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पितृ दोष करना है दूर? तो यहां करें पिंडदान, पटरी पर लौट आएगी जिंदगी!:

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पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के पिंडदान किए जाते हैं. कुछ जगहें इसलिए ही प्रसिद्ध हैं क्योंकि वहां पिंडदान करने से विशेष फल मिलते हैं. गया और प्रयागराज में पिंडदान करना चाहिए, ऐसा आपने बहुत बार सुना होगा. लेकिन आप चाहें तो यूपी में एक और जगह पिंडदान कर सकते हैं. वो है मिर्जापुर. आइए जानते हैं कहां पर.

मिर्जापुर में भगवान राम ने किया था पिंडदान

मिर्जापुर एक ऐसा स्थान है, जहां पिंडदान करने से विशेष फल मिलते हैं. भगवान राम के पिंडदान करने के बाद से मिर्जापुर में स्थित राम गया स्थान भी पिंडदान को लेकर पवित्र स्थल माना जाता है. यहां पर भी हजारों श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष पूर्वजों को पिंडदान करने आते हैं. इसलिए यह देश का चौथा पिंडदान करने वाला पवित्र स्थान बन गया है.

प्रयागराज का भी विशेष महत्व

प्रयागराज में गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती का मिलन स्थलीय है. इससे बनने वाला संगम दुनिया भर में फेमस है. यहां पर प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु आकर पितृपक्ष के समय पिंडदान करते हैं. इसी को देखते हुए लोकल 18 ने प्रयागराज में पिंडदान के महत्व को लेकर आचार्य अमित द्विवेदी से बातचीत की. आचार्य अंबुज द्विवेदी ने बताया कि प्रयागराज वही स्थान है, जहां पर अमृत गिरा हुआ था. इसीलिए यह स्थान और पवित्र हो जाता है, जबकि शास्त्रों एवं पुराणों में भी प्रयागराज में पिंडदान करने का महत्व बताया गया है.

पिंडदान के नियमों का जरूर करें पालन

पिंडदान करते वक्त कुछ नियमों का पालन आपको जरूर करना चाहिए. जैसे कि काले तिल और दाल का इस्तेमाल पिंडदान में जरूर होता है. गलत तरीके से पिंडदान से आपके काम बनने की जगह बिगड़ सकते हैं.


पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के पिंडदान किए जाते हैं. कुछ जगहें इसलिए ही प्रसिद्ध हैं क्योंकि वहां पिंडदान करने से विशेष फल मिलते हैं. गया और प्रयागराज में पिंडदान करना चाहिए, ऐसा आपने बहुत बार सुना होगा. लेकिन आप चाहें तो यूपी में एक और जगह पिंडदान कर सकते हैं. वो है मिर्जापुर. आइए जानते हैं कहां पर.

मिर्जापुर में भगवान राम ने किया था पिंडदान

मिर्जापुर एक ऐसा स्थान है, जहां पिंडदान करने से विशेष फल मिलते हैं. भगवान राम के पिंडदान करने के बाद से मिर्जापुर में स्थित राम गया स्थान भी पिंडदान को लेकर पवित्र स्थल माना जाता है. यहां पर भी हजारों श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष पूर्वजों को पिंडदान करने आते हैं. इसलिए यह देश का चौथा पिंडदान करने वाला पवित्र स्थान बन गया है.

प्रयागराज का भी विशेष महत्व

प्रयागराज में गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती का मिलन स्थलीय है. इससे बनने वाला संगम दुनिया भर में फेमस है. यहां पर प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु आकर पितृपक्ष के समय पिंडदान करते हैं. इसी को देखते हुए लोकल 18 ने प्रयागराज में पिंडदान के महत्व को लेकर आचार्य अमित द्विवेदी से बातचीत की. आचार्य अंबुज द्विवेदी ने बताया कि प्रयागराज वही स्थान है, जहां पर अमृत गिरा हुआ था. इसीलिए यह स्थान और पवित्र हो जाता है, जबकि शास्त्रों एवं पुराणों में भी प्रयागराज में पिंडदान करने का महत्व बताया गया है.

पिंडदान के नियमों का जरूर करें पालन

पिंडदान करते वक्त कुछ नियमों का पालन आपको जरूर करना चाहिए. जैसे कि काले तिल और दाल का इस्तेमाल पिंडदान में जरूर होता है. गलत तरीके से पिंडदान से आपके काम बनने की जगह बिगड़ सकते हैं.


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