सर्वे दिखा रहे कम, फिर NDA कैसे करेगा 400 सीट पार; इन राज्यों में बन रही मोदी की रणनीति:

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लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले भाजपा लगातार अपने कुनबे के विस्तार
में जुटी है। बिहार में नीतीश की पार्टी जेडीयू को साथ लिया, फिर यूपी में
जयंत चौधरी की आरएलडी को ले आए। पंजाब में अकाली दल से वार्ता चल रही है और
इस बीच ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल से भी गठबंधन के कयास हैं।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से खुद पीएम नरेंद्र मोदी के बहुत अच्छे रिश्ते
रहे हैं। पिछली दोनों सरकारों में लोकसभा और राज्यसभा में किसी भी अहम
प्रस्ताव पर बीजू जनता दल और वाईएसआर जैसी पार्टियों ने समर्थन किया ही था।
अब भाजपा चाहती है कि बीजेडी को साथ लेकर एनडीए कुनबे को मजबूत किया जाए।
इससे 400 के आंकड़े को पार करने में भी मदद मिलेगी।

अब तक के चुनावी इतिहास में सिर्फ राजीव गांधी को 1984
में 400 से ज्यादा सीटों वाला बहुमत मिला था। तब यह भी माना गया था कि
इंदिरा गांधी की हत्या से सहानुभूति की लहर का भी फायदा मिला है। अब यदि
भाजपा ऐसा करिश्मा कर देती है तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि अब तक
जो सर्वे आए हैं, उनमें एनडीए को
370 के आसपास ही दिखाया गया है। जी न्यूज के सर्वे में एनडीए को 377 सीट
दी गई हैं। वहीं इंडिया टीवी के सर्वे में भी कमोबेश यही स्थिति है। इंडिया
टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में तो एनडीए को 335 सीटें ही दी गई हैं।

ऐसे में भाजपा चाहती है कि इस कमी को बीजू जनता दल जैसे दलों को
साथ लाकर पूरा किया जाए। ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। 2019 में
बीजेडी ने 12 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 8 पर विजय मिली थी। एक सीट पर
कांग्रेस जीती थी। इस बार जैसा माहौल है, भाजपा चाहती है कि ओडिशा में
बीजेडी को लेकर क्लीन स्वीप कर लिया जाए। ऐसा हुआ तो सर्वे में जो आंकड़ा
375 के आसपास अटक रहा है, वह थोड़ा आगे बढ़ जाएगा। इसके अलावा आंध्र प्रदेश
में टीडीपी या वाईएसआर में से किसी एक साथ लेने पर आंकड़ा 400 के पार भी
जा सकता है। पंजाब में अकाली दल को साथ लेने पर भी एकाध सीट का फायदा
मिलेगा।

सूत्रों के अनुसार भाजपा की कोशिश यहां तक है कि यदि
उद्धव ठाकरे गुट साथ आना चाहे तो महाराष्ट्र में उसे भी लिया जाए। यह बात
महाविकास अघाड़ी में भी चल रही है। यही वजह है कि प्रकाश आंबेडकर की पार्टी
ने गठबंधन के लिए उद्धव सेना के आगे शर्त ही रख दी है कि वह लिख के दें कि
भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि बजट सेशन
में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जनता से हमें भरोसा है कि इस बार
भाजपा को अकेले 370 सीटें मिलेंगी और एनडीए 400 का आंकड़ा पार कर जाएगा। 


लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले भाजपा लगातार अपने कुनबे के विस्तार
में जुटी है। बिहार में नीतीश की पार्टी जेडीयू को साथ लिया, फिर यूपी में
जयंत चौधरी की आरएलडी को ले आए। पंजाब में अकाली दल से वार्ता चल रही है और
इस बीच ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल से भी गठबंधन के कयास हैं।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से खुद पीएम नरेंद्र मोदी के बहुत अच्छे रिश्ते
रहे हैं। पिछली दोनों सरकारों में लोकसभा और राज्यसभा में किसी भी अहम
प्रस्ताव पर बीजू जनता दल और वाईएसआर जैसी पार्टियों ने समर्थन किया ही था।
अब भाजपा चाहती है कि बीजेडी को साथ लेकर एनडीए कुनबे को मजबूत किया जाए।
इससे 400 के आंकड़े को पार करने में भी मदद मिलेगी।

अब तक के चुनावी इतिहास में सिर्फ राजीव गांधी को 1984
में 400 से ज्यादा सीटों वाला बहुमत मिला था। तब यह भी माना गया था कि
इंदिरा गांधी की हत्या से सहानुभूति की लहर का भी फायदा मिला है। अब यदि
भाजपा ऐसा करिश्मा कर देती है तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि अब तक
जो सर्वे आए हैं, उनमें एनडीए को
370 के आसपास ही दिखाया गया है। जी न्यूज के सर्वे में एनडीए को 377 सीट
दी गई हैं। वहीं इंडिया टीवी के सर्वे में भी कमोबेश यही स्थिति है। इंडिया
टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में तो एनडीए को 335 सीटें ही दी गई हैं।

ऐसे में भाजपा चाहती है कि इस कमी को बीजू जनता दल जैसे दलों को
साथ लाकर पूरा किया जाए। ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। 2019 में
बीजेडी ने 12 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 8 पर विजय मिली थी। एक सीट पर
कांग्रेस जीती थी। इस बार जैसा माहौल है, भाजपा चाहती है कि ओडिशा में
बीजेडी को लेकर क्लीन स्वीप कर लिया जाए। ऐसा हुआ तो सर्वे में जो आंकड़ा
375 के आसपास अटक रहा है, वह थोड़ा आगे बढ़ जाएगा। इसके अलावा आंध्र प्रदेश
में टीडीपी या वाईएसआर में से किसी एक साथ लेने पर आंकड़ा 400 के पार भी
जा सकता है। पंजाब में अकाली दल को साथ लेने पर भी एकाध सीट का फायदा
मिलेगा।

सूत्रों के अनुसार भाजपा की कोशिश यहां तक है कि यदि
उद्धव ठाकरे गुट साथ आना चाहे तो महाराष्ट्र में उसे भी लिया जाए। यह बात
महाविकास अघाड़ी में भी चल रही है। यही वजह है कि प्रकाश आंबेडकर की पार्टी
ने गठबंधन के लिए उद्धव सेना के आगे शर्त ही रख दी है कि वह लिख के दें कि
भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि बजट सेशन
में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जनता से हमें भरोसा है कि इस बार
भाजपा को अकेले 370 सीटें मिलेंगी और एनडीए 400 का आंकड़ा पार कर जाएगा। 


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