देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीक संसद भवन की सुरक्षा सोमवार से पूरी तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले होगी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 1,400 कर्मचारियों के हटने के बाद सीआईएसएफ के 3,317 से अधिक कर्मी आतंकवाद रोधी और अन्य सुरक्षा दायित्वों की जिम्मेदारी पूरी तरह अपने हाथ में ले लेंगे।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ कर्मी पुराने और नए संसद भवन के अलावा परिसर में स्थित संबंधित ढांचों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इसकी आतंकवाद रोधी सुरक्षा इकाई 20 मई को सुबह छह बजे से परिसर का पूरा प्रभार संभाल लेगी।
सीआरपीएफ के संसद दायित्व समूह (पीडीजी) ने शुक्रवार को ही परिसर से अपना पूरा प्रशासनिक और अभियानगत अमला यानी वाहन, हथियार और कमांडो को हटा लिया था। सीआरपीएफ के कमांडर एवं उपमहानिरीक्षक रैंक के अधिकारी भी अपनी सभी सुरक्षा जिम्मेदारियां सीआईएसएफ को सौंप चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा में चूक की घटना के बाद सरकार ने यह जिम्मेदारी सीआरपीएफ की जगह सीआईएसएफ को सौंपने का फैसला किया था। 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे।
देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीक संसद भवन की सुरक्षा सोमवार से पूरी तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले होगी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 1,400 कर्मचारियों के हटने के बाद सीआईएसएफ के 3,317 से अधिक कर्मी आतंकवाद रोधी और अन्य सुरक्षा दायित्वों की जिम्मेदारी पूरी तरह अपने हाथ में ले लेंगे।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ कर्मी पुराने और नए संसद भवन के अलावा परिसर में स्थित संबंधित ढांचों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इसकी आतंकवाद रोधी सुरक्षा इकाई 20 मई को सुबह छह बजे से परिसर का पूरा प्रभार संभाल लेगी।
सीआरपीएफ के संसद दायित्व समूह (पीडीजी) ने शुक्रवार को ही परिसर से अपना पूरा प्रशासनिक और अभियानगत अमला यानी वाहन, हथियार और कमांडो को हटा लिया था। सीआरपीएफ के कमांडर एवं उपमहानिरीक्षक रैंक के अधिकारी भी अपनी सभी सुरक्षा जिम्मेदारियां सीआईएसएफ को सौंप चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा में चूक की घटना के बाद सरकार ने यह जिम्मेदारी सीआरपीएफ की जगह सीआईएसएफ को सौंपने का फैसला किया था। 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे।