एक पेड़ माँ के नाम: धरती मां को हरा-भरा बनाने चल रहा अभियान:

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हम सबके जीवन मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है, मां हर दुःख सहकर भी अपने बच्चों का पालन पोषण करती है, हर मां अपने बच्चों पर हर स्नेह लुटाती जन्मदात्री मां का यह प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता। प्रधानमंत्री मोदी का सोचना है कि अब हम मां को कुछ दे तो सकते नहीं लेकिन और कुछ कर सकते हैं। इसी सोच में  इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है इस अभियान का नाम है ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’।

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने (5 जून) को बुद्ध जयंती पार्क, नई दिल्ली में पीपल का पौधा लगाकर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत की। प्रकृति के पोषण के लिए धरती माता और मानव जीवन के पोषण के लिए हमारी माताओं के बीच समानता दर्शाते हुए पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों से अपनी माँ के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के प्रतीक के रूप में एक पेड़ लगाने और धरती माता की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

केंद्र और राज्य सरकार के विभाग भी ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के लिए सार्वजनिक स्थानों की पहचान करेंगे। गौरतलब है कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भूमि क्षरण को रोकना और उलटना, सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करना और मरुस्थलीकरण को रोकना का मुख्य उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर के अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का शुभारंभ पीपल के पौधे का रोपण कर किया। इस अभियान के तहत वन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में 4 करोड़ वृक्ष लगाये जाएंगे। इस अभियान में स्कूली बच्चे, आम नागरिक और जनप्रतिनिधि भी उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। शासकीय, अशासकीय संस्थाओं और समितियों द्वारा पौधारोपण जोर-शोर से किया जा रहा है।

पेड़ का महत्व

पेड़ लंबे समय तक प्रदूषण मुक्त वातावरण की कुंजी हैं क्योंकि वे ऑक्सीजन प्रदान करने, हवा की गुणवत्ता में सुधार, जलवायु सुधार, जल संरक्षण, मिट्टी संरक्षण और वन्य जीवन का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं। इन सभी कारणों से वर्तमान परिदृश्य में वृक्षारोपण आवश्यक हो गया है क्योंकि प्रदूषण चरम पर है। कुछ हद तक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपण ही एकमात्र उपाय है। पेड़ों के बिना, पृथ्वी पर जीवन नहीं होता। पेड़-पौधे कई तरह से पर्यावरण को स्वस्थ रखने में बहुत योगदान देते हैं।

मार्च 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना

एक पेड़ माँ के नाम अभियान के साथ इस साल सितंबर तक 80 करोड़ और मार्च, 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए “संपूर्ण सरकार” और “संपूर्ण समाज” नीति का पालन किया जाएगा। ये पेड़ पूरे देश में व्यक्तियों, संस्थाओं, समुदाय आधारित संगठनों, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाएंगे।


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हम सबके जीवन मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है, मां हर दुःख सहकर भी अपने बच्चों का पालन पोषण करती है, हर मां अपने बच्चों पर हर स्नेह लुटाती जन्मदात्री मां का यह प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता। प्रधानमंत्री मोदी का सोचना है कि अब हम मां को कुछ दे तो सकते नहीं लेकिन और कुछ कर सकते हैं। इसी सोच में  इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है इस अभियान का नाम है ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’।

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने (5 जून) को बुद्ध जयंती पार्क, नई दिल्ली में पीपल का पौधा लगाकर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत की। प्रकृति के पोषण के लिए धरती माता और मानव जीवन के पोषण के लिए हमारी माताओं के बीच समानता दर्शाते हुए पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों से अपनी माँ के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के प्रतीक के रूप में एक पेड़ लगाने और धरती माता की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

केंद्र और राज्य सरकार के विभाग भी ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के लिए सार्वजनिक स्थानों की पहचान करेंगे। गौरतलब है कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भूमि क्षरण को रोकना और उलटना, सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करना और मरुस्थलीकरण को रोकना का मुख्य उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर के अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का शुभारंभ पीपल के पौधे का रोपण कर किया। इस अभियान के तहत वन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में 4 करोड़ वृक्ष लगाये जाएंगे। इस अभियान में स्कूली बच्चे, आम नागरिक और जनप्रतिनिधि भी उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। शासकीय, अशासकीय संस्थाओं और समितियों द्वारा पौधारोपण जोर-शोर से किया जा रहा है।

पेड़ का महत्व

पेड़ लंबे समय तक प्रदूषण मुक्त वातावरण की कुंजी हैं क्योंकि वे ऑक्सीजन प्रदान करने, हवा की गुणवत्ता में सुधार, जलवायु सुधार, जल संरक्षण, मिट्टी संरक्षण और वन्य जीवन का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं। इन सभी कारणों से वर्तमान परिदृश्य में वृक्षारोपण आवश्यक हो गया है क्योंकि प्रदूषण चरम पर है। कुछ हद तक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपण ही एकमात्र उपाय है। पेड़ों के बिना, पृथ्वी पर जीवन नहीं होता। पेड़-पौधे कई तरह से पर्यावरण को स्वस्थ रखने में बहुत योगदान देते हैं।

मार्च 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना

एक पेड़ माँ के नाम अभियान के साथ इस साल सितंबर तक 80 करोड़ और मार्च, 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए “संपूर्ण सरकार” और “संपूर्ण समाज” नीति का पालन किया जाएगा। ये पेड़ पूरे देश में व्यक्तियों, संस्थाओं, समुदाय आधारित संगठनों, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाएंगे।


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