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विविध post authorJournalist खबरीलाल Wednesday ,September 25,2024

डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाएं करती हैं हेयर लॉस का सामना, जानिए इसे कैसे रोकना है:

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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं। इसका असर स्किन और बालों पर भी दिखाई देता है। कुछ महिलाओं की स्किन बहुत चमकदार हो जाती है, तो कुछ के बाल बहुत घने और लंबे होने लगते हैं। मगर वहीं डिलीवरी के बाद इन हॉर्मोन में तेजी से गिरावट आती है। जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाओं को हेयर लॉस (Postpartum hair loss) का सामना करना पड़ता है। यह समस्या अमूमन 2 से 5 महीनों तक बहुत ज्यादा महसूस होती है। इस दौरान न केवल बाल झड़ने लगते हैं, बल्कि वे रूखे भी हो जाते हैं। अगर आप भी अभी हाल में मां बनी हैं और पोस्टपार्टम हेयर लॉस का सामना कर रही हैं, तो आपकी मदद करने के लिए हमारे पास कुछ उपाय हैं।

क्यों प्रसव के बाद झड़ने लगते हैं बाल (Causes of postpartum hair loss)

इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ प्रियंका आर कुरी बताती हैं कि डिलीवरी के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गिरावट आने लगती है। इससे बालों की ग्रोथ (tips to stimulate hair growth) प्रभावित होने लगती है। इसके चलते बात एनाजेन यानि हेयरग्रोथ फेज से टेलोजेन हेयरलॉस फेस में चला जाता है। इसके अलावा रक्त प्रवाह में बाधा और शरीर में बढ़ने वाली पोषक तत्वों की कमी हेयरलॉस का कारण (causes of hair loss)  साबित होती है।

बच्चे के जन्म के पहले तीन महीनों तक होने वाला पोस्टपार्टम हेयरलॉस सामान्य कहलाता है। मगर 6 महीने के बाद भी अगर हेयरलॉस की समस्या बनी हुई है, तो ये क्रोनिक टेलोजेन एफ्लुवियम का संकेत हो सकता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार 331 महिलाओं पर हुए रिसर्च में पाया गया कि 304 महिलाओं को पोस्टपार्टम हेयरलॉस का सामना करना पड़ा। रिसर्च में पाया गया कि वे महिलाएं जिन्हें समय से पहले डिलीवरी, बच्चे का लो बर्थवेट और प्रीटर्म लेबर पेन रहे, उनमें हेयरलॉस की समस्या (tips to deal with hair loss) पाई गई। कुछ महिलाओं का 3 महीने, कुछ को 5 महीने और कुछ महिलाओं को 8 महीने तक बाल झड़ने की समस्या बनी रही।

इन टिप्स की मदद से हेयरलॉस से पाए राहत -

1. हेयर स्टाइलिंग से बचें (Avoid hair styling)

बालों को नया लुक देने के लिए हेयर स्टाइलिंग और हीटिंग टूल्स की मदद ली जाती है। इससे बालों में रूखापन और हेयर वॉल्यूम में कमी आने लगती है। इसके अलावा बालों को बार बार ब्रशिंग करने से भी जड़ों को नुकसान पहुंचता है। बालों को बैंड की मदद से बांध लें या फिर बन बनाएं। इसके अलावा डिलीवरी के बाद केमिकल युक्त ट्रीटमेंट लेने से भी बचें।

2. स्कैल्प मसाज करें (Scalp massage)

बालों की जड़ों को मज़बूत बनाए रखने के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार असेंशियल ऑयल को कैरियर ऑयल में मिलाकर मसाज करें। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है। ऑयनिंग से बालों की नमी रबकरार रहती है और मॉइश्चराइजिंग गुणों की प्राप्ति होती है। इससे बालों में बढ़ने वाली रूसी की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

3. स्वस्थ आहार लें (Healthy diet)

बच्चे का ख्याल रखने के दौरान अक्सर महिलाएं खुद के खानपान के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं। इससे पोषण की कमी बढ़ने लगती है। बालों के झड़ने की समस्या की रोकथाम के लिए आहार में आयरन, प्रोटीन और जिंक की मात्रा को बढ़ाएं। इसके लिए फल, सब्जियों और सूखे मेवों को आहार में शामिल करें। इसके अलावा अधिक शुगर के सेवन से बचें। साथ ही लिक्विड डाइट पर भी ध्यान दें।

4. शरीर को एक्टिव रखें (Stay active)

योग और मॉडरेट एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है, जिससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और हेयर सेल्स बूस्ट होते हैं। दिन में कुछ वक्त एक्सरसाइज़ अवश्य करें।

5. केमिकल युक्त शैम्पू और कंडीशनर से बचें (Avoid chemical products)

बालों की कंडीशनिंग के लिए होम मेड हेयर मास्क की मदद लें। इसके अलावा रीठा, आंवला और शिकाकाई की मदद से घर पर शैम्पू तैयार कर लें। इससे बालों को पोषण मिलता है और बाल झड़ने की समस्या से भी बचा जा सकता है।

6 तनाव न लें (Avoid stress)

बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। तनाव का बढ़ता स्तर शरीर में कार्टिसोल हार्मोन के लेवल को बढ़ा देता है। इससे हार्मोन असंतुलन बढ़ने लगता है, जो वेटगेन के अलावा हेयरफॉल का कारण साबित होता है। ऐसे में सेल्फ केयर आवश्यक है, इसके लिए कुछ वक्त अपने लिए निकालें और वो कार्य करें, जिससे शरीर रिलैक्स महसूस करता है। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होने लगते हैं।


