खंडवा । देशभर
में सोमवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 554 रेलवे स्टेशनों के
पुनर्विकास का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस
दौरान देश के इकलौते चार डिविजनों को जोड़ने वाले प्रदेश के खंडवा रेलवे
स्टेशन को भी योजना में शामिल किया गया है। खंडवा रेलवे स्टेशन पर भव्य
आयोजन किया गया। यहां भीड़ बढ़ाने के लिए कक्षा छह से आठ तक के सैकड़ों
स्कूली बच्चों को सुबह नौ बजे से ही बुला लिया गया। कार्यालय जनपद शिक्षा
केन्द्र ने स्कूली बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का दबाव भी बनाया गया
था। हालांकि, अभी बच्चों की परीक्षाओं का समय है। ऐसे में स्कूली बच्चों
को कार्यक्रम में बुलाकर घंटों बिठाए रखने की आलोचना भी हो रही है।
स्कूली बच्चों को परीक्षा के समय में घंटों बिठाए रखना शायद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रास न आता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद
भी परीक्षा पे चर्चा करते हैं। बच्चों को पढ़ाई पर फोकस करने का आग्रह
करते दिखते हैं। ऐसे में खंडवा के शिक्षा अधिकारियों के फरमान पर सवाल उठ
रहे हैं। इस कार्यक्रम में कक्षा छह से आठ तक के करीब 660 बच्चे मौजूद थे।
बच्चों को तो पता भी नहीं था कि उन्हें इस कार्यक्रम में क्यों लाया गया
है। यहां तक कि उनके शिक्षकों तक को नहीं पता था। उन्हें तो बस शिक्षा
अधिकारियों के फरमान का पालन करना था। इस वजह से सभी बच्चों को वहां बुला
लिया गया था। पूछे जाने पर उनके पास कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी
नहीं थी।
जब कार्यक्रम में खंडवा के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से स्कूली बच्चों की
मौजूदगी पर सवाल पूछा तो वे टालते नजर आए। उन्होंने कहा कि जिसे मीन-मेख
निकालना है, वह तो चाहे जिस तरीके से निकाल सकता है। रहा सवाल जिनकी
परीक्षा है, उन्हें नहीं बुलाया है। यह तो ऊपर से ही निर्देश हैं कि यहां
इस कार्यक्रम में सहभागिता जनता के साथ-साथ विद्यार्थियों की भी रहे। यह
आने वाला भविष्य है। इस वजह से हमारे भविष्य को भी जानना चाहिए कि हमारे
प्रधानमंत्री मोदी हमारे आने वाले भविष्य की चिंता कर रहे हैं। हमारी सरकार
क्या-क्या कर रही है। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि बच्चों ने यहां क्या
सीखा, तो वे चिढ़ गए और अजीब-सा जवाब देकर चलते बने।
खंडवा । देशभर
में सोमवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 554 रेलवे स्टेशनों के
पुनर्विकास का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस
दौरान देश के इकलौते चार डिविजनों को जोड़ने वाले प्रदेश के खंडवा रेलवे
स्टेशन को भी योजना में शामिल किया गया है। खंडवा रेलवे स्टेशन पर भव्य
आयोजन किया गया। यहां भीड़ बढ़ाने के लिए कक्षा छह से आठ तक के सैकड़ों
स्कूली बच्चों को सुबह नौ बजे से ही बुला लिया गया। कार्यालय जनपद शिक्षा
केन्द्र ने स्कूली बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का दबाव भी बनाया गया
था। हालांकि, अभी बच्चों की परीक्षाओं का समय है। ऐसे में स्कूली बच्चों
को कार्यक्रम में बुलाकर घंटों बिठाए रखने की आलोचना भी हो रही है।
स्कूली बच्चों को परीक्षा के समय में घंटों बिठाए रखना शायद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रास न आता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद
भी परीक्षा पे चर्चा करते हैं। बच्चों को पढ़ाई पर फोकस करने का आग्रह
करते दिखते हैं। ऐसे में खंडवा के शिक्षा अधिकारियों के फरमान पर सवाल उठ
रहे हैं। इस कार्यक्रम में कक्षा छह से आठ तक के करीब 660 बच्चे मौजूद थे।
बच्चों को तो पता भी नहीं था कि उन्हें इस कार्यक्रम में क्यों लाया गया
है। यहां तक कि उनके शिक्षकों तक को नहीं पता था। उन्हें तो बस शिक्षा
अधिकारियों के फरमान का पालन करना था। इस वजह से सभी बच्चों को वहां बुला
लिया गया था। पूछे जाने पर उनके पास कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी
नहीं थी।
जब कार्यक्रम में खंडवा के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से स्कूली बच्चों की
मौजूदगी पर सवाल पूछा तो वे टालते नजर आए। उन्होंने कहा कि जिसे मीन-मेख
निकालना है, वह तो चाहे जिस तरीके से निकाल सकता है। रहा सवाल जिनकी
परीक्षा है, उन्हें नहीं बुलाया है। यह तो ऊपर से ही निर्देश हैं कि यहां
इस कार्यक्रम में सहभागिता जनता के साथ-साथ विद्यार्थियों की भी रहे। यह
आने वाला भविष्य है। इस वजह से हमारे भविष्य को भी जानना चाहिए कि हमारे
प्रधानमंत्री मोदी हमारे आने वाले भविष्य की चिंता कर रहे हैं। हमारी सरकार
क्या-क्या कर रही है। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि बच्चों ने यहां क्या
सीखा, तो वे चिढ़ गए और अजीब-सा जवाब देकर चलते बने।