कब शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? देवघर के ज्योतिषी ने बताया कलश स्थापना का सही मुहूर्त, जानें सब:

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माना जाता है कि मां दुर्गा भक्त के सभी कष्ट हर लेते हैं. इसलिए हिंदू धर्म नवरात्रि का खास महत्व है. वहीं साल भर में कुल चार बार नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. दो गुप्त नवरात्रि जो गृहस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता है. एक चैत्र महीने और दूसरा शारदीय नवरात्रि मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि का त्योहार कुछ ही दिनों में आने वाला है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. इस साल कब शुरू हो रहा नवरात्री का त्यौहार और घटस्थापन का क्या शुभ मुहूर्त है.देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है.

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से होने जा रहा है. 3 अक्टूबर को ही कलश स्थापन होने वाला है. इस दिन से ही माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की शुरुआत होने वाली है. पूरी 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा आराधना भक्त करने वाले हैं. माँ दुर्गा के हर रूपों की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के मनोकामनाएं पूर्ण होती है. कष्ट समाप्त हो जाती है.

कब से शुरू हो रहा प्रतिपदा तिथि

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त मे यानी 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होने वाला है. समापन अगले दिन 4 अक्टूबर रात के 2बजकर 43 मिनट में उदयातिथि के अनुसार 3 अक्टूबर को ही प्रतिपदा तिथि है.

कलश स्थापन का क्या है शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल बताते है कि प्रतिपदा तिथि के दिन कई लोग अपने घरों में तो कई दुर्गा मंदिरों में कलश स्थापना करने का विधान है. माय कलश स्थापना करने का शुभ मुहूर्त ब्रह्ममुहूर्त ही माना गया है. यानी 3 अक्टूबर की सुबह 5 से लेकर 7बजे तक. अगर इस समय आप कलश स्थापना ना कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना भी शुभ ही माना जाता है. उस दिन 11बजकर 52मिनट से लेकर 12 बजकर 40मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहने वाला है. इस मुहूर्त में कलश स्थापन कर सकते हैं.

जानिए किस दिन होगी किस देवी की पूजा

ज्योतिषाचार्य बताते हैं की प्रथम दिन यानी प्रतिपदा तिथि मे 03अक्टूबर को मां शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है.

नवरात्री के दूसरे दिन 04अक्टूबर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी

नवरात्रि के तीसरे दिन 05अक्टूबर मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के चौथे दिन 06अक्टूबर मां कुष्मांडा की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के पांचवें दिन 07अक्टूबर मां स्कंदमाता की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के छठे दिन 08अक्टूबर मां कात्यायनी की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के सातवें दिन 09अक्टूबर माँ कालरात्रि की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के आठवें दिन 10 अक्टूबर मां सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के नौवे दिन 11 अक्टूबरमां महागौरी की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी मां दुर्गा का विसर्जन होगा.

डोली पर हो रहा है माता का आगमन

दिन के अनुसार माता का आगमन और प्रस्थान के वाहन का निर्णय लिया जाता है. विशाल माता का आगमन गुरुवार के दिन होने जा रहा है यानी माता डोली पर सवार होकर धरती पर वास करने वाली हैं. डोली पर सवारी शुभ नहीं माना जाता है यानी लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आने वाले हैं.


माना जाता है कि मां दुर्गा भक्त के सभी कष्ट हर लेते हैं. इसलिए हिंदू धर्म नवरात्रि का खास महत्व है. वहीं साल भर में कुल चार बार नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. दो गुप्त नवरात्रि जो गृहस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता है. एक चैत्र महीने और दूसरा शारदीय नवरात्रि मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि का त्योहार कुछ ही दिनों में आने वाला है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. इस साल कब शुरू हो रहा नवरात्री का त्यौहार और घटस्थापन का क्या शुभ मुहूर्त है.देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है.

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से होने जा रहा है. 3 अक्टूबर को ही कलश स्थापन होने वाला है. इस दिन से ही माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की शुरुआत होने वाली है. पूरी 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा आराधना भक्त करने वाले हैं. माँ दुर्गा के हर रूपों की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के मनोकामनाएं पूर्ण होती है. कष्ट समाप्त हो जाती है.

कब से शुरू हो रहा प्रतिपदा तिथि

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त मे यानी 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होने वाला है. समापन अगले दिन 4 अक्टूबर रात के 2बजकर 43 मिनट में उदयातिथि के अनुसार 3 अक्टूबर को ही प्रतिपदा तिथि है.

कलश स्थापन का क्या है शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल बताते है कि प्रतिपदा तिथि के दिन कई लोग अपने घरों में तो कई दुर्गा मंदिरों में कलश स्थापना करने का विधान है. माय कलश स्थापना करने का शुभ मुहूर्त ब्रह्ममुहूर्त ही माना गया है. यानी 3 अक्टूबर की सुबह 5 से लेकर 7बजे तक. अगर इस समय आप कलश स्थापना ना कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना भी शुभ ही माना जाता है. उस दिन 11बजकर 52मिनट से लेकर 12 बजकर 40मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहने वाला है. इस मुहूर्त में कलश स्थापन कर सकते हैं.

जानिए किस दिन होगी किस देवी की पूजा

ज्योतिषाचार्य बताते हैं की प्रथम दिन यानी प्रतिपदा तिथि मे 03अक्टूबर को मां शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है.

नवरात्री के दूसरे दिन 04अक्टूबर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी

नवरात्रि के तीसरे दिन 05अक्टूबर मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के चौथे दिन 06अक्टूबर मां कुष्मांडा की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के पांचवें दिन 07अक्टूबर मां स्कंदमाता की पूजा आराधना की जाएगी

नवरात्रि के छठे दिन 08अक्टूबर मां कात्यायनी की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के सातवें दिन 09अक्टूबर माँ कालरात्रि की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के आठवें दिन 10 अक्टूबर मां सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के नौवे दिन 11 अक्टूबरमां महागौरी की पूजा आराधना की जाएगी.

नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी मां दुर्गा का विसर्जन होगा.

डोली पर हो रहा है माता का आगमन

दिन के अनुसार माता का आगमन और प्रस्थान के वाहन का निर्णय लिया जाता है. विशाल माता का आगमन गुरुवार के दिन होने जा रहा है यानी माता डोली पर सवार होकर धरती पर वास करने वाली हैं. डोली पर सवारी शुभ नहीं माना जाता है यानी लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आने वाले हैं.


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