वज़न का बढ़ना एक आम समस्या है और खाने पीने की आदतें मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण साबित होती है। दरअसल, आहार में प्रोसेस्ड फूड को शामिल करने से शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ स्टोर होने लगती है, जिससे वज़न तेज़ रफ्तार से बढ़ने लगता है। शरीर के वज़न को नियंत्रित करने के लिए लोग कई प्रकार के डाइट प्लान फॉलो करते है, मगर प्रोसेस्ड फूड से दूरी न बना पाने के कारण ये समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। ऐसे में स्लिम और फिट रहने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेना आवश्यक है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन फूड्स को अवॉइड करके वेटलॉस में मिलती है मदद।
इस बारे में बातचीत करते हुए क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स, डॉ शबाना परवीन बताती हैं कि अनियमित लाइफस्टाइल के बीच वजन का बढ़ना तय है। इस चुनौती का सामना करने के लिए माइंडफुल इटिंग बेहद आवश्यक है। ताकि हेल्दी वेट को मेंटेन किया जा सके। इसके लिए ऑयली फूड को हेल्दी फूड से रिप्लेस करें और सॉफ्ट ड्रिंक से परहेज करें। शुगर की अतिरिक्त मात्रा शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ का कारण बनने लगती है। साथ ही अनहेल्दी डाइट शरीर में डायबिटीज़ हृदय रोगों और कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा देती है।
जानें वेटलॉस के लिए किन फूड्स से बनाएं दूरी -
1. फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 2011 में हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि किसी भी अन्य भोजन की तुलना में फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बन सकते हैं। इनमें मौजूद कैलोरी और फैट की मात्रा मोटापे का कारण बन जाती है। इसके अलावा फ्राई किए हुए आलू में एक्रिलामाइड नाम का तत्व भी पाया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
2. सॉफ्ट ड्रिंक
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ शबाना परवीन बताती हैं कि आमतौर पर जितने भी सॉफ्ट ड्रिंक हैं, उन सभी में एडिड शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। इससे मोटापा तेज़ी से बढ़ने लगता है और शुगर स्पाइक का खतरा भी बना रहता है। आर्टिफिशल स्वीटनर्स कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देते हैं। ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक यानि एसिडिक बैवरेजिज़ को फ्रूटस, नैचुरल स्वीटनर, बिना चीनी की चाय और ब्लैक कॉफी आदि का सीमित मात्रा में सेवन करके रिप्लेस कर सकते हैं।
3. फ्रूट जूस
जूस के बजाय फल खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके अलावा किसी भी तरह के जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, मोमोज और पास्ता के कंजप्शन को सीमित करना आवश्यक है। इसके अलावा अल्कोहल, हाई कैलोरी वाले ड्रिंक, एडेड शुगर वाले प्रोडक्ट और आइसक्रीम के भी बहुत ज्यादा सेवन से वजन अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है।
4. व्हाइट ब्रेड
व्हाइट ब्रेड मैदे से तैयार की जाती है और इसमें कई प्रिजर्वेटिव्स भी पाए जाते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है, जिससे शुगर स्पाइक का जोखिम बढ़ने लगता है। इसमें मौजूद कैलोरीज़ और एडिड शुगर से बचने के लिए ब्रेड को साबुत अनाज से रिप्लेस करें। इससे शरीर को फाइबर, प्रोटीन और आयरन की प्राप्ति होती है। ब्रेड की जगह रागी, बाजरा और ओट्स का सेवन करें। इसके अलावा इससे शरीर को उच्च पोषण की प्राप्ति होती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
वेटलॉस के लिए रखें इन बातों का ख्याल-
आहार में कैलोरीज़ को कम करके फाइबर और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं, जिससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और कैलोरीज़ को एकत्रित होने से रोका जा सकता है।
बड़ी मील्स की जगह दिनभर में स्मॉल मील्स को अपनी डाइट में एड करें। इससे अतिरिक्त कैलोरीज़ से बचा जा सकता है।
्प्रोसेस्ड फूड को हेल्दी मील्स से रिप्लेस करें, ताकि शरीर में लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के खतरे को सीमित किया जा सके।
शरीर को हाईड्रेट रखें और खाना खाने से 30 मिनट पहले पानी अवश्य पीएं। इससे ओवरइटिंग से बचने में भी मदद मिलती है।
