राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों की नजर झारखंड में जाकर टिक गई है। दरअसल, राज्य में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन अब झामुमो का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम भी भाजपा में शामिल होने के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा चुनाव से पहले एक नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर रखा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग में रविवार शाम समर्थकों के साथ एक बैठक के दौरान, नई पार्टी गठित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले जयंत सिन्हा ने कहा, ‘समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श करने के बाद, अटल विचार मंच (एवीएम) गठित करने पर अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा।’
रविवार की बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने की, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हैं। वह (सुरेंद्र) भाजपा के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा के (सांसद) प्रतिनिधि रह चुके हैं। बैठक में जयंत और उनके पिता यशवंत सिन्हा, दोनों के समर्थकों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में ही नई पार्टी बनाने की प्रस्ताव पर चर्चा हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1998, 1999 और 2009 में हजारीबाग लोकसभा सीट जीती थी। साल 2004 के चुनाव में वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता से हार गए थे। वर्ष 2014 में, भाजपा ने यशवंत सिन्हा के बड़े बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग सीट से टिकट दिया था। हालांकि, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया और जायसवाल ने 2.76 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों की नजर झारखंड में जाकर टिक गई है। दरअसल, राज्य में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन अब झामुमो का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम भी भाजपा में शामिल होने के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा चुनाव से पहले एक नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर रखा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग में रविवार शाम समर्थकों के साथ एक बैठक के दौरान, नई पार्टी गठित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले जयंत सिन्हा ने कहा, ‘समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श करने के बाद, अटल विचार मंच (एवीएम) गठित करने पर अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा।’
रविवार की बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने की, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हैं। वह (सुरेंद्र) भाजपा के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा के (सांसद) प्रतिनिधि रह चुके हैं। बैठक में जयंत और उनके पिता यशवंत सिन्हा, दोनों के समर्थकों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में ही नई पार्टी बनाने की प्रस्ताव पर चर्चा हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1998, 1999 और 2009 में हजारीबाग लोकसभा सीट जीती थी। साल 2004 के चुनाव में वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता से हार गए थे। वर्ष 2014 में, भाजपा ने यशवंत सिन्हा के बड़े बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग सीट से टिकट दिया था। हालांकि, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया और जायसवाल ने 2.76 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।