ईरान के नए राष्ट्रपति बने मसूद पेजेशकियान, कट्टरपंथी जलीली को हराया:

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तेहरान/नई दिल्ली । ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। नतीजों के अनुसार, सुधारवादी मसूद पेजेशकियान ने जीत हासिल की है, उन्होंने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हराया। पेजेशकियान ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ईरान के शिया धर्मतंत्र में कोई आमूलचूल परिवर्तन नहीं करने का वादा किया था और माना कि देश के सभी मामलों में अंतिम मध्यस्थ सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ही होंगे। हालांकि पेजेशकियान की राह बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाली है और उन्हें सुधारवादी कदमों के लिए सरकार में मौजूद कट्टरपंथी नेताओं की चुनौती से पार पाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ सकता है।

पहले चरण के चुनाव में नहीं मिला था किसी उम्मीदवार को बहुमत

ईरान में 5 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए दूसरे चरण का मतदान हुआ, जिसमें करीब तीन करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। नतीजों में पेजेशकियान ने सईद जलीली को 30 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। ईरानी मीडिया के अनुसार, पेजेशकियान को चुनाव में 1.64 करोड़ वोट मिले, वहीं जलीली को 1.36 लोगों ने वोट किया। मसूद पेजेशकियान ईरान के नौंवे राष्ट्रपति हैं। ईरान में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की बीती 19 मई को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।

इसके बाद ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए। 28 मई को हुई पहले चरण की वोटिंग में किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद करीब 42 फीसदी वोट पाने वाले पेजेशकियान और 38 फीसदी वोट पाने वाले सईद जलीली के बीच दूसरे चरण का चुनाव हुआ। ईरान के संविधान के अनुसार, अगर पहले चरण के चुनाव में किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण का चुनाव होता है।

कौन हैं मसूद पेजेशकियान

29 सितंबर 1954 को जन्में मसूद पेजेशकियान पेशे से डॉक्टर हैं और वह ईरान की तबरीज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रमुख रहे हैं। साल 1994 में एक कार हादसे में मसूद पेजेशकियान की पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी। पेजेशकियान साल 1997 में ईरान के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। मसूद पेजेशकियान ने साल 2011 में पहली बार ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया था, लेकिन बाद में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। पेजेशकियान की पहचान एक उदारवादी नेता की है और वह पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के करीबी माने जाते हैं। पेजेशकियान को हिजाब के सख्त कानून का विरोधी माना जाता है।

मसूद पेजेशकियान पश्चिमी देशों के साथ संपर्क बनाए जाने के पक्षधर हैं और वह ईरान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। ईरान साल 2019  से एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट है। इसके चलते ही आईएमएफ और अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थाएं ईरान की आर्थिक मदद नहीं करती हैं।


तेहरान/नई दिल्ली । ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। नतीजों के अनुसार, सुधारवादी मसूद पेजेशकियान ने जीत हासिल की है, उन्होंने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हराया। पेजेशकियान ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ईरान के शिया धर्मतंत्र में कोई आमूलचूल परिवर्तन नहीं करने का वादा किया था और माना कि देश के सभी मामलों में अंतिम मध्यस्थ सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ही होंगे। हालांकि पेजेशकियान की राह बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाली है और उन्हें सुधारवादी कदमों के लिए सरकार में मौजूद कट्टरपंथी नेताओं की चुनौती से पार पाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ सकता है।

पहले चरण के चुनाव में नहीं मिला था किसी उम्मीदवार को बहुमत

ईरान में 5 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए दूसरे चरण का मतदान हुआ, जिसमें करीब तीन करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। नतीजों में पेजेशकियान ने सईद जलीली को 30 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। ईरानी मीडिया के अनुसार, पेजेशकियान को चुनाव में 1.64 करोड़ वोट मिले, वहीं जलीली को 1.36 लोगों ने वोट किया। मसूद पेजेशकियान ईरान के नौंवे राष्ट्रपति हैं। ईरान में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की बीती 19 मई को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।

इसके बाद ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए। 28 मई को हुई पहले चरण की वोटिंग में किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद करीब 42 फीसदी वोट पाने वाले पेजेशकियान और 38 फीसदी वोट पाने वाले सईद जलीली के बीच दूसरे चरण का चुनाव हुआ। ईरान के संविधान के अनुसार, अगर पहले चरण के चुनाव में किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण का चुनाव होता है।

कौन हैं मसूद पेजेशकियान

29 सितंबर 1954 को जन्में मसूद पेजेशकियान पेशे से डॉक्टर हैं और वह ईरान की तबरीज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रमुख रहे हैं। साल 1994 में एक कार हादसे में मसूद पेजेशकियान की पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी। पेजेशकियान साल 1997 में ईरान के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। मसूद पेजेशकियान ने साल 2011 में पहली बार ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया था, लेकिन बाद में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। पेजेशकियान की पहचान एक उदारवादी नेता की है और वह पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के करीबी माने जाते हैं। पेजेशकियान को हिजाब के सख्त कानून का विरोधी माना जाता है।

मसूद पेजेशकियान पश्चिमी देशों के साथ संपर्क बनाए जाने के पक्षधर हैं और वह ईरान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। ईरान साल 2019  से एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट है। इसके चलते ही आईएमएफ और अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थाएं ईरान की आर्थिक मदद नहीं करती हैं।


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