राष्ट्रीय post authorJournalist खबरीलाल LAST UPDATED ON:Wednesday ,August 14,2024

MP NEWS : राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार कर रहे नेताओं को एक बार फिर निराशा:

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भोपाल। मप्र में लंबे समय से राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार कर रहे नेताओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। इस निराशा की वजह यह है कि भाजपा ने फिलहाल निगम-मंडलों की नियुक्तियों को होल्ड कर दिया है। संभवत: संगठन चुनाव के बाद ही अब निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में नेताओं की ताजपोशी होगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी की कोशिश है की संगठन चुनाव के बाद जो तस्वीर सामने आएगी, उसके अनुसार नेताओं का राजनीतिक पुनर्वास किया जाए। ताकि अधिक से अधिक नेताओं को संगठन और सरकार में एडजस्ट किया जा सके।

गौरतलब है कि प्रदेश में लंबे समय से निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में ताजपोशी का इंतजार कर रहे है। तकरीबन 8 माह बाद नेताओं को उम्मीद जगी थी कि उन्हें निगम-मंडलों में नियुक्ति मिल जाएगी। लेकिन जिस तरह का संकेत मिल रहा है उसके अनुसार भाजपा नेताओं को अभी और इंतजार करना होगा। भाजपा अब संगठन चुनाव के बाद ही इस मामले में आगे बढ़ेगी। केन्द्रीय नेतृत्व संगठन चुनावों की प्रक्रिया जल्द जारी कर सकता है। इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में है।

प्रदेश में निगम मंडलों में नियुक्ति के लिए लॉबिग कर रहे नेताओं को अभी तीन माह इंतजार करना होगा। इसके लिए पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को लेकर चल रही कवायद आड़े आ रही है। पार्टी ने अभी सदस्यता अभियान की घोषणा भी नहीं की है। इसके बाद संगठनात्मक चुनाव होंगे, और इस प्रक्रिया में करीब तीन से चार माह का समय लगना है। माना जा रहा है कि जिन नेताओं को संगठन चुनाव में जिले और प्रदेश स्तर पर पदाधिकारी बनाया जाएगा, उन्हें निगम-मंडल में जगह नहीं मिलेगी। वह नेता जो विधानसभा और लोकसभा में टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने उन्हें भविष्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने का कहकर उस समय शांत कर दिया था, उनके नामों की पार्टी ने सूची बनाई है, इन पर विचार किया जा रहा है। इसमें कई ऐसे नेता भी है जो दूसरे दल से भाजपा में आए थे। ऐसे नेता अब अपनी ताजपोशी को लेकर काफी चिंतित है। कुछ नेता जो संगठन में पदाधिकारी है। अब निगम मंडल में अपनी नियुक्ति की लेकर आशावित है। उन्हें भी अभी जो नेता नहीं मिल इंतजार करना होगा।

प्रदेश में खाली पड़े निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में नियुक्ति चाहने वाले नेताओं की लंबी कतार है। जो पिछली सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह सकी वह भी निगम मंडलों में अपनी नियुक्ति चाहते है, जिससे क्षेत्र में उनका प्रभाव बना रहें। हालांकि विधायकों को निगम मंडलों में जगह मिले इसकी संभावना कम ही है। हालांकि शिवराज सरकार में दो विधायकों को निगम मंडल की जिम्मेवारी दी गई थी। भाजपा में कांग्रेस से आए कई नेता जिनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, इंदौर के पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पाटन के पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी, अभी हाल ही में अमरवाडा विधानसभा से भाजपा के टिकट पर जीत कर आप कमलेश शाह, लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में आए छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सबसे खास माने जाने वाले दीपक सक्सेना के अलावा कई ऐसे नेता है जो लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा में आए थे उन्हें अभी और इंतजार करना होगा।




भोपाल। मप्र में लंबे समय से राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार कर रहे नेताओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। इस निराशा की वजह यह है कि भाजपा ने फिलहाल निगम-मंडलों की नियुक्तियों को होल्ड कर दिया है। संभवत: संगठन चुनाव के बाद ही अब निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में नेताओं की ताजपोशी होगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी की कोशिश है की संगठन चुनाव के बाद जो तस्वीर सामने आएगी, उसके अनुसार नेताओं का राजनीतिक पुनर्वास किया जाए। ताकि अधिक से अधिक नेताओं को संगठन और सरकार में एडजस्ट किया जा सके।

गौरतलब है कि प्रदेश में लंबे समय से निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में ताजपोशी का इंतजार कर रहे है। तकरीबन 8 माह बाद नेताओं को उम्मीद जगी थी कि उन्हें निगम-मंडलों में नियुक्ति मिल जाएगी। लेकिन जिस तरह का संकेत मिल रहा है उसके अनुसार भाजपा नेताओं को अभी और इंतजार करना होगा। भाजपा अब संगठन चुनाव के बाद ही इस मामले में आगे बढ़ेगी। केन्द्रीय नेतृत्व संगठन चुनावों की प्रक्रिया जल्द जारी कर सकता है। इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में है।

प्रदेश में निगम मंडलों में नियुक्ति के लिए लॉबिग कर रहे नेताओं को अभी तीन माह इंतजार करना होगा। इसके लिए पार्टी के संगठनात्मक चुनाव को लेकर चल रही कवायद आड़े आ रही है। पार्टी ने अभी सदस्यता अभियान की घोषणा भी नहीं की है। इसके बाद संगठनात्मक चुनाव होंगे, और इस प्रक्रिया में करीब तीन से चार माह का समय लगना है। माना जा रहा है कि जिन नेताओं को संगठन चुनाव में जिले और प्रदेश स्तर पर पदाधिकारी बनाया जाएगा, उन्हें निगम-मंडल में जगह नहीं मिलेगी। वह नेता जो विधानसभा और लोकसभा में टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने उन्हें भविष्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने का कहकर उस समय शांत कर दिया था, उनके नामों की पार्टी ने सूची बनाई है, इन पर विचार किया जा रहा है। इसमें कई ऐसे नेता भी है जो दूसरे दल से भाजपा में आए थे। ऐसे नेता अब अपनी ताजपोशी को लेकर काफी चिंतित है। कुछ नेता जो संगठन में पदाधिकारी है। अब निगम मंडल में अपनी नियुक्ति की लेकर आशावित है। उन्हें भी अभी जो नेता नहीं मिल इंतजार करना होगा।

प्रदेश में खाली पड़े निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और विकास प्राधिकरणों में नियुक्ति चाहने वाले नेताओं की लंबी कतार है। जो पिछली सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह सकी वह भी निगम मंडलों में अपनी नियुक्ति चाहते है, जिससे क्षेत्र में उनका प्रभाव बना रहें। हालांकि विधायकों को निगम मंडलों में जगह मिले इसकी संभावना कम ही है। हालांकि शिवराज सरकार में दो विधायकों को निगम मंडल की जिम्मेवारी दी गई थी। भाजपा में कांग्रेस से आए कई नेता जिनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, इंदौर के पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पाटन के पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी, अभी हाल ही में अमरवाडा विधानसभा से भाजपा के टिकट पर जीत कर आप कमलेश शाह, लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में आए छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सबसे खास माने जाने वाले दीपक सक्सेना के अलावा कई ऐसे नेता है जो लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा में आए थे उन्हें अभी और इंतजार करना होगा।




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