीय
है कि पाटन अस्पताल का स्कोर 84 प्रतिशत रहा। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल
दुर्ग में एसएनसीयू यूनिट स्थापित किये जाने से नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य
के लिए बहुत अच्छी सुविधा हो गई है। साथ ही ब्लड बैंक भी आरंभ होने से कई
तरह के जांच निःशुल्क किये जा रहे हैं। इस वजह से बच्चों के लिए
गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य तो सुनिश्चित किया ही जा रहा है खर्च में भी कमी
आई है। अस्पताल की इन उपलब्धियों के लिए कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र मीणा ने
अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी है। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.
जेपी मेश्राम और जीवनदीप समिति के सदस्य श्री दिलीप ठाकुर एवं अन्य सदस्यों
ने भी इसके लिए सराहा है।
चेन्नई और मोरबी के चिकित्सक आये थे मूल्यांकन के लिए- उल्लेखनीय है कि
मुस्कान पहल के अंतर्गत जांच 16 और 17 दिसंबर को हुई थी। इसमें राष्ट्रीय
संस्थान सिद्ध चेन्नई के डा. एनजे मुथुकुमार और डा. जयेश बी बोरसानिया
मोरवी अस्पताल से शामिल थे। इन्होंने जांच की और हर बिन्दु में दोनों
अस्पतालों को बहुत बेहतर पाया। पुरस्कृत होने पर अस्पताल प्रबंधन काफी
प्रसन्न है और आगे भी बेहतर करने के लिए इनका संकल्प मजबूत हुआ है।