भोपाल । सरकारी स्कूल से पढ़े विद्यार्थियों को उनकी कैटेगरी में सीट नहीं मिलेगी, बल्कि मेरिट के आधार पर उन्हें उस पात्र कैटेगरी में सम्मिलित किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर भले ही कोई अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी का है पर वह मेरिट में अनारक्षित की बराबरी में है तो उसे इसी में रखा जाएगा और सीट आवंटित की जाएगी।
मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए पंजीयन की प्रक्रिया सोमवार से प्रारंभ होने जा रही है, जिसमें इस परिवर्तन को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है सरकारी स्कूल से पढऩे वाले विद्यार्थियों को एमबीबीएस सीटों में पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है। इसमें वह विद्यार्थी पात्र होते हैं जिन्होंने शासकीय स्कूल में कक्षा 6वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो या फिर आठवीं तक निजी स्कूल में पढऩे के बाद 9वीं से 12वीं तक शासकीय स्कूल में अध्ययन किया हो। अभ्यर्थियों के हित में इस वर्ष एक बार मापअप राउंड के पहले भी पंजीयन का विकल्प दिया जाएगा। पिछले वर्ष तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी। दूसरा यह कि पहले चरण में आवंटित सीट पर प्रवेश नहीं लेने वाले को भी दूसरे चरण में अवसर दिया जाएगा। अनिवार्य ग्रामीण सेवा बंधपत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
भोपाल । सरकारी स्कूल से पढ़े विद्यार्थियों को उनकी कैटेगरी में सीट नहीं मिलेगी, बल्कि मेरिट के आधार पर उन्हें उस पात्र कैटेगरी में सम्मिलित किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर भले ही कोई अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी का है पर वह मेरिट में अनारक्षित की बराबरी में है तो उसे इसी में रखा जाएगा और सीट आवंटित की जाएगी।
मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए पंजीयन की प्रक्रिया सोमवार से प्रारंभ होने जा रही है, जिसमें इस परिवर्तन को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है सरकारी स्कूल से पढऩे वाले विद्यार्थियों को एमबीबीएस सीटों में पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है। इसमें वह विद्यार्थी पात्र होते हैं जिन्होंने शासकीय स्कूल में कक्षा 6वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो या फिर आठवीं तक निजी स्कूल में पढऩे के बाद 9वीं से 12वीं तक शासकीय स्कूल में अध्ययन किया हो। अभ्यर्थियों के हित में इस वर्ष एक बार मापअप राउंड के पहले भी पंजीयन का विकल्प दिया जाएगा। पिछले वर्ष तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी। दूसरा यह कि पहले चरण में आवंटित सीट पर प्रवेश नहीं लेने वाले को भी दूसरे चरण में अवसर दिया जाएगा। अनिवार्य ग्रामीण सेवा बंधपत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।