दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से अब पीएचडी करना आसान नहीं है। एनईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सीट के 50 प्रतिशत पर मिले आरक्षण ने पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों के सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। अब रिक्त सीटों में 50 प्रतिशत तो नेट अभ्यर्थियों को ही चला जाएगा। शेष 50 प्रतिशत में सीट के लिए ही गैट परीक्षा होगी। कम कट-आफ वाले पंजीयन से वंचित हो जाएंगे।
आगामी पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2023 का 50 प्रतिशत सीट अपने स्तर पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा से भरेगा। पीएचडी के लिए निर्धारित सीटों में से 50 प्रतिशत सीट एनईटी उत्तीर्ण शोधार्थियों के लिए आरक्षित होंगे। राज्यपाल ने अपने निर्देश में कहा है कि अगर किसी विषय विशेष में यूजीसी, एनईटी, गैट और सीईईडी के छात्र उपलब्ध नहीं होते हैं तो इस श्रेणी की रिक्त सीटों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा के मेधा सूची के आधार पर आरक्षण रोस्टर से भरेंगे।
दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से अब पीएचडी करना आसान नहीं है। एनईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सीट के 50 प्रतिशत पर मिले आरक्षण ने पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों के सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। अब रिक्त सीटों में 50 प्रतिशत तो नेट अभ्यर्थियों को ही चला जाएगा। शेष 50 प्रतिशत में सीट के लिए ही गैट परीक्षा होगी। कम कट-आफ वाले पंजीयन से वंचित हो जाएंगे।
आगामी पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2023 का 50 प्रतिशत सीट अपने स्तर पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा से भरेगा। पीएचडी के लिए निर्धारित सीटों में से 50 प्रतिशत सीट एनईटी उत्तीर्ण शोधार्थियों के लिए आरक्षित होंगे। राज्यपाल ने अपने निर्देश में कहा है कि अगर किसी विषय विशेष में यूजीसी, एनईटी, गैट और सीईईडी के छात्र उपलब्ध नहीं होते हैं तो इस श्रेणी की रिक्त सीटों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा के मेधा सूची के आधार पर आरक्षण रोस्टर से भरेंगे।