शराब घोटाले में 9 महीने से जेल में बंद आबकारी विभाग के AP त्रिपाठी को मिली ....:

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में आबकारी
विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर किया है।
बुधवार को इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया
था, जिस पर गुरुवार को ऑर्डर जारी किया गया है।


प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी
विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी
अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ कर ईडी की विशेष अदालत ने
जेल भेज दिया था। अरुण पति त्रिपाठी ने अपने एडवोकेट के माध्यम से विशेष
अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी। जिसे खारिज कर दिया गया। जिसके बाद
उन्होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की थी।
जिसमें राहत नहीं मिली, तब हाईकोर्ट में दोबारा जमानत अर्जी लगाई।


कौन है अरुण पति त्रिपाठी


अरुण पति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग के विशेष सचिव हैं।
पहले वे छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी भी रहे हैं।
एपी त्रिपाठी इंडियन टेलीकॉम के ऑफिसर हैं, जो डेपुटेशन पर छत्तीसगढ़ में
कार्यरत हैं।


2000 करोड़ के शराब घोटाले का है आरोप


ED ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया था।
ईडी ने बताया था कि साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम
से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया। ED की
ओर से कहा गया कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक
पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक
संरक्षकों) को दी है।


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में आबकारी
विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर किया है।
बुधवार को इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया
था, जिस पर गुरुवार को ऑर्डर जारी किया गया है।


प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी
विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी
अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ कर ईडी की विशेष अदालत ने
जेल भेज दिया था। अरुण पति त्रिपाठी ने अपने एडवोकेट के माध्यम से विशेष
अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी। जिसे खारिज कर दिया गया। जिसके बाद
उन्होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की थी।
जिसमें राहत नहीं मिली, तब हाईकोर्ट में दोबारा जमानत अर्जी लगाई।


कौन है अरुण पति त्रिपाठी


अरुण पति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग के विशेष सचिव हैं।
पहले वे छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी भी रहे हैं।
एपी त्रिपाठी इंडियन टेलीकॉम के ऑफिसर हैं, जो डेपुटेशन पर छत्तीसगढ़ में
कार्यरत हैं।


2000 करोड़ के शराब घोटाले का है आरोप


ED ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया था।
ईडी ने बताया था कि साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम
से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया। ED की
ओर से कहा गया कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक
पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक
संरक्षकों) को दी है।


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