प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं। इसका असर स्किन और बालों पर भी दिखाई देता है। कुछ महिलाओं की स्किन बहुत चमकदार हो जाती है, तो कुछ के बाल बहुत घने और लंबे होने लगते हैं। मगर वहीं डिलीवरी के बाद इन हॉर्मोन में तेजी से गिरावट आती है। जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाओं को हेयर लॉस (Postpartum hair loss) का सामना करना पड़ता है। यह समस्या अमूमन 2 से 5 महीनों तक बहुत ज्यादा महसूस होती है। इस दौरान न केवल बाल झड़ने लगते हैं, बल्कि वे रूखे भी हो जाते हैं। अगर आप भी अभी हाल में मां बनी हैं और पोस्टपार्टम हेयर लॉस का सामना कर रही हैं, तो आपकी मदद करने के लिए हमारे पास कुछ उपाय हैं।

क्यों प्रसव के बाद झड़ने लगते हैं बाल (Causes of postpartum hair loss)

इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ प्रियंका आर कुरी बताती हैं कि डिलीवरी के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गिरावट आने लगती है। इससे बालों की ग्रोथ (tips to stimulate hair growth) प्रभावित होने लगती है। इसके चलते बात एनाजेन यानि हेयरग्रोथ फेज से टेलोजेन हेयरलॉस फेस में चला जाता है। इसके अलावा रक्त प्रवाह में बाधा और शरीर में बढ़ने वाली पोषक तत्वों की कमी हेयरलॉस का कारण (causes of hair loss)  साबित होती है।

बच्चे के जन्म के पहले तीन महीनों तक होने वाला पोस्टपार्टम हेयरलॉस सामान्य कहलाता है। मगर 6 महीने के बाद भी अगर हेयरलॉस की समस्या बनी हुई है, तो ये क्रोनिक टेलोजेन एफ्लुवियम का संकेत हो सकता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार 331 महिलाओं पर हुए रिसर्च में पाया गया कि 304 महिलाओं को पोस्टपार्टम हेयरलॉस का सामना करना पड़ा। रिसर्च में पाया गया कि वे महिलाएं जिन्हें समय से पहले डिलीवरी, बच्चे का लो बर्थवेट और प्रीटर्म लेबर पेन रहे, उनमें हेयरलॉस की समस्या (tips to deal with hair loss) पाई गई। कुछ महिलाओं का 3 महीने, कुछ को 5 महीने और कुछ महिलाओं को 8 महीने तक बाल झड़ने की समस्या बनी रही।

इन टिप्स की मदद से हेयरलॉस से पाए राहत -

1. हेयर स्टाइलिंग से बचें (Avoid hair styling)

बालों को नया लुक देने के लिए हेयर स्टाइलिंग और हीटिंग टूल्स की मदद ली जाती है। इससे बालों में रूखापन और हेयर वॉल्यूम में कमी आने लगती है। इसके अलावा बालों को बार बार ब्रशिंग करने से भी जड़ों को नुकसान पहुंचता है। बालों को बैंड की मदद से बांध लें या फिर बन बनाएं। इसके अलावा डिलीवरी के बाद केमिकल युक्त ट्रीटमेंट लेने से भी बचें।

2. स्कैल्प मसाज करें (Scalp massage)

बालों की जड़ों को मज़बूत बनाए रखने के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार असेंशियल ऑयल को कैरियर ऑयल में मिलाकर मसाज करें। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है। ऑयनिंग से बालों की नमी रबकरार रहती है और मॉइश्चराइजिंग गुणों की प्राप्ति होती है। इससे बालों में बढ़ने वाली रूसी की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

3. स्वस्थ आहार लें (Healthy diet)

बच्चे का ख्याल रखने के दौरान अक्सर महिलाएं खुद के खानपान के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं। इससे पोषण की कमी बढ़ने लगती है। बालों के झड़ने की समस्या की रोकथाम के लिए आहार में आयरन, प्रोटीन और जिंक की मात्रा को बढ़ाएं। इसके लिए फल, सब्जियों और सूखे मेवों को आहार में शामिल करें। इसके अलावा अधिक शुगर के सेवन से बचें। साथ ही लिक्विड डाइट पर भी ध्यान दें।

4. शरीर को एक्टिव रखें (Stay active)

योग और मॉडरेट एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है, जिससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और हेयर सेल्स बूस्ट होते हैं। दिन में कुछ वक्त एक्सरसाइज़ अवश्य करें।

5. केमिकल युक्त शैम्पू और कंडीशनर से बचें (Avoid chemical products)

बालों की कंडीशनिंग के लिए होम मेड हेयर मास्क की मदद लें। इसके अलावा रीठा, आंवला और शिकाकाई की मदद से घर पर शैम्पू तैयार कर लें। इससे बालों को पोषण मिलता है और बाल झड़ने की समस्या से भी बचा जा सकता है।

6 तनाव न लें (Avoid stress)

बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। तनाव का बढ़ता स्तर शरीर में कार्टिसोल हार्मोन के लेवल को बढ़ा देता है। इससे हार्मोन असंतुलन बढ़ने लगता है, जो वेटगेन के अलावा हेयरफॉल का कारण साबित होता है। ऐसे में सेल्फ केयर आवश्यक है, इसके लिए कुछ वक्त अपने लिए निकालें और वो कार्य करें, जिससे शरीर रिलैक्स महसूस करता है। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होने लगते हैं।


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