रायपुर-15.08.2024 भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को देश भर में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है । यह प्रत्येक भारतीय को एक नई शुरूआत की याद दिलाता है। इस दिन 200 वर्ष से अधिक समय तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद के चंगुल से छूट कर एक नए युग की शुरूआत हुई थी। 15 अगस्त 1947 वह भाग्यशाली दिन था जब भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई। भारत द्वारा आजादी पाना उसका भाग्य था, क्योंकि स्वतंत्रता संघर्ष काफी लम्बे समय चला और यह एक थका देने वाला अनुभव था, जिसमें अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन कुर्बान कर दिए तिरंगे का महत्व एक हिंदुस्तानी ही समझ सकता हैं और इसी महत्त्व को समझते हुए नवीन जिंदल ने एक प्रयास किया तिरंगे को हर घर पहुँचाना सन 1995 नवीन जिंदल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ध्वज कोड में बदलाव की मांग की उन्होंने याचिका में देश के हर नागरिक का मूल अधिकार होने के पक्ष में अपना तर्क रखा हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और लगभग एक दशक की लड़ाई के बाद सर्वोच्च अदालत ने २३ जनवरी 2004 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर भारतीय को भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पुरे साल गरिमा और सम्मान के साथ फहराने की अनुमति दी। श्री नवीन जिंदल जी के प्रयासों का ही नतीजा है की आज हर एक आम आदमी भी तिरंगा झंडे को लहरा सकता हैं।
इसी उद्देश्य से मशीनरी डिवीज़न रायपुर में १५ अगस्त को बड़े धूम धाम से मनाया गया जहा कंपनी के कर्मचारियों सहित उनके परिजन भी मौजूद रहे कार्यक्रम की शरुआत मार्चपास्ट के साथ हुई इसके उपरांत ध्वजारोहण किया गया वही प्लांट हेड श्री नीलेश टी शाह ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी साथ ही कार्यक्रम के समापन भाषण में भविष्य में jsp किस तरह से विकास करेगा उसकी जानकारी भी दी .
रायपुर-15.08.2024 भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को देश भर में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है । यह प्रत्येक भारतीय को एक नई शुरूआत की याद दिलाता है। इस दिन 200 वर्ष से अधिक समय तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद के चंगुल से छूट कर एक नए युग की शुरूआत हुई थी। 15 अगस्त 1947 वह भाग्यशाली दिन था जब भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई। भारत द्वारा आजादी पाना उसका भाग्य था, क्योंकि स्वतंत्रता संघर्ष काफी लम्बे समय चला और यह एक थका देने वाला अनुभव था, जिसमें अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन कुर्बान कर दिए तिरंगे का महत्व एक हिंदुस्तानी ही समझ सकता हैं और इसी महत्त्व को समझते हुए नवीन जिंदल ने एक प्रयास किया तिरंगे को हर घर पहुँचाना सन 1995 नवीन जिंदल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ध्वज कोड में बदलाव की मांग की उन्होंने याचिका में देश के हर नागरिक का मूल अधिकार होने के पक्ष में अपना तर्क रखा हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और लगभग एक दशक की लड़ाई के बाद सर्वोच्च अदालत ने २३ जनवरी 2004 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर भारतीय को भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पुरे साल गरिमा और सम्मान के साथ फहराने की अनुमति दी। श्री नवीन जिंदल जी के प्रयासों का ही नतीजा है की आज हर एक आम आदमी भी तिरंगा झंडे को लहरा सकता हैं।
इसी उद्देश्य से मशीनरी डिवीज़न रायपुर में १५ अगस्त को बड़े धूम धाम से मनाया गया जहा कंपनी के कर्मचारियों सहित उनके परिजन भी मौजूद रहे कार्यक्रम की शरुआत मार्चपास्ट के साथ हुई इसके उपरांत ध्वजारोहण किया गया वही प्लांट हेड श्री नीलेश टी शाह ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी साथ ही कार्यक्रम के समापन भाषण में भविष्य में jsp किस तरह से विकास करेगा उसकी जानकारी भी दी .