एक अकाउंट से कई यूजर्स को UPI पेमेंट का अधिकार, जानें UPI Circle फीचर के बारे में:

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 डिजिटल समय में पेमेंट के लिए हर दूसरा यूजर यूपीआई का इस्तेमाल करता है। मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट का यह तरीका बेहद आसान है। यूपीआई के साथ पेमेंट के एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने एक नया फीचर पेश किया है। इस फीचर का नाम UPI Circle दिया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने फीचर को लेकर जानकारी दी है। यूपीआई सर्कल फीचर उन लोगों को ध्यान में रखकर पेश किया गया है, जो अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए कैश पेमेंट करते हैं और वे खुद अपना अकाउंट मैनेज नहीं करते। ऐसे लोगों के लिए यूपीआई सर्कल काम का साबित होगा।

कोई भी यूपीआई यूजर अपनी डिजिटल पेमेंट्स के लिए एक सेकेंडरी यूजर को चुन सकेंगे। जिन पर वे विश्वास करते हों। इस फीचर के साथ प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर को पेमेंट की जिम्मेदारी सौंप सकेंगे। फीचर के साथ यूपीआई यूजर प्राइमरी होगा और वह अपने ऐप में अपने विश्वसनीय सेकेंडरी यूजर को जोड़ सकेगा। प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर को ऑथोरिटी देगा कि वह लिमिट को ध्यान में रख कर पेमेंट कर सके। यूपीआई सर्कल फीचर दो ऑप्शन के साथ काम करेगा- फुल डेलिगेशन और पार्शियल डेलिगेशन

फुल डेलिगेशन- फुल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर को तय लिमिट के साथ ट्रांजैक्शन शुरू करने से लेकर पूरा करने तक की परमिशन मिलेगी। पार्शियल डेलिगेशन- पार्शियल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर किसी ट्रांजैक्शन को केवल शुरू कर सकेगा। ट्रांजैक्शन को पूरा प्राइमरी यूजर ही करेगा, जिसके लिए वह यूपीआई पिन का इस्तेमाल करेगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम का कहना है कि इसके लिए मेंबर्स को कुछ नियमों का भी ध्यान ऱखना जरूरी होगा-

एक प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के रूप में ज्यादा से ज्यादा 5 यूजर को जोड़ सकेगा।

हर ट्रांजैक्शन के लिए 5000 रुपये लिमिट होगी। यही लिमिट मंथली 15000 रुपये तक होगी।

यूपीआई ऐप्स के साथ सेकेंडरी यूजर के लिए पासकोड, बायोमैट्रिक्स की जानकारी जरूरी होगी।


 डिजिटल समय में पेमेंट के लिए हर दूसरा यूजर यूपीआई का इस्तेमाल करता है। मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट का यह तरीका बेहद आसान है। यूपीआई के साथ पेमेंट के एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने एक नया फीचर पेश किया है। इस फीचर का नाम UPI Circle दिया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने फीचर को लेकर जानकारी दी है। यूपीआई सर्कल फीचर उन लोगों को ध्यान में रखकर पेश किया गया है, जो अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए कैश पेमेंट करते हैं और वे खुद अपना अकाउंट मैनेज नहीं करते। ऐसे लोगों के लिए यूपीआई सर्कल काम का साबित होगा।

कोई भी यूपीआई यूजर अपनी डिजिटल पेमेंट्स के लिए एक सेकेंडरी यूजर को चुन सकेंगे। जिन पर वे विश्वास करते हों। इस फीचर के साथ प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर को पेमेंट की जिम्मेदारी सौंप सकेंगे। फीचर के साथ यूपीआई यूजर प्राइमरी होगा और वह अपने ऐप में अपने विश्वसनीय सेकेंडरी यूजर को जोड़ सकेगा। प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर को ऑथोरिटी देगा कि वह लिमिट को ध्यान में रख कर पेमेंट कर सके। यूपीआई सर्कल फीचर दो ऑप्शन के साथ काम करेगा- फुल डेलिगेशन और पार्शियल डेलिगेशन

फुल डेलिगेशन- फुल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर को तय लिमिट के साथ ट्रांजैक्शन शुरू करने से लेकर पूरा करने तक की परमिशन मिलेगी। पार्शियल डेलिगेशन- पार्शियल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर किसी ट्रांजैक्शन को केवल शुरू कर सकेगा। ट्रांजैक्शन को पूरा प्राइमरी यूजर ही करेगा, जिसके लिए वह यूपीआई पिन का इस्तेमाल करेगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम का कहना है कि इसके लिए मेंबर्स को कुछ नियमों का भी ध्यान ऱखना जरूरी होगा-

एक प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के रूप में ज्यादा से ज्यादा 5 यूजर को जोड़ सकेगा।

हर ट्रांजैक्शन के लिए 5000 रुपये लिमिट होगी। यही लिमिट मंथली 15000 रुपये तक होगी।

यूपीआई ऐप्स के साथ सेकेंडरी यूजर के लिए पासकोड, बायोमैट्रिक्स की जानकारी जरूरी होगी।


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