राष्ट्रीय post authorJournalist खबरीलाल LAST UPDATED ON:Friday ,August 16,2024

MP News : उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से मंत्रालय भेजी गई विस्तृत कार्ययोजना:

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भोपाल।  मप्र में भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहित आठ विश्वविद्याालय निर्माण और खरीदी कार्य नहीं कर सकेंगे। निर्माण की जिम्मेदारी भवन विकास निगम (बीडीसी) और संसाधनों की खरीदारी की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग को दी जा रही है। निर्णय से  भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर के विश्वविद्यालय प्रभावित हो रहे हैं। कहा गया है कि बल्क में खरीदारी करने और एक ही निर्माण एजेंसी के माध्यम से काम कराने से सरकार को बचत तो होगी ही, प्रोजेक्ट भी समय पर पूरा होगा।

केंद्रीयकृत व्यवस्था होने से लाभ भी एक ही संस्था को मिलेगा। मालूम हो कि इसी साल फरवरी में शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) अंतर्गत भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय, उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय को अपनी अकादमिक और प्रशासनिक गुणवत्ता सुधार के लिए 100-100 करोड़ रुपये और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, शहडोल के एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय, छतरपुर के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपये देना मंजूर किए थे। ये राशि किन कार्यों पर खर्च की जाएगी, इसकी विस्तृत कार्ययोजना उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से मंत्रालय भेज दी गई है। विक्रम विश्वविद्यालय ने अपनी कार्ययोजना में सात नए भवन बनाने, 26 नए पाठ्यक्रम शुरू करने और 542 तरह के शोध संसाधन खरीदने का जिक्र किया है।

अधिकारियों का कहना है कि प्राप्त राशि से विश्वविद्यालय का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। बच्चों को पढ़ाई एवं शोध कार्य करने के लिए उम्दा वातावरण मिलेगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त होगा। परीक्षा परिणाम सुधरेगा। 100 करोड़ रुपये की योजना में 50 करोड़ रुपये 28 लाख रुपये से 100-100 सीटर बालक-बालिका छात्रावास, परीक्षा विभाग, कृषि अध्ययनशाला, शारीरिक शिक्षा अध्ययन शाला, फारेंसिक साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला, स्किल डेवलपमेंट लैब बनाने, फार्मेसी अध्ययनशाला और कम्प्यूटर साइंस अध्ययनशाला की बिल्डिंग का उन्नयन किया जाएगा। शेष राशि डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी, बीएससी विद नैनो साइंस, बीए ऑनर्स इन पुलिस साइंस, बीए ऑनर्स इन लिट्रेचर सहित नए पाठ्यक्रम खोलने, शोध संसाधन खरीदने, लाइब्रेरी को तकनीकी रूप से उन्नत करने, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम करने पर खर्च की जाएगी। अपनी आवश्यकता अनुरूप कुछ इसी तरह की कार्य योजना अन्य विश्वविद्यालयों ने भी प्रस्तावित की है। बीयू के सूत्रों का कहना है कि ये सच है कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान अंतर्गत मिलने वाली 100 करोड़ रुपये की राशि से होने वाले निर्माण कार्य मध्यप्रदेश भवन विकास निगम और संसाधनों की खरीदारी उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से होगी। ऐसा करने से निविदा प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। सभी विश्वविद्यालय में प्रोजेक्ट समय पर शुरू होकर पूरे होंगे। बल्क में संसाधन खरीदने से क्वालिटी का सामान सस्ते में मिलेगा।




भोपाल।  मप्र में भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहित आठ विश्वविद्याालय निर्माण और खरीदी कार्य नहीं कर सकेंगे। निर्माण की जिम्मेदारी भवन विकास निगम (बीडीसी) और संसाधनों की खरीदारी की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग को दी जा रही है। निर्णय से  भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर के विश्वविद्यालय प्रभावित हो रहे हैं। कहा गया है कि बल्क में खरीदारी करने और एक ही निर्माण एजेंसी के माध्यम से काम कराने से सरकार को बचत तो होगी ही, प्रोजेक्ट भी समय पर पूरा होगा।

केंद्रीयकृत व्यवस्था होने से लाभ भी एक ही संस्था को मिलेगा। मालूम हो कि इसी साल फरवरी में शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) अंतर्गत भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय, उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय को अपनी अकादमिक और प्रशासनिक गुणवत्ता सुधार के लिए 100-100 करोड़ रुपये और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, शहडोल के एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय, छतरपुर के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपये देना मंजूर किए थे। ये राशि किन कार्यों पर खर्च की जाएगी, इसकी विस्तृत कार्ययोजना उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से मंत्रालय भेज दी गई है। विक्रम विश्वविद्यालय ने अपनी कार्ययोजना में सात नए भवन बनाने, 26 नए पाठ्यक्रम शुरू करने और 542 तरह के शोध संसाधन खरीदने का जिक्र किया है।

अधिकारियों का कहना है कि प्राप्त राशि से विश्वविद्यालय का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। बच्चों को पढ़ाई एवं शोध कार्य करने के लिए उम्दा वातावरण मिलेगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त होगा। परीक्षा परिणाम सुधरेगा। 100 करोड़ रुपये की योजना में 50 करोड़ रुपये 28 लाख रुपये से 100-100 सीटर बालक-बालिका छात्रावास, परीक्षा विभाग, कृषि अध्ययनशाला, शारीरिक शिक्षा अध्ययन शाला, फारेंसिक साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला, स्किल डेवलपमेंट लैब बनाने, फार्मेसी अध्ययनशाला और कम्प्यूटर साइंस अध्ययनशाला की बिल्डिंग का उन्नयन किया जाएगा। शेष राशि डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी, बीएससी विद नैनो साइंस, बीए ऑनर्स इन पुलिस साइंस, बीए ऑनर्स इन लिट्रेचर सहित नए पाठ्यक्रम खोलने, शोध संसाधन खरीदने, लाइब्रेरी को तकनीकी रूप से उन्नत करने, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम करने पर खर्च की जाएगी। अपनी आवश्यकता अनुरूप कुछ इसी तरह की कार्य योजना अन्य विश्वविद्यालयों ने भी प्रस्तावित की है। बीयू के सूत्रों का कहना है कि ये सच है कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान अंतर्गत मिलने वाली 100 करोड़ रुपये की राशि से होने वाले निर्माण कार्य मध्यप्रदेश भवन विकास निगम और संसाधनों की खरीदारी उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से होगी। ऐसा करने से निविदा प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। सभी विश्वविद्यालय में प्रोजेक्ट समय पर शुरू होकर पूरे होंगे। बल्क में संसाधन खरीदने से क्वालिटी का सामान सस्ते में मिलेगा।




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