वज़न का बढ़ना एक आम समस्या है और खाने पीने की आदतें मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण साबित होती है। दरअसल, आहार में प्रोसेस्ड फूड को शामिल करने से शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ स्टोर होने लगती है, जिससे वज़न तेज़ रफ्तार से बढ़ने लगता है। शरीर के वज़न को नियंत्रित करने के लिए लोग कई प्रकार के डाइट प्लान फॉलो करते है, मगर प्रोसेस्ड फूड से दूरी न बना पाने के कारण ये समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। ऐसे में स्लिम और फिट रहने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेना आवश्यक है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन फूड्स को अवॉइड करके वेटलॉस में मिलती है मदद।
इस बारे में बातचीत करते हुए क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स, डॉ शबाना परवीन बताती हैं कि अनियमित लाइफस्टाइल के बीच वजन का बढ़ना तय है। इस चुनौती का सामना करने के लिए माइंडफुल इटिंग बेहद आवश्यक है। ताकि हेल्दी वेट को मेंटेन किया जा सके। इसके लिए ऑयली फूड को हेल्दी फूड से रिप्लेस करें और सॉफ्ट ड्रिंक से परहेज करें। शुगर की अतिरिक्त मात्रा शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ का कारण बनने लगती है। साथ ही अनहेल्दी डाइट शरीर में डायबिटीज़ हृदय रोगों और कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा देती है।
जानें वेटलॉस के लिए किन फूड्स से बनाएं दूरी -
1. फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 2011 में हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि किसी भी अन्य भोजन की तुलना में फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बन सकते हैं। इनमें मौजूद कैलोरी और फैट की मात्रा मोटापे का कारण बन जाती है। इसके अलावा फ्राई किए हुए आलू में एक्रिलामाइड नाम का तत्व भी पाया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
2. सॉफ्ट ड्रिंक
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ शबाना परवीन बताती हैं कि आमतौर पर जितने भी सॉफ्ट ड्रिंक हैं, उन सभी में एडिड शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। इससे मोटापा तेज़ी से बढ़ने लगता है और शुगर स्पाइक का खतरा भी बना रहता है। आर्टिफिशल स्वीटनर्स कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देते हैं। ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक यानि एसिडिक बैवरेजिज़ को फ्रूटस, नैचुरल स्वीटनर, बिना चीनी की चाय और ब्लैक कॉफी आदि का सीमित मात्रा में सेवन करके रिप्लेस कर सकते हैं।
3. फ्रूट जूस
जूस के बजाय फल खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके अलावा किसी भी तरह के जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, मोमोज और पास्ता के कंजप्शन को सीमित करना आवश्यक है। इसके अलावा अल्कोहल, हाई कैलोरी वाले ड्रिंक, एडेड शुगर वाले प्रोडक्ट और आइसक्रीम के भी बहुत ज्यादा सेवन से वजन अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है।
4. व्हाइट ब्रेड
व्हाइट ब्रेड मैदे से तैयार की जाती है और इसमें कई प्रिजर्वेटिव्स भी पाए जाते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है, जिससे शुगर स्पाइक का जोखिम बढ़ने लगता है। इसमें मौजूद कैलोरीज़ और एडिड शुगर से बचने के लिए ब्रेड को साबुत अनाज से रिप्लेस करें। इससे शरीर को फाइबर, प्रोटीन और आयरन की प्राप्ति होती है। ब्रेड की जगह रागी, बाजरा और ओट्स का सेवन करें। इसके अलावा इससे शरीर को उच्च पोषण की प्राप्ति होती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
वेटलॉस के लिए रखें इन बातों का ख्याल-
आहार में कैलोरीज़ को कम करके फाइबर और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं, जिससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और कैलोरीज़ को एकत्रित होने से रोका जा सकता है।
बड़ी मील्स की जगह दिनभर में स्मॉल मील्स को अपनी डाइट में एड करें। इससे अतिरिक्त कैलोरीज़ से बचा जा सकता है।
्प्रोसेस्ड फूड को हेल्दी मील्स से रिप्लेस करें, ताकि शरीर में लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के खतरे को सीमित किया जा सके।
शरीर को हाईड्रेट रखें और खाना खाने से 30 मिनट पहले पानी अवश्य पीएं। इससे ओवरइटिंग से बचने में भी मदद मिलती है।