चुनावी बॉण्ड ‘बहुत बड़ा घोटाला’, जांच के लिए एसआईटी गठित हो: सिब्बल :

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नयी दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को
चुनावी बॉण्ड योजना को ‘‘बहुत बड़ा घोटाला’’ करार दिया और कहा कि इस मामले
की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारियों का एक विशेष जांच दल
(एसआईटी) गठित किया जाए।


चुनावी बॉण्ड के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में
याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने यहां संवाददाता
सम्मेलन में यह आरोप भी लगाया कि यह योजना ‘गैरकानूनी’ थी और इसका उद्देश्य
एक राजनीतिक दल को इस तरह से समृद्ध करना था कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल
उसका मुकाबला नहीं कर सके।उनकी यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी
बाण्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के एक दिन बाद आई है।


सिब्बल ने कहा, ‘‘इस योजना को पूर्व वित्त मंत्री (अरुण जेटली) ने शुरू
किया था और उन्होंने सोचा था कि इस तरह से कोई भी राजनीतिक दल हमसे (भाजपा)
मुकाबला नहीं कर पाएगा। वह सही साबित हुए। जिसके पास पैसा है, वही चुनावी
मुकाबले में रह सकता है।’’


राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला।


उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह है कि बांड किसके पास गए? बांड संख्या का पता लगाया जा सकता है, यह जांच का विषय है।’’


उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए और इसमें अदालत द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अधिकारी हों।


नयी दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को
चुनावी बॉण्ड योजना को ‘‘बहुत बड़ा घोटाला’’ करार दिया और कहा कि इस मामले
की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारियों का एक विशेष जांच दल
(एसआईटी) गठित किया जाए।


चुनावी बॉण्ड के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में
याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने यहां संवाददाता
सम्मेलन में यह आरोप भी लगाया कि यह योजना ‘गैरकानूनी’ थी और इसका उद्देश्य
एक राजनीतिक दल को इस तरह से समृद्ध करना था कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल
उसका मुकाबला नहीं कर सके।उनकी यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी
बाण्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के एक दिन बाद आई है।


सिब्बल ने कहा, ‘‘इस योजना को पूर्व वित्त मंत्री (अरुण जेटली) ने शुरू
किया था और उन्होंने सोचा था कि इस तरह से कोई भी राजनीतिक दल हमसे (भाजपा)
मुकाबला नहीं कर पाएगा। वह सही साबित हुए। जिसके पास पैसा है, वही चुनावी
मुकाबले में रह सकता है।’’


राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला।


उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह है कि बांड किसके पास गए? बांड संख्या का पता लगाया जा सकता है, यह जांच का विषय है।’’


उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए और इसमें अदालत द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अधिकारी हों।


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