17 महीनों से लगातार जमानत का इंतजार कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मिली जमानत:

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नई दिल्ली: दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में बड़ी राहत मिली है। आज जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है।


17 महीनों से जमानत के लिए संघर्ष कर रहे आप नेता मनीष सिसोदिया के जमानत याचिका पर 5 अगस्त (मंगलवार) कोे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए सिसोदिया के जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है।

तीन शर्तों पर मिली जमानत


मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन इसमें गौर करने वाली ये है कि सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने तीन शर्तों पर जमानत दी है। जिसमें पहली शर्त ये है कि उन्हें 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। दूसरी शर्त है कि उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे। वहीं बात तीसरे शर्त की करें तो मनीष सिसोदिया को अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे।


आज जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। इन मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना ठीक नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और उच्च न्यायालय इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद।


सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत याचिका को मंजूरी देने के बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आज सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने का अनुरोध किया। जिसके बाद बेंच ने उनके अनुरोध को ठुकराते हुए कहा कि हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते। आजादी का मामला हर दिन मायने रखता है।

पिछली को सुनवाई में क्या हुआ था


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते मंगलवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसको लेकर आज जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है।


चलिए अब आपको बताते है कि जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हुई याचिका में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आखिर क्या है, सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले साल अक्तूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है, इसलिए जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी।


नई दिल्ली: दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में बड़ी राहत मिली है। आज जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है।


17 महीनों से जमानत के लिए संघर्ष कर रहे आप नेता मनीष सिसोदिया के जमानत याचिका पर 5 अगस्त (मंगलवार) कोे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए सिसोदिया के जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है।

तीन शर्तों पर मिली जमानत


मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन इसमें गौर करने वाली ये है कि सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने तीन शर्तों पर जमानत दी है। जिसमें पहली शर्त ये है कि उन्हें 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। दूसरी शर्त है कि उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे। वहीं बात तीसरे शर्त की करें तो मनीष सिसोदिया को अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे।


आज जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। इन मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना ठीक नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और उच्च न्यायालय इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद।


सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत याचिका को मंजूरी देने के बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आज सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने का अनुरोध किया। जिसके बाद बेंच ने उनके अनुरोध को ठुकराते हुए कहा कि हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते। आजादी का मामला हर दिन मायने रखता है।

पिछली को सुनवाई में क्या हुआ था


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते मंगलवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसको लेकर आज जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है।


चलिए अब आपको बताते है कि जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हुई याचिका में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आखिर क्या है, सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले साल अक्तूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है, इसलिए जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी।


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