रायपुर। वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले इसके लिए मिशन मोड पर जुट गए हैं. मंत्री देवांगन ने विभागीय सचिव से प्रदेश भर के उद्योगों में स्थानीय और बाहरी लोगों कितने अनुपात में रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं, इसकी विस्तृत जानकारी मांगी है. गौरतलब है की एक दिन पूर्व ही उद्योग मंत्री देवांगन ने कोरबा जिले में संचालित सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र लिखकर बाहरी और स्थानीय लोगों को दिए गए रोजगार की जानकारी 7 दिन में तलब की थी. अब मंत्री ने विभागीय सचिव को निर्देश जारी किया है.उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि विधानसभा सत्र में कई विधायकों के साथ–साथ सामान्य जनसंपर्क के दौरान यह बात साने आई है कि विभिन्न उद्योगों में औद्योगिक नीति 2019–24 के प्रावधानों के विपरीत अनुपातिक दृष्टिकोण से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर कम उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के लिए अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 100 फीसदी, कुशल श्रेणी में न्यूनतम 70 फीसदी और प्रबंधकीय श्रेणी में न्यूनतम 40 फ़ीसदी रोजगार दिए जाने का प्रावधान है. मंत्री देवांगन ने जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रदेश में संचालित होने वाले उद्योगों में अलग अलग श्रेणियों में राज्य के स्थानीय और अन्य राज्यों के श्रमिकों को उपलब्ध कराए गए रोजगार की जानकारी तलब की है।
रायपुर। वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले इसके लिए मिशन मोड पर जुट गए हैं. मंत्री देवांगन ने विभागीय सचिव से प्रदेश भर के उद्योगों में स्थानीय और बाहरी लोगों कितने अनुपात में रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं, इसकी विस्तृत जानकारी मांगी है. गौरतलब है की एक दिन पूर्व ही उद्योग मंत्री देवांगन ने कोरबा जिले में संचालित सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र लिखकर बाहरी और स्थानीय लोगों को दिए गए रोजगार की जानकारी 7 दिन में तलब की थी. अब मंत्री ने विभागीय सचिव को निर्देश जारी किया है.उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि विधानसभा सत्र में कई विधायकों के साथ–साथ सामान्य जनसंपर्क के दौरान यह बात साने आई है कि विभिन्न उद्योगों में औद्योगिक नीति 2019–24 के प्रावधानों के विपरीत अनुपातिक दृष्टिकोण से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर कम उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के लिए अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 100 फीसदी, कुशल श्रेणी में न्यूनतम 70 फीसदी और प्रबंधकीय श्रेणी में न्यूनतम 40 फ़ीसदी रोजगार दिए जाने का प्रावधान है. मंत्री देवांगन ने जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रदेश में संचालित होने वाले उद्योगों में अलग अलग श्रेणियों में राज्य के स्थानीय और अन्य राज्यों के श्रमिकों को उपलब्ध कराए गए रोजगार की जानकारी तलब की है।